BAREILLY:

- विभागीय प्रक्रिया की लेटलतीफी से हजारों टीचरों की सैलरी फंसी।

-अप्वाइंटमेंट हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है।

पहले तो शिक्षक बनने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। बड़े स्तर पर आंदोलन हुए, धरना प्रदर्शन और लाठी चार्ज तक हुआ। वर्षो के आंदोलन के बाद जब उनकी नियुक्ति रेगुलर हुई तो अब सैलरी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। क्योंकि शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों को अब अपनी सैलरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। अप्वाइंटमेंट हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक विभाग ने उनकी सैलरी निर्गत नहीं की है। विभागीय प्रक्रिया की लेटलतीफी की वजह से उनकी सैलरी फंसी हुई है। इन टीचर्स को पक्के रूप से यह भी नहीं पता कि इनकी सैलरी नेक्स्ट मंथ में भी मिल पाएगी की नहीं।

दो वर्ष की ट्रेनिंग के बाद हुए थे रेगुलर

काफी लंबे आंदोलन के बाद शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में तैनात प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों को पत्राचार के द्वारा बीटीसी की ट्रेनिंग देने के बाद रेगुलर करने का डिसीजन लिया था। इसी क्रम में अगस्त ख्0क्क् में इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। बरेली डिस्ट्रिक्ट में क्0भ्0 शिक्षामित्रों ने ट्रेनिंग पूरी की। बरेली मंडल की बात करें तो करीब फ्,9भ्0 शिक्षामित्रों ने ट्रेनिंग पूरी की। इन सभी को इसी वर्ष अगस्त में सहायक अध्यापक का नियुक्ति पत्र दे दिया गया।

अगस्त से नहीं मिली सैलरी

बरेली और बरेली मंडल में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किए गए किसी भी शिक्षक को अगस्त से सैलरी नहीं मिली है। इन टीचर्स को शिक्षक का दर्जा तो मिल गया है लेकिन अभी तक शिक्षक की पहली सैलरी का स्वाद चखने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ। शिक्षक के रूप में इन्हें ख्7,9ब्0 रुपये पर मंथ मिलने हैं। जबकि दो वर्ष की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें फ्,भ्00 रुपये महीना मानदेय मिलता था।

प्रदेश के भ्8,म्00 शिक्षकों को नहीं मिली सैलरी

यह समस्या केवल बरेली मंडल की नहीं है प्रदेश के करीब भ्8,म्00 शिक्षामित्र जो सहायक अध्यापक बने हैं, उन्हें भी सैलरी का मुंह ताकना पड़ रहा है। विभाग से मिली इंफॉर्मेशन के मुताबिक केवल मिर्जापुर जिले की एक महिला टीचर को इसी महीने उन्हें अपनी पहली सैलरी मिली है।

डॉक्युमेंट्स वैरीफिकेशन आड़े आ रहा

इन टीचर्स को सैलरी ना मिलने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनके डॉक्युमेंट्स का वैरीफिकेशन ना होना है। बेसिक विद्यालयों में जब शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई थी तब इनके किसी भी प्रकार के डॉक्युमेंट्स विभाग में जमा नहीं किए गए थे। वहीं रेगुलर होने के क्रम में जब ट्रेनिंग का समय आया तब भी डॉक्युमेंट्स जमा नहीं कराए गए। केवल फोटो कॉपी से ही काम चला लिया गया। अब जब ट्रेनिंग के बाद नियुक्ति पत्र देने की बारी आई तो बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी के डॉक्युमेंट्स जमा कराए। मैक्सिमम म् डॉक्युमेंट्स जमा कराए गए थे। जिनमें से तीन का वैरीफिकेशन होना कंपलसरी है। हर डिस्ट्रिक्ट के बीसीए कार्यालय में इनके हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और वोटर आईडी कार्ड जमा कराए गए। इनमें से हाईस्कूल, इंटर और गे्रजुएशन सर्टिफिकेट का वैरीफिकेशन कराना जरूरी है।

लेटलतीफी के चलते होना पड़ रहा है मायूस

डॉक्युमेंट्स के वैरीफिकेशन का काम काफी लेटलतीफी के साथ हो रहा है। जिसके चलते इन शिक्षकों को अपनी सैलरी के लिए अभी तक मायूसी हाथ लगी है। जिले के बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों पर तो आरोप लग ही रहे हैं, साथ ही जहां इन सर्टिफिकेट को भेजा जा रहा है वहां से भी काफी दिनों के बाद रिप्लाई आ रहा है। शिक्षक नेताओं का मानना है कि रीजनल विभाग की तरफ से भी लापरवाही बरती जा रही है। इन्हें वैरीफिकेशन के कार्य में तेजी लानी चाहिए और दूसरे विभागों से सामंजस्य बिठना चाहिए।

अभी दूसरे फेज की चल रही है ट्रेनिंग

पहले फेज की ट्रेनिंग के बाद शिक्षकों को अभी सैलरी नसीब नहीं हुई है वहीं दूसरे फेज में हजारों टीचर्स की ट्रेनिंग पूरी होने को है। प्रदेश के करीब 9क् हजार शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग इसी वर्ष पूरी हो जाएगी। जिसमें से बरेली के करीब ख्,क्फ्9 शिक्षामित्र शामिल हैं। इसके बाद इनकी भी नियुक्ति पत्र जारी हो जाएंगे। तब विभाग के पास इनके भी डॉक्युमेंट्स के वैरीफिकेशन का भार बढ़ जाएगा। ऐसे में पहले फेज के टीचर्स का वैरीफिकेशन जल्द ही खत्म नहीं किया गया तो विभाग की मुसीबत और बढ़ जाएगी।

जब तक तीन जरूरी डॉक्युमेंट्स वैरीफाई नहीं हो जाते किसी भी शिक्षक की सैलरी नहीं बनेगी। बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी इस मामले में लेटलतीफी बरत रहे हैं। हमने इस संबंध में विभाग से मांग भी की है।

- डॉ। केपी सिंह, जिलाध्यक्ष, यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ

- जिन संस्थाओं को डॉक्युमेंट्स वैरीफाई करने के लिए भेजा गया है वहां से रिजल्ट आने में काफी समय लग रहा है। जिस वजह से इनकी सैलरी बन नहीं पा रही है। यह काम पूरा होते ही विभाग से सैलरी मिलने लगेगी।

- डीबी शर्मा, डायरेक्टर, बेसिक शिक्षा विभाग

Posted By: Inextlive