स्मार्ट सिटी के लगभग 930 करोड़ के बजट पर जिम्मेदारों की लापरवाही भारी पड़ रही है. इस के अंतर्गत 63 प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाना है लेकिन जिम्मेदार इस को ले कर अत्यंत सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं.

बरेली(ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी के लगभग 930 करोड़ के बजट पर जिम्मेदारों की लापरवाही भारी पड़ रही है। इस के अंतर्गत 63 प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाना है, लेकिन जिम्मेदार इस को ले कर अत्यंत सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं। स्थिति यह है कि बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड का अन्य विभागों से समन्वय न होने से तैयार सडक़ों को जल निगम द्वारा खोदा जा रहा है। अधिकांश सडक़ों पर लगाई गईं कैट आई लाइट्स उखड़ चुकी हैं। स्ट्रीट लाइट्स टूट रही हैं, लेकिन इस पर अधिकारी एक्शन लेने से बच रहे हैैं। हालांकि जिम्मेदार भले ही इस पर आंखेंंं मूंद रहे हों, लेकिन सिटी की पब्लिक सब जान रही है। पेश है स्मार्ट सिटी के खोखले दावों की पोल खोलती यह स्पेशल रिपोर्ट

मैनहोल्स बने सिरदर्द
स्मार्ट सिटी और अन्य विभागों के बीच कोऑर्डिनेशन न होने का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। शहर की सडक़ों पर जल निगम के मैन होल ब्रेकर साबित हो रहे हैैं, रोड लेेवल से ऊंचे तो कहीं नीचे बनाए गए इन मैनहोल से कई बार लोग हादसे का शिकार हो जाते हैैं। साथ ही तैयार रोड्स की शोभा भी खराब कर रहे हैैं।

उखड़ीं कैट आई लाइट्स
रात में सडक़ों पर फिट की गई चमचमाती हुई लाइट्स अक्सर राहगीरों का ध्यान खींच लेती हैैं। इन कैट आई लाइट्स का इस्तेमाल सडक़ों पर लेन डिवाइडर के रूप में किया जाता है। शहर में विकास भवन रोड, खुर्रम गौटिया रोड, स्टेडियम रोड, रामपुर गार्डन रोड, सिविल लाइन आदि रोड्स पर इन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया है। बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा रोड पर लाइट्स को लगाए अधिक समय नहीं हुआ है, लेकिन अधिकांश रोड्स पर ये डैमेज हो चुकी हैैं, वहीं कुछ के सिर्फ होल्डर ही रोड में निशानी को तौर पर बचे हैैं।

टूट रहीं स्ट्रीट लाइट्स
सिटी को स्मार्ट बनाने व सडक़ों को रोशन करने के उद्देश्य से कई मार्गों पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैैं। साथ ही रोड किनारे फुटपाथ भी बनाया गया है, जहां अलग से पेडस्ट्रियल लाइट्स लगाई गई हैैं, लेकिन इन में से कई स्थानों पर यह लाइट्स लगने के कुछ समय बाद से ही बंद पड़ी है। जंक्शन रोड पर लाइट्स खंभे से उखड़ कर रोड पर कई बार गिर चुकी है। जिसे स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों ने ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई। आलम यह है कि लाइट अब तारों के बीच उलझी हुई है, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती है। यह सिर्फ बानगी भर है, इस प्रकार की स्थिति शहर में कई स्थानों पर बनीं हुई है। रोड पर लगाई गईं लाइट्स अधिकांश स्थानों पर धूल फांक रही हैैं तो कहीं फुटपाथ लाइट्स को दुकानों के अतिक्रमण ने घेर लिया है।

समन्वय का अभाव
शहर में कई जगहों पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रोड बनाई गई है। रोड कंप्लीट होने के बाद अब उन पर जल निगम द्वारा खोदाई कर काम किया जा रहा है। ऐसे में यह समस्या पब्लिक को दर्द दे रही है, साथ ही लापरवाह अधिकारियों को भी आईना दिखा रही है। अव्यवस्थित तरीके से हो रहे निर्माण कार्य जल निगम और बरेली स्मार्ट सिटी के बीच कोऑर्डिनेशन के अभाव को दर्शा रहा है। तैयार रोड पर खोदाई सरकारी धन की बर्बादी भी साबित हो रही है।

Posted By: Inextlive