हर व्यक्ति का जीवन में तनाव से भरा हुआ है. जीवन में भाग दौड़ बढ़ती जा रही है. समय की कमी के कारण व्यक्ति ने ईश्वर को भी समय सीमा में बाध दिया है. वह सुबह उठ कर स्नान करता है और कुछ देर ईश्वर की साधना के बाद जल्दी-जल्दी में अपने काम में निकल जाता है. ऐसे में उसका मन अस्थिर है उसका चित शांत नहीं है. तो वह अपने लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगा.

बरेली (ब्यूरो)। हर व्यक्ति का जीवन में तनाव से भरा हुआ है। जीवन में भाग दौड़ बढ़ती जा रही है। समय की कमी के कारण व्यक्ति ने ईश्वर को भी समय सीमा में बाध दिया है। वह सुबह उठ कर स्नान करता है और कुछ देर ईश्वर की साधना के बाद जल्दी-जल्दी में अपने काम में निकल जाता है। ऐसे में उसका मन अस्थिर है उसका चित शांत नहीं है। तो वह अपने लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगा। लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसे अपने मन को शांत रखना ही होगा।

बातचीत में कही
यह बात ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के साथ हुई बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय इसी ओर लगातार काम कर रहा है। कहा कि युवाओं में छोटी-छोटी बात से डिप्रेशन में चले जाते है, आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाते लेते है, उनके अंदर पावर की कमी है, उनका जीवन जीने का तरीका ठीक नहीं है, देर रात तक पार्टी करते है और सुबह देर से उठते है। ऐसे में उनकी मैटल बैट्री डिस्चार्ज हो रही है। वह अपने जीवन को किस दिशा में ले जाना है, यह ठीक प्रकार से नहीं सोच पा रहे है। परिस्थितियों से घबराकर वह अपना जीवन समाप्त कर रहे है। अगर आप नियमित मेडिटेशन करेंगे तो आप को इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। मेडिटेशन से अपने अैरे को बड़ा किया जा सकता है। ब्रह्माकुमारी के कैंप में आने वाले युवाओं में धीरे-धीरे कर धैर्य आने लगाता है, जिससे वह अपने जीवन जीने के स्तर को सुधार करते है। उसके संस्कार बदलते है। हर कर्म के जरिए हम परमात्मा को याद करते है। वो हमेशा हमारे पास है। नौकरी पेशा माता-पिता के लिए कहा कि अपने काम में इतना मत खो जाए की अपने मूल परिवार को ही प्यार न दें पाए। हम हर कार्य अपने परिवार के लिए करते है। अगर हमारे परिवार के सदस्य हमाच्े बच्चे गलत दिशा में चले गए तो आप का सारा कार्य व्यर्थ है। ब्रह्माकुमारी का उद्देश्य है कि जो हमारे भारत की मूल संस्कृति को सबसे अंदर भरना है। भारत देवताओं की भूमि रहा है, इस लिए सभी के अंदर प्यार, सम्मान, आदर का भाव होना चाहिए। उनके अंदर अनुशासन होना चाहिए।

Posted By: Inextlive