'जीत के शोर' के लिए ऑफिसेस में सन्नाटा
BAREILLY: चुनावी समर में पोलिंग डे की सुबह आने में महज चार दिन ही रह गए हैं। ऐसे में बरेली में अपनी जीत की बयार बहाने को सारे कैंडीडेट्स समर्थकों संग तपती धूप में एड़ी तक पसीना बहाने में हिचक नहीं रहे। नारों को वोट में बदलने के लिए चुनावी प्रचार की डेडलाइन भी बस दो दिन दूर है। गिरफ्त में आती जीत जरा सी लापरवाही से कहीं फिसल न जाए, इसके लिए हाथ से हाथी तक सभी पॉलिटिकल पार्टीज ने अपना पूरा दम प्रचार में लगा दिया है। चुनावी प्रचार के इस मोर्चे में एक ओर बरेली में जहां कैंडीडेट्स और उनके सपोटर्स ने माहौल गुलजार किया हुआ है। वहीं दूसरी ओर उनके पार्टी ऑफिस में कमोबेश सन्नाटा पसरा है। प्रचार के इस आखिरी दौर में क्या है पार्टीज के इन ऑफिसेज का नजारा, टीम आईनेक्स्ट की एक रिपोर्ट।
कैंपेनिंग में उलझे दिखे कार्यकर्तादोपहर करीब एक बजे आई नेक्स्ट टीम एकता नगर में 'आम आदमी पार्टी' ऑफिस पहुंची। ऑफिस के बाहर आधा दर्जन गाडि़यों की कतार लगी थी। अंदर जाते ही पार्टी की कैंपेनिंग मैनेजमेंट से जुड़े कुछ लोग चर्चा करते दिखे। इन लोगों में इलेक्शन से जुड़े मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई थी। पास ही लगी सारी कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी। ऑफिस के फर्स्ट फ्लोर पर जाने पर माहौल बदला सा दिखा। यहां दर्जन भर कार्यकर्ता चुनावी तैयारियों की माथापच्ची में व्यस्त दिखे। कोई कम्प्यूटर पर डाटा शीट मेंटेन कर रहा था, तो कुछ इलेक्शन रिलेटेड ईमेल्स। वहीं कई अगले दिन की कैंपेनिंग प्लानिंग और प्रचार सामग्रियों का ब्यौरा बनाने में बिजी रहे। इनके सबके लिए पास ही बने किचेन में चाय भी उबल रही थी। पास बैठे एक कार्यकर्ता से पूछने पर मालूम हुआ कि सुबह-शाम के मुकाबले दिन में ऑफिस का माहौल खाली सा रहता है। पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की टीम कुछ घंटे पहले ही प्रचार के लिए निकल गई है।
कैंपेन, कोऑर्डिनेशन और कार्यकर्तादोपहर क्.फ्0 बजे कोहाड़ापीर पर भाजपा के सेंट्रल ऑफिस भारत सेवा ट्रस्ट का नजारा। मेनगेट पर इक्का दुक्का कारें ही ठहरी थी। अंदर कोटयार्ड में लाइन से टू-व्हीलर्स की लंबी कतार। हॉल में एंट्री लेने से पहले ही चैनल गेट पर कुछ लोग सुबह की कैंपेनिंग पर चर्चा में मशगूल दिखे। मेन हॉल में रिसेप्शन पर दो पुराने बुजुर्ग कार्यकर्ता मुस्तैदी से आने जाने वालों पर नजर रखे हुए थे। कैंपेनिंग से जुड़ी प्रचार सामग्री कार्यकर्ताओं को बांटने की जिम्मेदारी इन्हीं पुराने कंधों पर डाली गई है। बगल के बने कमरों में पार्टी ऑफिस के कार्यकर्ता फोन पर जरूरी निर्देश लेने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे थे। बरेली में हर कैंपेनिंग टीम से कोऑर्डिनेशन का काम मोबाइल पर बखूबी निभाया जा रहा था। वहीं अंदर के हॉल में पार्टी के कुछ पदाधिकारी पंखे की हवा खाते चुनावी चर्चाओं के चटखारे लगा रहे थे। पार्टी की ओर से ऑफिस से जुड़े कार्यकर्ताओं को छोड़ बाकी सभी कार्यकर्ताओं को फील्ड पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सिर्फ नाम का पाटर्ी ऑफिसनई बस्ती के क्यू बैंक्वेंट हॉल में बना सपा कैंडीडेट आयशा इस्लाम का मेन ऑफिस। सैटरडे दोपहर दो बजे का समय। ऑफिस के बाहर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ। अंदर हॉल में सोफों पर सो रहे तीन-चार लोग चुनावी माहौल में ऑफिस की एक्टिविटी बयां कर रहे थे। वहीं पीछे की दो कुर्सियों पर एक महिला और आदमी गुफ्तगू करने में बिजी थे। कुछ देर बाद दोनों बाहर निकले तो इतने में तीन-चार और लोगों ने हॉल में एंट्री ली और पूरे बैंक्वेट का मुआयना किया। पूछने पर मालूम हुआ कि बैंक्वेट हॉल बुक कराने आए हैं। सोफे पर आराम फरमा रहे एक शख्स से पूछा गया कि क्या वह पार्टी का वर्कर है तो उसने साफ इंकार कर दिया। इतने में एक और शख्स हॉल में टहलता नजर आया। पूछने पर मालूम हुआ वहीं का कर्मचारी है। पार्टी कार्यकर्ताओं और कैंडीडेट के आने के सवाल पर जवाब दिया कि जब कोई मीटिंग होती है तो सभी आ जाते हैं। वरना कोई नहीं होता।
चर्चा संग चुनावी तैयारीशाम के फ्:0भ् मिनट पर रामपुर गार्डन स्थित बसपा के मुख्य चनाव कार्यालय में काफी हलचल थी। एक मकान में बनाए गए इस ऑफिस के हर कमरे में पार्टी कार्यकर्ता और चुनावी मैनेजमेंट संभाल रहे लोग अपने-अपने काम में मसरूफ दिखे। एक कमरे में सभी कागजी कार्रवाई में जुटे हुए थे। पूछा तो पता चला कि कहां-कहां चुनाव कार्यालय खोले जाने हैं उसकी पूरी प्रक्रिया निपटाई जा रही है। यही नहीं एरिया में जितने भी सभाएं और मीटिंग होती है, उसका शेड्यूल भी यहीं पर तैयार कर बंटवाया जाता है। दूसरे कमरों में गए तो चाय की चुस्कियों के साथ कुछ कार्यकर्ता पहले हाफ की कैंपेनिंग के सारे एक्सपीरिएंस को शेयर कर रहे थे। आपस में बदलते समीकरणों पर चर्चा चल ही रही थी कि हमारे कैमरे को देख थोड़ा ठहर से गए। चाय-नाश्ते के लिए अलग से तीन-चार आदमी चहल कदमी कर रहे थे। मकान के बाहर लॉन में टेंट के नीचे कुछ कार्यकर्ता सुस्ता कर अपनी थकान मिटा रहे थे।
रविकिशन ने भरा माहौल में रंग शाम फ्:ख्भ् पर जब नेहरू युवा केंद्र में बने कांग्रेंस के मुख्य चुनाव कार्यालय में पहुंचे तो यहां पर बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर महेश भट्ट और भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन की ही चर्चाएं आम थीं। ऑफिस में जमा सभी कार्याताओं में उनसे मिलने के लिए कौतुहल देखने को मिला। वे दोनों यहां पर कार्याकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और कैंडीडेट के फेवर में कैंपेनिंग करने आने वाले थे। कुछ कार्यकर्ता पीएम मनमनोहन सिंह के रैली में गए थे। दोनों स्टार प्रचारक का आने का समय क्ख् बजे था, लेकिन काफी लेट होने की वजह से हर कार्यकर्ता बस यही जानने में लगा था कि उनके आने में और कितनी देरी है। कम्प्यूटर पर जुटे कुछ कार्यकर्ता पूरे दिन की रिलीज और प्रोग्राम का शेड्यूल तैयार करने में मशगूल दिखे। तभी सभी कार्यकर्ताओं के बीच हलचल होने लगी, दोनों स्टार बरेली में कदम जो रख चुके थे।