हमें जमीनें नहीं देनी.. प्रशासन क्यों बना रहा दबाव
-कमिश्नर कार्यालय में बैठक के लिए पहुंचे किसान स्थगन की जानकारी मिलने पर भड़के
-पुलिस सुरक्षा तोड़कर कमिश्नर कार्यालय में घुसे, एसडीएम सदर और पुलिस से नोकझोंक, सड़क जाम करने का प्रयास -कमिश्नर कार्यालय से लेकर डीएम कार्यालय तक हंगामा, हर गांव के दो-दो किसानों का प्रतिनिधि मंडल बनाया, अब दोबारा होगी बैठकबरेली : किसानों से जमीनें छीन नहीं सकता प्रशासन, हम अपनी जमीनें आवासीय योजनाओं के लिए नहीं देंगे। इस तरह के नारों के साथ किसान मंगलवार सुबह कमिश्नर कार्यालय पर इकट्ठा हुए। अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ होने वाली बैठक में विरोध का हल निकाला जाना था। लेकिन कमिश्नर आर। रमेश कुमार के बदायूं दौरे पर जाने की वजह से बैठक स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद किसान भड़क गए। पहले कमिश्नरी गेट पर नारेबाजी की, फिर पुलिस सुरक्षा तोड़कर कार्यालय परिसर में घुस आए। पीएसी और पुलिस ने उन्हें नियंत्रित किया। एसडीएम सदर विशु राजा और पुलिस से किसानों की नोकझोंक हुई। एसडीएम सदर ने हर गांव के दो-दो किसानों का प्रतिनिधि मंडल बनाकर दोबारा कमिश्नर के साथ बैठक कराने के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद किसान शांत हुए। लेकिन कार्यालय परिसर से बाहर निकलते ही किसानों ने सड़क जाम करने का प्रयास किया। पीएसी के जवानों और पुलिस वालों ने उन्हें हटाया।
12 गांवों की ली जानी है जमीन बरेली विकास प्राधिकरण रामगंगा आवासीय योजना का विस्तार करने के लिए चंद्रपुर बिजपुरी, डोहरिया, अब्दुलापुर माफी, कलारीलालपुर, इटऊआ बेनीराम, मोहनपुर उर्फ रामनगर, अहरौला, बालीपुर अहमद, नहरिया, नबदिया झादा, कचौली की जमीनों का अधिग्रहण करना चाहता है। इसके लिए किसानों के सामने आपसी समझौते पर लैंड पूल का विकल्प दिया गया है। लेकिन किसान तैयार नहीं हैं। पांच दिन पहले बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की अगुवाई में किसानों ने कमिश्नर कार्यालय में हंगामा किया था। कमिश्नर ने 31 अगस्त को दोबारा बैठक का आश्वासन दिया था। इसलिए किसान मंगलवार को कमिश्नर कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन कमिश्नर बदायूं दौरे पर चले गए। इसके बाद किसान भड़क गए। नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू हो गया। भोजीपुरा विधायक मुर्दाबाद के नारे किसानों ने सिर्फ प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे नहीं लगाए। उन्होंने भोजीपुरा विधायक बहोरन लाल मौर्य मुर्दाबाद के नारे लगाए। किसानों में नाराजगी थी, क्योंकि किसानों के एक छोटे गुट के साथ पांच दिन पहले भोजीपुरा विधायक ने बीडीए वीसी से मुलाकात करके कहा था कि किसान जमीन देने के लिए सहमत हैं। सड़क पर बैठे किसानबैठक के आश्वासन के बाद किसान कमिश्नर कार्यालय से बाहर निकले और जाम लगाने के लिए सड़क पर बैठ गए। नारेबाजी शुरू हो गई। वाहनों की कतार चौकी चौराहा की तरफ से लगने लगी। कोतवाली पुलिस और पीएसी के जवानों ने जल्दी-जल्दी किसानों को हटाया। जिसके बाद जाम की स्थिति को टाला जा सका।
महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन कमिश्नर कार्यालय से निकलने के बाद किसानों का जत्था डीएम कार्यालय की तरफ नारेबाजी करते हुए गया। डीएम की मौजूदगी नहीं होने से उन्होंने कलक्ट्रेट के बाहर भी प्रदर्शन किया। किसानों के मुताबिक जमीन की पूल लैंड बनाकर या अधिग्रहण के बदले मुआवजा उन्हें स्वीकार नहीं है। किसानों के साथ महिलाएं भी प्रदर्शन करने के लिए आई थी। एसडीएम के समझाने पर नोकझोंक गुस्साए किसानों को समझाने का प्रयास एसडीएम सदर विशु राजा ने किया। लेकिन किसान उनसे भी गहमा-गहमी करते नजर आए। बरेली विकास प्राधिकरण का लैंड पु¨लग के कागज भी किसानों को दिए गए। डीएम नितीश कुमार लगातार एसडीएम विशु राजा से संपर्क में रहे। लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं थे। आखिरकार हर गांव से दो-दो किसानों का प्रतिनिधि मंडल बनाकर कमिश्नर से मुलाकात पर राजी हुए।किसानों को समझाया गया कि उनकी जमीनों के अधिग्रहण पर रजामंदी के लिए दोबारा बैठक जल्द होनी है। लैंड पु¨लग संबंधित कागजात भी उन्हें दिए गए है। अब दोबारा बैठक के लिए किसानों का प्रतिनिधि मंडल बुलाया जाएगा।
- विशु राजा, एसडीएम सदर बरेली