जमानत भी नहीं बचा पाए सूरमा
-बरेली की दोनों सीटों पर 27 में से 22 कैंडीडेट नहीं बचा पाए अपनी जमानत
BAREILLY: मोदी की सुनामी में भाजपा कैंडीडेट्स ने ऐसा कहर बरपाया कि उनकी जीत के असर से कई प्रमुख पार्टी के कैंडीडेट्स अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। बरेली की दोनों सीटों पर बीजेपी कैंडीडेट्स ने बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को ऐसी पटकनी दी कि सेकेंड पोजिशन वाले कैंडीडेट को छोड़ बाकी सभी कैंडीडेट्स को अपनी जमानत गंवानी पड़ी। उनके हिस्से में इतने भी वोट नहीं मिले कि आम लोगों के बीच अपनी साख बचा सकें। दोनों लोकसभा सीटों पर ख्ख् कैंडीडेट्स की जमानत जब्त हो गई, जबकि टोटल ख्7 कैंडीडेट्स खड़े थे। कैसे होती है जमानत जब्तइलेक्शन लड़ने के लिए हर कैंडीडेट को इलेक्शन कमीशन में एक जमानती राशि जमा करनी होती है। हर कैंडीडेट को ख्भ्,000 रुपए बतौर सिक्योरिटी जमा कराई जाती है। जिस कैंडीडेट के पाले में टोटल पड़े वोट का एक छठवां हिस्सा भी नहीं आता, उसे अपनी जमानत गंवानी पड़ती है। बरेली लोकसभा सीट पर वोटिंग के दिन क्0,क्7,99ख् वोट पड़े थे। इस हिसाब से हर कैंडीडेट को अपनी जमानत बचाने के लिए कम से कम क्,म्9,म्म्भ् वोट लाने थे। वहीं आंवला लोकसभा सीट पर 9,90,87म् मत पड़े थे। इस लिहाज से यहां पर हर कैंडीडेट को जमानत बचाने के लिए क्,म्भ्,क्ब्म् वोट चाहिए था।
सीटिंग एमपी भी नहीं बचा पाए जमानत बरेली लोकसभा सीट पर तो सीटिंग एमपी रहे कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। उन्हें मात्र 8ब्,ख्क्फ् वोट मिले। थर्ड प्लेस पर रहे उमेश गौतम को क्,0म्,0ब्9 वोट तो मिले, लेकिन वे भी अपनी जमानत गंवा बैठे। इनके अलावा इस सीट पर मसर्रत वारसी, सुनील कुमार, असलम एडवोकेट, नेतराम, सैयद राशिद अली, कमल किशोर, मनोज विकट, लोटन सिंह पटेल, जावेद खान और लईक अहमद की भी जमानत छिन गई। इस सीट पर क्ब् कैंडीडेट खड़े हुए जिसमें से क्ख् कैंडीडेट्स की जमानत जब्त हो गई। उधर आंवला लोकसभा सीट पर क्फ् कैंडीडेट्स खड़े हुए थे, जिसमें से क्0 की जमानत जब्त हो गई। यहां पर सर्वराज सिंह और सुनीता शाक्य ही अपनी जमानत बचा पाए।