स्वास्थ्य विभाग की शह पर चल रहे फर्जी अस्पताल
बरेली (ब्यूरो)। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से जिले में फर्जी अस्पतालों और नर्सिंग होम की बाढ़ सी आ गई है। वहीं हर गली और चौराहे पर झोलाछाप क्लीनिक खोलकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी नहीं है। लेकिन, जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अंज्ञान बने हैं। इसी का नतीजा है कि आए दिन ऐसे अस्पतालों और झोलाछापों के उपचार से किसी न किसी की जान चली जाती है। जब इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो जिम्मेदार ऐसे अस्पतालों को नोटिस जारी करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे अस्पताल सील करने के दो-चार दिन बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रहमदिली के चलते फिर से खुल जाते हैं।
दो दिन बाद ही खुल गए सील अस्पताल
कुछ दिन पहले नोडल अधिकारी डॉ। सौरभ सिंह ने अलीगंज में अस्पतालों में छापेमारी की थी। इस दौरान उन्होंने अल मदार नर्सिंग होम और अपना नर्सिंग होम बिना पंजीकरण संचालित पाया। जिसमें सेवा प्लस अस्पताल में भी खामियां मिलीं थीं। मेेडिकल बेस्ट का रख-रखाव भी सही से नहीं मिला। खामियां मिलने के बाद नोडल अधिकारी ने अल मदार नर्सिंग होम और अपना नर्सिंग होम को सील करने के बाद संचालकों को नोटिस भी जारी किए। लेकिन, दो-तीन दिन के बाद ही दोनों नर्सिंग होम दोबारा से खुल गए और अधिकारियों ने आज तक दोनों नर्सिंग होम पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं की। नोडल अधिकारी डॉ। सौरभ सिंह ने बताया कि दोनों अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद करने के बाद सील किया था। अस्पताल दोबारा से संचालित हो रहे हैं, उसकी उन्हें जानकारी नहीं है। ये दायित्व वहां की टीम का बनता है कि उनके संज्ञान में मामला लाया जाए। उ'चाधिकारियों के आदेश मिलने से उन पर दोबारा से कार्रवाई की जाएगी।
एसीएमओ को मिली अनियमितताएं
21 अगस्त को एसीएमओ हरपाल सिंह ने आंवला में संचालित प्राइवेट हॉस्पिटल्स व नर्सिंग होम पर छापेमारी कर व्यवस्थाएं परखीं। प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम लगातार स्वास्थ्य विभाग के नियमों की ध'िजयां उड़ाते नजर आए। हॉस्पिटल एवं प्राइवेट नर्सिंग होम से निकलने वाला मेडिकल बेस्ट को खुलेआम सडक़ किनारे जलाया जा रहा है।
वीडियो वायरल होने पर हरकत में आए अधिकारी
आंवला में सडक़ किनारे पेट्रोल पंप के पास ही मेडिकल बेस्ट जलाने का वीडियो वायरल होने पर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक नर्सिंग होम, हॉस्पिटल, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी की। जिस पर कई फर्जी अस्पताल संचालक, झोलाछाप व अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक अपने-अपने संस्थान बंद कर रफूचक्कर हो गए। एसीएमओ डॉ। हरपाल सिंह ने बताया कि नर्सिंग होम व हॉस्पिटल से निकलने वाले मेडिकल बेस्ट सार्वजनिक क्षेत्र में फेंकना व जलाना नियम विरुद्ध है। उन्हेें महक नर्सिंग होम के सामने खुले में मेडिकल बेस्ट पड़ा मिला। नर्सिंग होम संचालक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। साथ ही फर्जी नर्सिंग होम संचालित करने वालों को भी नोटिस जारी किए जाएंगे।
केस-1
प्रसव के दौरान महिला की गई जान
बरेली-बदायूं मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में 22 अगस्त को प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। महिला के पति का आरोप था कि अस्पताल में ऑक्सीजन तक की व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते उसकी पच्ी की मौत हो गई। जब इस संबंध में सीएमओ बलवीर सिंह से बात की गई तो उन्हें मामले की जानकारी ही होने से इनकार कर दिया। मृतका के पति ने अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर दी। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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केस-2
झोलाछाप ने युवक की ले जान
बहेड़ी थाना क्षेत्र के गांव फरदिया मनकरा निवासी हरदीप सिंह की कुछ दिन पहले एक झोलाछाप ने गलत उपचार से जान ले ली। मृतक की पत्नी व बेटे ने पुलिस व अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 22 अगस्त को पीडि़त परिवार डीएम से मिला और पूरा घटना की जानकारी दी। जिस पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने एसीएमओ डॉ। सीपी सिंह व अपर शोध अधिकारी पीएस आनंद कुमार को बुलाकर आरोपित झोलाछाप के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराने के निर्देश दिए।
दोनों अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद करने के बाद सील कर दिया गया था। साथ ही नोटिस जारी किया गया था। दोबारा से अस्पताल संचालित होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। सीएमओ का निर्देश मिलने के बाद दोबारा से कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। सौरभ सिंह, नोडल अधिकारी