- कुतुबखाना, कोहाड़पीर और बड़ा बाजार में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ की शिकार होती हैं ग‌र्ल्स

-भीड़-भाड़ वाले एरियाज रोड छाप मजनुओं के लिए होते हैं सेफ प्लेस

BAREILLY: 'अरे उधर मत जाओ, प्लीज साथ में रहो, वो लड़के हमें ही घूर रहे हैं' यह जुमला सिटी के मार्केट में बरबस ही ग‌र्ल्स की जुबान से निकल पड़ता है। बरेली का बाजार कभी सुरमा यानि काजल के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इसे ईव टीजिंग की नजर लग गई है। बेवजह की परेशानियों से बचने के लिए ग‌र्ल्स शॉपिंग के लिए फैमिली अथवा फ्रेंड्स ग्रुप्स के संग ही निकलती हैं। तो दूसरी ओर शाम ढलते ही वापस होने लगती हैं। क्योंकि शाम ढलने के साथ ईव टीजर्स के हौसले बुलंद हो जाते हैं। आए दिन शाम को मार्केट में छेड़खानी के चलते हाथापाई तक की नौबत आ जाती है।

जीना हुआ मुहाल

स्थान: बड़ा बाजार, कुतुबखाना और कोहाड़ापीर

समय: दोपहर दो बजे

यह शहर का सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला मार्केट है। मार्केट में जबरदस्त भीड़ थी। दुकानों व स्ट्रीट शॉपिंग में ग‌र्ल्स व्यस्त थीं। ऐसे में लड़कियों का एक ग्रुप घंटाघर के पास से गुजरा। वहीं, पास खड़े लड़कों के एक ग्रुप ने उनका कुछ दूर तक पीछा किया, लेकिन कैमरा देखने के बाद वह पीछे हट गए। लेकिन ठीक उसी जगह कुछ देर बाद फिर से चार लड़के आकर खड़े हो गए। पास ही खड़ी लड़कियों ने बताया कि कुछ लड़के अक्सर खड़े होते हैं। इसके अलावा शॉप्स में काम करने वाले लड़के भी छुट्टी मिलते ही मार्केट में निकलकर छेड़खानी करने लगते हैं। भीड़भाड़ होने की वजह से किसने कमेंट किया यह पता नहीं चल पाता। तो दूसरी और अवारा लड़के भीड़ में टच करते हुए निकल जाते हैं।

ईव टीजर्स के लिए सेफ प्लेस

सायकोलॉजिस्ट के मुताबिक भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे कि मार्केट में लड़कियों को तंग करने वाले लड़कों का इंटेंसन उन्हें परेशान करने का नहीं होता। उनका मकसद केवल एंटरटेनमेंट का होता है। ऐसे में जब उन्हें दोस्तों का साथ मिलता है, तो इसमें उनकी हरकत और भी बढ़ जाती है। क्योंकि भीड़ होने की वजह से किसने क्या बोला और सुनकर भी कोई झटपट एक्शन नहीं ले सकता। शॉपिंग के लिए निकले लोग भी जल्दी में होते हैं। अपोजिट सेक्स अट्रैक्शन जिन लड़कों में ज्यादा प्रभावी होता है। वह लड़कियों को भीड़ का फायदा उठाकर टच करने से भी बाज नहीं आते। दोनों ही तरह की ईव टीजिंग होने के बाद भी यह प्लेस रोडसाइड रोमियो के लिए सेफ प्लेस बन जाता है। जहां वह ग‌र्ल्स को आसानी से छेड़छाड़ करते हैं।

छेड़खानी होने पर करें संपर्क

थाना लैंडलाइन सीयूजी

कोतवाली - 0भ्8क्-ख्भ्77क्भ्ख् 9ब्भ्ब्ब्0फ्09फ्

किला - 0भ्8क्-ख्ब्भ्7क्9भ् 9ब्भ्ब्ब्0फ्क्00

प्रेमनगर - 0भ्8क्-ख्भ्ब्7ब्ब्भ् 9ब्भ्ब्ब्0फ्099

कानून बन जाने के बाद भी लड़कियों को ईव टीजिंग का शिकार होना पड़ रहा है। पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है। जिससे लफंगे खुलेआम लड़कियों को परेशान कर रहे हैं।

तरू अरोरा, स्टूडेंट

बेरोजगारी की फ्रस्टेशन को दूर करने के लिए लड़के लड़कियों को छेड़कर खुद को एंटरटेन करते हैं। गवर्नमेंट और पेरेंट्स की अनदेखी इन्हें इस हरकत के लिए मजबूर करती है।

डॉ। आशीष शर्मा, प्लेसमेंट कोऑर्डिनेटर

बाजार में बिना फैमिली अथवा ग्रुप के ग‌र्ल्स शॉपिंग कर ही नहीं सकती हैं। क्योंकि अकेली लड़की देखकर लड़के उसका पीछा करते हुए टीजिंग करते रहते हैं। पुलिस को कुछ करना चाहिए।

कंचन यादव, स्टूडेंट

जैसे अपनी मां-बहनों के साथ लड़कों का व्यवहार होता है। वैसी सोच किसी और लड़की के प्रति नहीं होती। जैसा वह दूसरों के साथ कर रहे हैं, उनकी मां बहनों के साथ भी ऐसा हो सकता है।

ज्योति राणा, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive