सब्जी से लेकर भारी सामान तक ढो रहे ई-रिक्शा चालक वजन से ज्यादा भार लेकर चलने पर होते हैं हादसे

बरेली (ब्यूरो)। पैसेंजर्स को लाने- ले जाने के लिए बने ई-रिक्शा का शहर की सडक़ों पर जमकर कॉमर्शियल यूज किया जा रहा है। एक ओर जहां इनके चालक मानकों को ताक पर रखकर सवारियां ढो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सब्जी से लेकर भारी सामान तक इन रिक्शाओं पर ढोया जा रहा है। अपने वजन से ज्यादा भार लेकर चलने के कारण कई बार ये हादसे का शिकार भी हो जाते हैं। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

माल सप्लाई पर ज्यादा फोकस
ई-रिक्शा चालकों का सवारियां ढोने से ज्यादा माल की सप्लाई पर फोकस रहता है। ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन सवारियों को लाने-ले जाने के लिए होता है। लेकिन शहर की सडक़ों पर दौड़ रहे इन रिक्शाओं की तस्वीर कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। करीब 70 फीसद से ज्यादा ई-रिक्शा का इस्तेमाल माल वाहक के रूप में किया जा रहा है। इसके चलते ई-कार्ट की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ रहा है। परिवहन विभाग को इससे काफी घाटा हो रहा है, क्योंकि ई-रिक्शा जब ई-कार्ट और पिकअप वाहन की जगह लेने लगेंगे तो इनका रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग में होने की नौबत ही नही आएगी।

प्रॉफिट के लालच में ले रहे रिस्क
इन रिक्शा चालकों की मानें तो इन्हें पैसेंजर्स को ढोने के स्थान पर सामान ढोने में अधिक प्रॉफिट होता है। इसके चक्कर में इनका ध्यान लोडिंग पर अधिक रहता है। यह ही कारण है कि ये लोग सब्जी व किराना आदि का सामान ढोने लगते हैं।

हादसे का खतरा
अधिकांश देखा जाता ह कि ये चालक ई-रिक्शा के वजन से अधिक सामान उसमें लाद लेते हैं। इससे हर समय हादसे की संभावना बनी रहती है। कभी-कभी तो ओवरलोड होने के कारण ई-रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट जाता है। कई बार इनमें लदा सरिया आदि जैसा सामान बाहर तक निकला रहता है, जिससे ये आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। ई-रिक्शा का वजन पांच क्विंटल से भी कम होता है, जबकि इसमें इससे कई गुना अधिक सामान ये लोग लोड कर ले जाते हंै। आश्चर्य की बात है कि चौराहों से गुजरते समय ट्रैफिक पुलिस की नजर भी इन पर पड़ती है। लेकिन, न तो इन्हें कभी रोका-टोका जाता है, न हीे कोई कार्रवाई की जाती है।

ई-रिक्शा में सामान ढोना नियम विरुद्ध
विभाग से जुड़़े जिम्मेदारों ने बताया कि ई-रिक्शा का यूज सवारियों को ढोने के लिए किया जाता है। लोड ढोने क लिए ई-लोडर होते हैं।
आरटीओ कार्यालय में इन दोनों रिक्शाओं के अलग-अलग रजिस्ट्रेशन किए गए है। लेकिन, देखने में आया है कि जिन ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन सवारियां ढोने के लिए किया गया है। उनका यूज चालक ज्यादा कमाई के लालच में कॉमर्शियली कर रहे हैं। यह नियम के विरुद्ध है। ई-रिक्शा चालकों को चाहिए कि ऐसा करने से बचें।

वर्जन
जिन ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन सवारियां ढोने के लिए होता है, उनमें यदि सामान ढोया जा रहा है तो नियमविरुद्ध है। यदि ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो कार्रवाई की जाएगी।
मनोज कुमार, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive