कॉपी चेकिंग की सेंचुरी लगा रहे एग्जामिनर्स
इंटर में 9 मिनट जबकि हाईस्कूल में 7 मिनट में चेक करनी होती है एक कॉपी
12वीं में मैक्सिमम 40 और 10वीं में 50 कॉपियां जांचने का है नियम, BAREILLY: पांच दिनों के ठहराव के बाद बोर्ड की कॉपियों की चेकिंग एक्सप्रेस रफ्तार के साथ दौड़ पड़ी है, जिसमें एग्जामिनर स्पीड की सेंचुरी लगा रहे हैं। हालांकि, इसमें स्टूडेंट्स के भविष्य की गाड़ी डिरेल होने का खतरा भी बना हुआ है। चार लाख काॅपी, दस दिनटीचर्स की स्ट्राइक के चलते बोर्ड की कॉपी चेक होने का काम करीब फ् अप्रैल तक प्रभावित रहा। ब् अप्रैल को विरोध हल्का पड़ने के साथ ही कॉपी चकिंग के काम ने रफ्तार पकड़ लिया है। कॉपी चेक करने की लास्ट डेट क्फ् अप्रैल है। इस लिहाज से विभाग के पास चार लाख कॉपियों को अगले 8 दिन में चेक करना है। यही वजह है कि एग्जामिनर्स कॉपी चेकिंग की सेंचुरी लगा रहे है। एक-एक टीचर्स सौ से अधिक कॉपी चेक कर रहे हैं। ऐसे में, स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि रफ्तार मेंटेंन करने के चक्कर में टीचर्स कॉपी को बेहतर तरीके से जांच रहे है, यह सवालों के घेरे में है। जीआईसी में इंटरमीडिएट की इंग्लिश और हाईस्कूल की सोशियोलॉजी व होम साइंस क्00 से ज्यादा कॉपियां एक-एक एग्जामिनर ने चेक किया। यही स्थिति दूसरे मूल्यांकन केंद्रों की भी रही।
कॉपी चेक करने का टाइम यूपी बोर्ड में एग्जामिनर को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कॉपी चेक करने के लिए आइडियल टाइम क्रमश: 7 व 9 मिनट मिलता है, जिसमें हर एक आंसर को रीड करने में तकरीबन फ्0 मिनट लगते हैं। इसी लिहाज से बोर्ड ने हर एक एग्जामिनर को डेली ब्0 व भ्0 कॉपी चेक करने का टारगेट दिया है। क्भ् परसेंट ही होती है रीचेकिंग सेंचुरी लगा रहे एग्जामिनर्स की कॉपियों की चेकिंग में एरर संभव है। ऐसे में, स्टूडेंट्स मेहनत के हिसाब से मार्क्स पाने से वंचित भी होते हैं। इसकी वजह यह भी है कि यूपी बोर्ड में चेक की हुई सभी कॉपियों की रीचेकिंग बहुत कम ही होती है.सभी कॉपियों में से रेंडमली मात्र क्भ् परसेंट कॉपियों को ही रीचेक करने का नियम है।