एनर्जी एफिसिएंट होंगे सीबीएसई के स्कूल्स
- एनवायरमेंट में कार्बन की मात्रा को कम करने की कवायद
- 2015 में अर्थ ऑवर स्कूल से सम्मानित किया जाएगा BAREILLY: एनर्जी सेव करने और एनवायरमेंट पर हो रहे इफेक्ट को कम करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन (सीबीएसई) अपने स्कूल्स को एनर्जी एफिसिएंट बनाने की कवायद कर रहा है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के सहयोग से सीबीएसई ने स्कूल्स को इस ओर कदम उठाने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं, जिन स्कूल्स का परफॉर्मेस बेहतर होगा, उन्हें फेसीलिटेट भी किया जाएगा। ग्रीन एनवायरमेंट की ओर सुनहरा कदमस्कूल्स लेवल पर कवायद शुरू करने का मकसद ग्रीन एनवायरमेंट के प्रति लोगों को अवेयर करना है। स्कूल लेवल पर अभियान चलाने से स्टूडेंट्स अवेयर होंगे। स्टूडेंट्स के साथ लोगों में भी अवेयरनेस बढ़ेगी। 'सेव एनर्जी, सेव एनवायरमेंट' को ध्यान में रखकर यह कवायद की जा रही है, जिससे एनवायरमेंट में कार्बन की मात्रा कम हो सके।
छह महीने में दिखाना होगा सुधारइस अभियान के तहत पांच जोन ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ, साउथ और सेंट्रल में आने वाले स्कूल्स को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह एक तरह का चैलेंज होगा। छह महीने में एनर्जी एफिसिएंट बनने के लिए रिजल्ट भी दिखाने होंगे। जिन स्कूल्स का परफॉर्मेस बेहतर होगा, उन्हें ख्0क्भ् में अर्थ ऑवर स्कूल चैंपियंस के नाम से सम्मानित किया जाएगा। हर रीजन से तीन स्कूल को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही तीन स्कूल्स को एनर्जी एफिसिएंट स्कूल्स से भी सम्मानित किया जाएगा।
स्टूडेंट्स बनेंगे ग्रीन एंबेसडर इस प्रोजेक्ट में स्टूडेंट्स का अहम रोल होगा। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने इवैल्यूवेशन सिस्टम डिजाइन किया है, जिसके तहत स्टूडेंट्स पर्सनल एनर्जी कंजम्प्शन को कैलकूलेट कर सकते हैं। जिन स्टूडेंट्स का परफॉर्मेस बेहतर होगा उन्हें ग्रीन एंबेसडर की उपाधी से नवाजा जाएगा।