कुपोषण मुक्त कराने को अधिकारी गोद लेंगे गांव
- आंगनबाड़ी, एएनएम और आशा बहुएं करेंगी कुपोषित बच्चों की पहचान
- मंडलीय व जिला स्तरीय अधिकारी भी लेंगे एक-एक गांव लेंगे गोद BAREILLY: बच्चों में कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए कमिश्नर विपिन कुमार द्विवेदी ने अधिकारियों को एक-एक गांव गोद लेने के लिए कहा है। मंडल के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह कुपोषण की समस्या का समूल नाश करने के एक-एक प्वाइंट्स पर नजर रखें। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, बाल विकास, जल निगम व अन्य विभागों के अधिकारियों से बेहतर कार्य के निर्देश दिए। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त सी.पी। सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। कुपोषित बच्चे चिन्हित होंगेकमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी, एएनएम आशा बहुओं के माध्यम से हर गांव के भ् वर्ष तक के बच्चों का वजन तौलकर व अन्य तरीकों से कुपोषण को चिन्हित करें। कुपोषण से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों को राशन की दुकान से निर्धारित मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित बच्चों को दोगुना पुष्टाहार मिलेगा। अगर कहीं पानी के कारण बच्चों में कुपोषण मिले, तो वहां के पानी की टेस्टिंग की जाए। कुपोषित बच्चों का हेल्थ कार्ड बनेगा एक मंथ के बाद स्वास्थ्य परीक्षण कराकर कुपोषण निदान प्रगति का आकलन किया जाएगा। बच्चों का नियमित टीकाकरण भी किया जायेगा।
पोषण प्रवास केंद्र में अभिभावक भी रहेंगे साथ जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में पोषण प्रवास केन्द्र खोले गये हैं। जहां अतिकुपोषित बच्चों को क्भ् दिन रखकर उपचार किया जाएगा। पोषण केंद्र में बच्चों के साथ पेरेंट्स भी रहेंगे। इस दौरान कुपोषण से निदान हेतु आमतौर पर अपनाए जाने वाले कार्यो पर जोर देने का निर्देश दिया गया है। गर्भवती माताओं एवं शिशुओं का समय से टीकाकरण, गांवों में घरों में स्वच्छता रखना, शुद्ध पानी का प्रयोग करना, नवजात शिशुओं को स्तनपान कराना, समय-समय पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराना, पौष्टिक और संतुलित आहार बच्चों को उपलब्ध कराना है।