बरेली: 10 सबस्टेशनों में फॉल्ट से आधे शहर की बत्ती गुल
-188564 शहर में हैं कंज्यूमर्स -24 सब स्टेशनों से होती है लाइट की सप्लाई -127 फीडर लगे हैं शहर में -16000 ट्रांसफार्मर लगे हैं
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BAREILLY: बरेलियंस को 24 घंटे लाइट मिले इसके लिए बिजली विभाग ने गर्मी शुरू होने से पहले ही करीब 50 ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ाया था, लेकिन इसके बाद भी हालात इतने बदतर हो गए हैं बरेलियंस को मुश्किल से 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही हैं। शहर में लाइट सप्लाई करने के लिए 24 सबस्टेशन बनाए गए हैं, लेकिन ट्यूजडे को 10 सबस्टेशन में फॉल्ट से लगभग आधे शहर की बिजली गुल हो गई। जिससे बरेलियंस में हाहाकार मच गया। लाइट न आने से बरेलियंस जहां गर्मी से परेशान रहे। वहीं उनको पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं लोगों ने जब बिजली विभाग के टोल फ्री नंबर पर सूचना देने को कॉल किया लेकिन उनका फोन ही नहीं रिसीव किया।
इन सब स्टेशनों हुआ फाल्ट 1. सिविल लाइंस-12. कैंट3. हरुनगला4. सुभाषनगर5. महानगर6. शाहदाना7. कोहाड़ापीर8. राजेंद्र नगर9. सन सिटी10. जगतपुरकहां कितनी देर गायब रही बिजली1. सिविल लाइंस दोपहर 5 से रात 2 बजे तक।
2. ग्रीन पार्क शाम 7 से रात 1 बजे तक।
3. शास्त्रीनगर शाम 4 से रात 11 बजे तक।4. जगतपुर शाम 5 से रात 2 बजे तक।5. सुभाषनगर रात 11 से सुबह 4 बजे तक।6. सन सिटी शाम 5 से रात 2 बजे तक।4-5 बार हो रही ट्रिपिंगबिजली विभाग का शहर को ट्रिपिंग फ्री बिजली मुहैया कराने का दावा गर्मी शुरू होते ही धड़ाम हो गया था। डेली दिन में चार से पांच बार 20 से 25 मिनट तक ट्रिपिंग हो रही हैं। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।लोड बढ़ने से हो रहे फॉल्ट
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 132 केवी में लोड अधिक होने के कारण तकनीकि फाल्ट हो रहे हैं जिस कारण अचानक ब्रेक डाउन हो रहा है और सप्लाई बाधित हो रही है। वहीं बारिश के मौसम में अक्सर अर्थिग की वजह से तार आपस में टकराकर टूट जाते हैं, जिससे लाइट चली जाती है।
शिकायत पर भी नहीं होती सुनवाई
पिछले एक माह में बिजली विभाग में 107 शिकायतें सिर्फ जर्जर एचटी लाइन की आई हैं, जिनमें से सिर्फ तीन शिकायतों का विभाग की ओर से सर्वे कर निस्तारण कराया गया। बिजली विभाग की उदासीनता के चलते ट्यूजडे रात को हारुनगला और सनसिटी सब स्टेशन के पास एचटी लाइन टूटने से बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी। कई बार क्षेत्रीय लोगों ने विभाग को सूचना दी, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं किया गया।