Election है या tension
बड़े वाहन की problemप्रॉब्लम केवल यहीं खत्म नहीं होती। रोडवेज बसों के साथ ही प्राइवेट बड़े वाहनों को भी इलेक्शन में लगाया जा रहा है। दूसरी ओर ट्रेंस में रिजर्वेशन की कंडीशन नो रूम तक पहुंच गई है। ऐसे हालात में ये माना जा रहा है कि बरेलियंस का दूसरे शहर में होली मनाना मुश्किल रहेगा। चुनाव की वजह से लोगों की शादियों में भी अडंग़ा होना तय है। सबसे ज्यादा प्रॉब्लम दूल्हों की हैं। कहीं बड़ी गाड़ी में दुल्हन को विदा करने का सपना, सपना बनकर ही न रह जाए। इसके पीछे सबसे बड़ा रीजन बड़े व्हीकल्स का इलेक्शन में लगना है। ज्यादातर व्हीकल्स इलेक्शन ड्यूटी में लग चुके हैं और जो बच गए हैं, उनके भी ड्यूटी में लगने के आसार हैं। ऐसे में बरेलियंस को समझ नहीं आ रहा है कि वे करें भी तो आखिर क्या।पढ़ाई हो रही प्रभावित
शहर में कई स्कूल्स ऐसे हैं जहां के टीचर्स की इलेक्शन में ड्यूटी लगाते समय एडमिनिस्ट्रेशन ने ये तक नहीं सोचा कि बच्चे आखिर पढ़ेंगे कैसे? इस बार डिस्ट्रिक्ट के करीब डेढ़ हजार टीचर्स की ड्यूटी इलेक्शन में लगा दी गई है। होली पड़ सकती है फीकी
ज्यादातर लोगों का मानना है कि आयोग की सख्ती के कारण एडमिनिस्ट्रेशन उन लोगों पर कड़ाई कर रहा है जिनका चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। न केवल बिजनेस बल्कि चुनाव के दौरान बंैक के कामकाज पर असर पडऩा भी लाजिमी है। यूपी बैंक इंप्लॉई यूनियन बरेली यूनिट के डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी संजय मेहरा ने बताया कि एडमिनिस्ट्रेशन ने चुनाव में बैंक के ऑफिसर्स और इंप्लॉई की कम से कम डयूटी लगाए जाने की बात कही थी जबकि सभी गवर्नमेंट बैंकों की शाखाओं से लगभग 70 परसेंट स्टाफ को इलेक्शन डयूटी में लगा दिया गया है। इसके कारण 1 मार्च से चुनाव निपटने तक बैंक के काम में रुकावट का होना तय माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि मार्च में होली भी है। ऐसे में लोगों को अपनी पे निकालने में भी प्रॉब्लम होगी।इन schools के टीचर्स की लगी duty-प्राथमिक विद्यालय कूंचा-प्राथमिक विद्यालय परसाखेड़ा-प्राथमिक विद्यालय जखीरा-जूनियर हाईस्कूल रोठा-प्राथमिक विद्यालय नवदिया -नवदिया बिशन सहाय-तहप्यारी नवादा-प्राथमिक विद्यालय गजरौला-जाफराबाद के धनौरा फिरोजपुर-क्यारा के फरीदपुर बरकली-सूदनपुर-जूनियर हाईस्कूल मानपुर-जूनियर हाईस्कूल भूड़-जूनियर हाईस्कूल ढिरिया-जूनियर हाईस्कूल शेरगढ़ का मुम्बईचुनाव आयोग ने जो सख्ती की है। वो अपनी जगह सही है लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन को कुछ ऐसा प्रयास करना चाहिए जिसके कारण आम आदमी को प्रॉबलम न हो।
-ईशा, टीचर
आयोग को सख्ती को लागू करना एडमिनिस्ट्रेशन की मजबूरी है क्योंकि इसी के कारण इस बार इलेक्शन के बावजूद शांति बनी हुई है।-अखिलेश, स्टूडेंटएडमिनिस्ट्रिशन की सख्ती की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जब हम एडमिनिस्ट्रेशन की सुन रहे हैं तो एडमिनिस्ट्रेशन को भी हमारी सुध लेनी चाहिए।-सामबुल, टीचरलोगों को हो रही परेशानी के लिए केवल एडमिनिस्ट्रेशन ही जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने ये हालात पैदा कर दिए जिसके चलते एडमिनिस्ट्रेशन को ये डिसीजन लेना पड़ा।-पूर्वा, स्टूडेंटहम चुनाव आयोग के निर्देश का पालन कर रहे हैं। लोगों को प्रॉब्लम न हो इसके लिए हमने कई कदम उठाए हैं। -शिशिर, सिटी मजिस्ट्रेट
Report by: Amber Chaturvedi