डीआईओएस के सिर मनमाने आवेदन का बोझ
- Date बीतने के बाद भी लिए स्कूल्स ने लिए आवेदन
- मनमाने तरीके से जमा कराना चाह रहे registration form BAREILLY : यूपी बोर्ड एग्जाम की डेट जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही नकल का बड़ा खेल चलाने वाले माफिया भी एक्टिव हो गए हैं। साल भर सो रहे ऐसे स्कूल्स एग्जाम के अंतिम दिनों तक मनमाने तरीके से आवेदन फॉर्म डीआईओएस को सौंपना चाह रहे हैं। ये वो आवेदन हैं जो स्टूडेंट्स से आवेदन जमा करने की डेट महीनों बीतने के बाद तक हासिल किए गए। मामले में कोर्ट की दखलंदाजी की वजह से ऐसे आवेदन फॉर्म को जमा करने से पहले डीआईओएस तक की सांस फूल रही है। आवेदन जमा करने का दबावपिछले साल नौवीं क्लास का रजिस्ट्रेशन फॉर्म डिपार्टमेंट को उपलब्ध न कराने वाले एक स्कूल द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर न्यायालय ने स्टूडेंट हित में क्8म् आवेदन फॉर्म और एक क्रेडिट फॉर्म जमा करने का आदेश डीआईओएस को दिया था। सोर्सेज के अनुसार अधिकांश स्टूडेंट्स हाईस्कूल फेल दिखाए गए थे। कुछ स्टूडेंट्स एक्सटर्नल यानी दूसरे स्कूल्स के बताए गए। अब जबकि एग्जाम में मात्र कुछ दिन बचे हैं, तो स्कूल वाले फ्0क् आवेदन फॉर्म जमा करने की गुहार डीआईओएस से कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस आवेदन में क्रेडिट फॉर्म और स्टूडेंट्स की संख्या कोर्ट आदेशों के विपरीत बढ़ाई गई है और अधिकांश आवेदन किसी दूसरे स्कूल्स से खुद के यहां समायोजित किए गए हैं।
ऑि1फस में काफी देर तक चली नोंकझोंक कोर्ट आदेश से अधिक आवेदन फॉर्म जमा कराने को लेकर स्कूल प्रबंधन और डीआईओएस के बीच सैटरडे को काफी देर तक नोंकझोंक की स्थिति बनी रही। स्कूल मैनेजमेंट का मानना था कि अन्य कई स्कूल्स के आवेदन फॉर्म डिपार्टमेंट में मनमाने तरीके से जमा किए गए, जबकि डीआईओएस केपी सिंह का कहना है कि कोर्ट आदेशों का उल्लंघन करते हुए निर्धारित फॉर्म नंबर से अधिक बोर्ड को भेज कर वो नौकरी दांव पर नहीं लगा सकते। कोर्ट से मिले आदेशों के क्रम में स्टूडेंट्स नंबर के अनुसार ही डिपार्टमेंट में आवेदन फॉर्म जमा करवाया जाएगा। - केपी सिंह, डीआईओएस, बरेली