महिला अस्पताल में आधी आबादी के हाथों वैक्सीनेशन की बागडोर
- सेंटर्स पर सिर्फ वरिष्ठ महिला नागरिक को ही लगा कोविड-19 का टीका
- मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित हुआ यह कार्यक्रम बरेली : मंडे को जिला महिला अस्पताल का नजारा कुछ बदला-बदला लग रहा था वैक्सीनेशन में सिर्फ महिला स्टाफ ही नजर आ रही थी। मौका था इंटरनेशनल वीमेन डे का। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जिला महिला अस्पताल में महिला स्टाफ को ही वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी दी गई थी। महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टीका लगने वाली बुजुर्ग महिलाओं का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और हल्के-फुल्के हंसी मजाक के साथ उनका मनोबल बनाए रखा। बढ़ाया मनोबल उप प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। शुचिता गंगवार ने वैक्सीनेशन का निरीक्षण कर सभी का मनोबल बढ़ाया और स्टाफ के साथ सेल्फी भी ली। उनकी देखरेख में जिला महिला अस्पताल की पूर्व सीएमएस डॉ। सुधा यादव को भी कोविड वैक्सीन लगाई गई।इन केंद्रों पर आधी आबादी को कमान
डॉॅ। शुचिता गंगवार ने बताया कि टीका लगाने से लेकर टीका लगवाने वाली सिर्फ महिलाओं को ही शामिल किया गया। महिला दिवस के लिए तीन सेंटर्स फरीदपुर सीएचसी, जिला महिला अस्पताल, जिला जेल चिकित्सालय में टीकाकरण किया गया। इस दिन आश्रय स्थल में रहने वाली बुजुर्ग, वृद्धा पेंशन लाभार्थी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी एवं अन्य वरिष्ठ नागरिक महिलाओं को कोविड-19 टीका लगवाया।
सरकारी में 18 तो निजी अस्पतालों में 27 फीसदी वैक्सीनेशन मंडे को जिले में 89 सरकारी सेंटर्स पर कोविड वैक्सीनेशन आयोजित हुआ। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सरकारी अस्पतालों में मंडे को 23400 लोगों को वैक्सीनेट करने का टारगेट निर्धारित किया गया था इसके सापेक्ष 4409 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। वहीं 18 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में 1175 लोगों को वैक्सीन का टारगेट निर्धारित किया गया था, इसके सापेक्ष 318 लोगों को वैक्सीनेट किया गया। वहीं 25 फीसदी टारगेट अचीव किया गया। सबसे बड़ी योद्धा मां होती है बरेली : मंडे को इंटरनेशनल वीमेन डे के मौके पर जिला अस्पताल के पोषण पुर्नवास केंद्र यानि एनआरसी में महिला सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान यहां एडमिट कुपोषित बच्चों की मां को एडीएसआईसी डॉ। सुबोध शर्मा ने गिफ्ट देकर सम्मानित किया। एनआरसी के डायटीशियन डॉ। रोजी जैदी ने बताया कि वार्ड में एडमिट दस बच्चों का इलाज चल रहा है, खास दिन में इन बच्चों की मां को सम्मान करने से एक सुखद अनुभव हुआ। क्योंकि दुनिया में सबसे बड़ी योद्धा मां होती है।