एसआईपी में एफडी, आरडी से बेहतर रिटर्न
बरेली ब्यूरो । महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्विद्यालय के एमबीए डिपार्टमेंट एवं रोहिलखंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक साप्ताहिक वैल्यू एडेड प्रोग्राम शुरू हुआ। कार्यक्रम का विषय इमर्शन-बैंकिंग उद्योग का पहला अनुभव है जो कि 16 से 22 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम के संरक्षक एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह, कार्यक्रम निदेशक प्रो। संजय मिश्रा और कार्यक्रम समन्वयक प्रो। तूलिका सक्सेना, कार्यक्रम सह समन्वयक वर्षा, डॉ। मंजुला सिंह, डॉ। प्रियंका रस्तोगी को बनाया है। कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के मैनेजर वक्ता और ट्रेनर के रूप में शामिल होंगे।
बैंकिंग उद्योग की दी जानकारी
पहले दिन रिसोर्स पर्सन के रूप में यस बैंक के कुश गुप्ता और दुष्यंत गौड़ उपस्थित रहे। प्रथम सत्र में कुश गुप्ता ने बैंकिंग उद्योग पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बैंकिंग उद्योग केवल बचत खाते के बारे में नहीं है, इसमें चालू खाता, सावधि जमा, आवर्ती जमा के साथ ही व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) भी शामिल है। व्याख्यान में एसआईपी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कम उम्र के लोग जोखिम लेने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन हमारे पिता या ऊपर की पीढ़ी जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए वे अपनी राशि एफडी या आरडी में निवेश करना चाहते हैं। लेकिन हम लोग जोखिम ले सकते हैं और हमें अपनी राशि को एसआईपी में निवेश करना चाहिए, जो एफडी या आरडी की तुलना में अधिक रिटर्न देगा।
बैंकिंग इंडस्ट्री में अच्छा करियर
दूसरे सत्र में दुष्यंत गौड़ ने बैंकिंग सेक्टर में करियर के लिए आवश्यक स्किल्स और नॉलेज पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एमबीए के बाद अच्छे भविष्य के लिए छात्र बैंकिंग इंडस्ट्री का रुख कर सकते हैं। कार्यक्रम में प्रो.पीबी सिंह, प्रो। राजकमल, आलोक सक्सेना, डॉ। नम्रता यादव दास, डॉक्टर रोमिता खुराना, नवनीत शुक्ला समेत एमबीए के छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आगामी दिनों में एचडीएफसी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर सेक्रेटरी ऑफ इंडिया एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक वक्ता के रूप में सम्मिलित होंगे।