- सिंदूर वरन के बाद रामगंगा में शाम को मां की प्रतिमा का हुआ विसर्जन

- सिटी में निकाली गई मां की भव्य झांकी, ढाक की थाप पर थिरकते रहे भक्त

BAREILLY: 'ठाकुर ठाकवी कौतो खोन, ठाकर जावै विसर्जन, बछौर आवा एसो' के छंद गाकर कुछ इसी अंदाज में सैटरडे को मां दुर्गा का विसर्जन रामगंगा के निरंजन घाट पर किया गया। भक्तों की आंखों में मां से बिछड़ने का दर्द था तो साथ ही अगले बरस उनके फिर लौटने की उम्मीद भी। सैटरडे को बंगाली एसोसिएशन, दुर्गाबाड़ी समिति,श्री श्री सर्वजनिन दुर्गा पूजा समिति सहित अन्य समितियों की ओर से झांकी निकाल कर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात रहे।

पूजा के बाद मां का परायण

दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की विसर्जन पूजा सुबह 8 बजे ही शुरू हो गई। इस पूजा की मान्यता है कि मां दुर्गा नवरात्र के पहले दिन धरती पर आती हैं। पूरे नौ दिनों तक लोगों के बीच शांति का संदेश देती हैं और लोगों के बीच अच्छाई को जागृत करती हैं। इस वर्ष मां डोला से आई और गज से सवार होकर वापस चली गईं। समितियों के पंडितों के अनुसार विसर्जन पूजा के बाद मां की प्रतिमा को निष्प्राण मान लिया जाता है।

सिंदूर वरन में मांगी मन की मुराद

दोहपर करीब ख् बजे से मां दुर्गा के सिंदूर वरन का आयोजन हुआ। महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से मां दुर्गा, मां सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय की पूजा की। पान के पत्ते, सिंदूर से मां को चूमने के बाद कपड़े से वरन किया। मां का सिंदूर वरन करने के बाद सुहागिन महिलाओं ने एक दूसरे को हाथ, मांग, साड़ी और फेस पर सिंदूर लगाकर सेलीब्रेट किया। इस दौरान बंगाली समाज की महिलाओं और पुरुषों ने बड़ी संख्या में भागेदारी की।

मां के जयकारों संग निकाली झांकी

समितियों की ओर से सिंदूर वरन के बाद भव्य झांकी निकाली गई। ढाक की थाप पर सबने जमकर मस्ती की। झांकी के दौरान डांस का सिलसिला जारी रहा। मां दुर्गा की की भव्य झांकी कलेक्ट्रेट, चौकी चौराहा, पटेल चौक, चौपुला होते हुए रामगंगा पहुंची। इस दौरान मां के अंतिम दर्शन के लिए भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ा। मां के जयकारे की गूंज से पूरा शहर भक्तिमय हो गया। इस बीच सिक्योरिटी परपज से पुलिस के जवान भी झांकी के दौरान मौजूद रहे।

अतिशबाजी के साथ मां का विसर्जन

रामगंगा पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के समय हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे। युवा ब्रिगेड भी अच्छी-खासी संख्या में मौजूद रही। ढोल नगाड़ों की धुन पर भक्तों ने धुनुचि डांस भी किया। डांस के दौरान अतिशबाजी से आसमान रौशन हो गया। मां की प्रतिमा को हाथ में उठाकर भक्तों ने पांच फेरे लगाकर रामगंगा में प्रवाहित कर दिया और अगले बरस एक फिर धरती पर आने की कामना की।

Posted By: Inextlive