जनसंख्या बढऩे से संसाधनों की हो रही कमी
बरेली(ब्यूरो)। विश्व जनसंख्या दिवस सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़े का शुभारंभ जिला महिला चिकित्सालय किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मेयर डॉ। उमेश गौतम, महिला जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डॉ। अलका शर्मा, सीएमओ डॉ। बलबीर सिंह ने फीता काटकर किया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रित रखने के लिए सरकार द्वारा स्थाई और अस्थाई साधन उपलब्ध कराए गए हैं। लोग अपनी सुविधा अनुसार किसी भी परिवार नियोजन के साधन का प्रयोग करके परिवार को सीमित रख सकते हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्थाएं हुई बेहतर
सीएमओ डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि 50 साल पहले महामारी और संक्रामक रोगों के चलते परिवार के बहुत सारे बच्चों की मौत हो जाया करती थी। जिसके बाद लोगों ने नौ और 10 बच्चे करना शुरू कर दिए ताकि एक या दो बच्चे तो बच सके। लोगों को यह समझना चाहिए कि स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत बेहतर हो चुकी हैं। जिसके कारण महामारी और संक्रामक रोगों से इतनी मौतें नहीं होती हैं। परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ। आरएन गिरि ने बताया कि जनसंख्या बढऩे से संसाधन कम होते जा रहे हैं।
साधन है उपलब्ध
डॉ। अलका शर्मा ने बताया कि जनसंख्या को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार द्वारा स्थाई और अस्थाई साधन उपलब्ध कराए गए हैं। लोग अपनी सुविधा अनुसार किसी भी परिवार नियोजन के साधन का प्रयोग करके परिवार को सीमित रख सकते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय परियोजना अधिकारी शाहिद हुसैन ने बताया कि जिले में 11 से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। उमेश गौतम ने कहां कि जनसंख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। सरकार स्वास्थ्य सेवाएं भी लोगों तक तभी पहुंचा पाएगी, जब जनसंख्या नियंत्रण में रहेगी। उन्होंने संदेश दिया कि बच्चे दो ही अच्छे।
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत समुदाय को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान हर दिन सीएचसी, पीएचसी व हेल्थ वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन के सभी साधनों का काउंटर बनाया जाएगा। इस बार पखवाड़े की थीम परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय-लिखो तरक्की का नया अध्याय है। थीम का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना और लोगों को सीमित परिवार के बारे में जागरूक करने के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति देना है।
की गई काउंसलिंग
विश्व जनसंख्या दिवस पर काउंसलर पायल जौहरी ने लाभार्थियों को बताया कि ने एक बच्चे से दूसरे बच्चे में न्यूनतम करीब तीन साल का अंतर होना चाहिए। ताकि मां का शरीर पूरी तरह से तैयार हो जाए और बच्चा भी स्वस्थ पैदा हो। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ। अशोक कुमार, डीसीपीएम जितेंद्र कुमार, अपर शोध अधिकारी पीएस आनंद, पीएसआई संस्था के मैनेजर सूरितेष डागुर, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ अरुण पांडे, जिला शहरी स्वास्थ्य समन्वयक अकबर हुसैन मौजूद रहे।