डटकर करें टीबी का सामना
बरेली(ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में जिला अस्पताल में आयोजित टीबी मुक्त राष्ट्र कार्यक्रम में देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को पूरे करने में योगदान दिया गया। इसमें 20 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। साथ ही लोगों को टीबी के प्रति अवेयर भी किया गया।
वेलनेस सेंटर बन रहा मददगारकार्यक्रम में 20 टीबी रोगियों में महापौर डॉ। उमेश गौतम ने सात, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ। अरुण कुमार ने पांच, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने पांच, महानगर अध्यक्ष डॉ। केएम अरोड़ा ने तीन व अन्य ने गोद लिया। जिले में हाल ही में 100 से च्यादा टीबी रोगी चिन्हित किए गए थे। वेलनेस सेंटर्स के जरिए पेशेंट्स का बेहतर इलाज किया जा रहा है।
जिले में हैैं 150 निक्षय मित्र
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। केके मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में जिले के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों व क्लीनिक्स में करीब 7000 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 2700 मरीजों को समाज के स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधि व अन्य लोगों ने गोद लिया है। वर्तमान में जिले में डेढ़ सौ निक्षय मित्र हैं। टीबी के इलाज में नौ लाख का खर्च आता है। लेकिन, सरकारी अस्पताल में टीबी पेशेंट्स का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। सरकार की तरफ से देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। केके मिश्रा ने बताया कि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी आ रही है। साथ बलगम का आना, भूख कम लगना, बुखार का आना और वजन कम होना टीबी के लक्षण हो सकते हैैं। योजना से मिल रहा लाभ
टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए निक्षय मित्र योजना शुरू की गई है। योजना में टीबी से पीडि़त लोगों को गोद लेने की व्यवस्था है। कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई, संगठन, राजनीतिक दल, टीबी मरीज को गोद ले सकता है। इलाज में उसकी मदद करायेगा, उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जायेगी। अभियान में व्यक्ति या संस्था को कम से कम छह माह के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण व जरूरी मदद उपलब्ध करवा सकते हैैं। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी, भाजपा नेता समेत अन्य लोग मौजूद रहे।