Bareilly : 18 सितंबर की रात महिला थाने से फरार लड़की स्वाति पटेल मंडे को ड्रामेटिक तरीके से कोर्ट में पेश हो गई. वह बुर्के में आई थी. वह थाने के मेन गेट से नहीं बल्कि चौकी की तरफ बने केबिन के गेट से भागी थी. उसे एसीजेएम 6 विकास गोयल की कोर्ट में पेश किया गया था लेकिन उसके बयान एसीएम थ्री सरला दत्ता की कोर्ट में होने थे. देरी होने पर उसके बयान नहीं हो सके इसलिए उसे नारी निकेतन भेज दिया. ट्यूजडे को उसे फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा.


यह था पूरा मामला स्वाति इज्जतनगर की रहने वाली है। वह प्रेमनगर की एक कंपनी में जॉब करने गई थी। 11 सितंबर को उसके पिता वीरपाल पटेल ने डीआईजी से शिकायत की थी कि कंपनी के मैनेजर राहुल पांडे और डायरेक्टर नितिन ने उनकी बेटी का नौकरी के नाम पर बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया। डीआईजी के आदेश पर 12 सितंबर को प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। 13 को स्वाति प्रेमनगर थाने में पेश हो गई और कंपनी वालों के साथ जाने की बात कही। उसे लेडी कांस्टेबल रेखा व मीना राजपूत की निगरानी में महिला थाने में रखा गया। 18 सितंबर की सुबह वह थाने से फरार हो गई। एसएसपी ने महिला कांस्टेबल रेखा, मीना राजपूत, पूनम यादव व किरन प्रजापति को सस्पेंड कर दिया। डीआईजी ने स्वाति को सात दिन के अंदर बरामद करने का आदेश दिया था। महिला थाने का निरीक्षण
मंडे को स्वाति के आने के बाद एसएसपी ने एसपी सिटी और सीओ फोर्थ के साथ शाम 5 बजे महिला थाने में विजिट की। उन्होंने थाने के कमरों का ताला खुलवाकर निरीक्षण किया। उसके बाद उन्होंने ड्यूटी रजिस्टर देखते हुए अयूब खां पर लगने वाली महिला कांस्टेबल की ड्यूटी हटाने को कहा। इसके अलावा परामर्श केंद्र में लड़कियों को रखने का रूम बनाने का आदेश दिया और रात में दो पहरा की ड्यूटी लगाने को कहा। इसके अलावा थाने में ही तैनात एसआई सीपी चतुर्वेदी को एसएसआई बना दिया। एसआई गजेंद्र त्यागी और संजीव तोमर की भी पोस्टिंग महिला थाने में कर दी।

Posted By: Inextlive