डर से 1500 अमीरों का जागा जमीर, अब पछतावा
बरेली(ब्यूरो)। यूं तो इंसान का जमीर आत्मज्ञान से जागता है, पर कभी यह डर से भी जाग जाता है। जमीर के जागने से अपराधबोध तो होता ही है, इसके सुधार का प्रयास भी होता है। बीते दिनों फैली एक सूचना के बाद पब्लिक में ऐसा डर का माहौल बना कि जिले में 1510 अमीरों का जमीर जाग गया। इसके बाद उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने आनन-फानन में अपनी भूल कबूल भी कर ली। जमीर जागने के बाद भूल कबूल करने वाले जिले के यह अमीर हैं अपात्र होने के बाद भी पात्र बनकर सरकारी राशन डकार रहे राशन कार्ड धारक।
सरेंडर करने वालों 70 परसेंट अर्बन
जिले के कुल राशन कार्ड धारकों में से बड़ी संख्या में ऐसे कार्ड धारक हैं जो इसकी पात्रता की श्रेणी से बाहर हैं। इनमें ज्यादा संख्या अर्बन कार्ड धारकों की है। जिला पूर्ति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से मई के बीच सरेंडर हुए 1510 राशन कार्ड धारकों में से 70 परसेंट कार्ड धारक शहरी हैं तो 30 परसेंट ग्रामीण।
450 क्विंटल राशन प्रति माह की बचत
राशन कार्ड धारकों को कोरोना काल से अब तक महीने में दो बार मुफ्त में राशन वितरण हो रहा है। एक महीने के भीतर ही सरेंडर करने वाले 1510 कार्ड धारकों से अब हर महीने 450 क्विंटल से अधिक सरकारी राशन की बचत होगी। यह बचत मिनिमम तब है जब प्रति कार्ड तीन यूनिट का औसत माना गया है। इस औसत के अनुसार कुल यूनिट 4530 होता है और प्रति यूनिट एक बार में पांच किलो राशन प्राप्त होता है। इस आंकडे के अनुसार एक बार में कुल 226.50 क्विंटल राशन इनको प्राप्त होता है और दो बार वितरण होने पर यह मात्रा 453 क्विंटल हो जाता है। इन राशन कार्डों में वास्तविक यूनिट हर हाल में इससे ज्याद होंगे और इससे बचत भी कई क्विंटल अधिक होगी।
राशन कार्ड की पात्रता को लेकर बीते दिनों एक सूचना वायरल हुई। इसमें बताया गया कि जिनके पास फ्रिज, बाइक जैसी बेसिक नीड के आइटम्स हैं और उनके पास राशन कार्ड है तो उनका राशन कार्ड कैंसिल होगा। इतना ही नहीं उन्होंने जब से राशन लिया है उसकी कुल मार्केट कास्ट की वसूली भी होगी। यह वायरल सूचना सभी जगह आग की तरह फैली। इसके बाद कार्ड धारकों की धडक़नें बढ़ गई और सभी अपने को पात्र-अपात्र की कसौटी पर कसने लगे। इसमें जिसने अपने को पूरी तरह अपात्र पाया उसने बकायदा अपने को अपात्र घोषित करते हुए खुद का राशन कार्ड सरेंडर कर दिया। अब जब सरकार की ओर यह साफ कर दिया है कि उसने राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर कोई नई गाइड लाइन जारी नहीं की है, तो कार्ड सरेंडर करने वालों में से अधिकांश को अपने किए पर पछतावा हो रहा है।
कार से पहुंच रहे हैं राशन कार्ड लेनेखुद को अपात्र घोषित कर राशन कार्ड सरेंडर करने वाले अभी भी मुफ्त सरकारी राशन का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इनमे ंसे कई लोग अब जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपना राशन कार्ड वापस करने की मांग कर रहे हैं। आफिस कर्मचारियों ने बताया कि कई लोग अपना राशन कार्ड वापस लेने के लिए कार से यहां पहुंच रहे हैं। जब उनसे मना किया जाता है तो वह राशन कार्ड वापस पाने की प्रक्रिया के बारे में पूछते हैं। उन्होंने बताया कि अब जांच के बाद पात्र पाए जाने पर ही किसी को राशन कार्ड जारी किया जा सकता है।
फैक्ट फाइल
5,61,712 - कुल राशन कार्ड धारक
2,27,115 - अर्बन राशन कार्ड धारक
1510 - राशन कार्ड हुए एक महीने में सरेंडर
05- किलो राशन प्रति यूनिट होता है वितरण
450 - क्विंटल राशन की कम से कम बचत