हर साल बढ़ जाता है फीस का 'सिलेबस'
15 परसेंट तक बढ़ जाती है फीसस्कूल में हर साल तकरीबन 15 परसेंट तक फीस में वृद्धि हो जाती है। स्कूलों की मानें तो यह इजाफा महंगाई की वजह से करनी पड़ती है। पर वह यह वृद्धि एकेडमिक फीस में करने की बजाए ट्रांसपोर्ट, स्पोट्र्स जैसे तमाम अन्य मदों में करते हैं। वहीं एडमिशन के स्टार्टिंग में दिए जाने वाले लुभावने पैकेज भी एडमिशन प्रॉसेस कंप्लीट होते ही विड्रा कर लिए जाते हैं। इस बार रजिस्ट्रेशन फीस में हुई वृद्धि से भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी फीस में वृद्धि होगी। लास्ट ईयर तक मैक्सिमम रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये थी, पर इस बार इसकी शुरुआत ही 500 रुपये से हो रही है। ऐसे में एक बार फिर पेरेंट्स पर एक्स्ट्रा वर्डन पडऩा लगभग तय माना जा रहा है।बुक्स व ड्रेस में भी बढ़ता है खर्च
बुक्स और ड्रेस में भी स्कूलों क कमीशन फिक्स होता है। ऐसे में स्कूल ओनर्स कोर्स चेंज होने के नाम पर बुक्स और ड्रेस में भी बदलाव कर देते हैं। ऐसे में पेरेंट्स पर एक्स्ट्रा आर्थिक दबाव पड़ता है। पेरेंट्स की मानें तो जब एडमिशन प्रॉसेस पूरा हो जाता है तब इसके खिलाफ आवाज उठाना बच्चे के लिए मुसीबत पैदा करना होता है। इसके अलावा दूसरे अन्य खर्चे भी हैं। जिनके लिए पेरेंट्स को भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है। बिल्डिंग फंड, डेवलपमेंट चार्ज, कंप्यूटर फीस ऐसे मद हैं जो स्कूल मैनेजमेंट हर साल पेरेंट्स से वसूलता है।साल भर में कुछ इस तरह बढ़ गई फीसस्कूल सत्र 2011-12 की फीस वर्तमान फीसजीआरएम 12,000 14,200हार्टमैन कॉलेज 9,600 13,800बिशप कोनराड 9,120 10,200सेंट फ्र ांसिस 9,920 10,790ये हैं नियमउत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत ने अक्टूबर, 2011 में डिफरेंट डिस्ट्रिक्ट्स के डीएम के लिए जो शासनादेश जारी किया, उसके नियम इस तरह हैं।-कोई भी स्कूल मनमानी फीस नहीं वसूल करेगा, ऐसा करने पर स्कूल की मान्यता निरस्त की जा सकती है।-एक बार जो फीस निर्धारित की जाएगी, वह तीन साल तक जारी रहेगी। जब इसे बदला जाएगा तो अभिभावक संघ से विचार-विमर्श किया जाएगा।-स्कूल केवल उन मदों में ही फीस लेगी जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई हैं।-सत्र के बीच में क ोई भी फीस वृद्धि नहीं की जाएगी। -जिस किसी भी मद में फीस ली जाएगी, उसकी रसीद स्कूल को जरूर देनी होगी।
-ड्रेस और बुक्स में भी तीन साल से पहले कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।-बिल्डिंग फंड और डेवलपमेंट चार्ज जैसे खर्चे पेरेंट्स से वसूले नहीं जा सकते।पेरेंट्स को फीस बढ़ोतरी की प्रॉब्लम से दूर रखने के लिए प्रशासन के साथ वार्ता की जाएगी और स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि न करने की बात रखी जाएगी। यह वार्ता एडमिशन प्रॉसेस शुरू होने से पहले ही की जाएगी। वार्ता में स्कूलों को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।-मो। खालिद जिलानी, कन्वीनर, पेरेंट्स फोरम फीस बढ़ोतरी का मामला अगर सामने आएगा तो हम इसके लिए जिला प्रशासन से बात करके उस पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों की मान्यता निरस्त करवाने के लिए भी कार्रवाई करेंगे।-विशेष कुमार, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, संत सच्चा सतराम दास साहिब एसोसिएशन