नहीं भा रहा है मुफ्त वैक्सीनेशन का पेड प्रिकॉशन डोज
बरेली(ब्यूरो)। मुफ्त की किसी भी चीज की कीमत का अहसास नहीं होने से इसकी अहमियत भी कमतर ही आंकी जाती है। यही स्थिति कोविड वैक्सीनेशन को लेकर भी है। कोविड संक्रमण के दौरान सरकार की ओर से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त वैक्सीनेशन की सर्विस मिली। जिले में 31 लाख से अधिक लोगों ने इसकी दोनों डोज लगवा भी ली, पर अब 18 से 59 वर्ष के लाभार्थियों को इसकी पेड प्रिकॉशन डोज भा नहीं रही है। यही वजह है कि जेब ढीली कर प्रिकॉशन डोल लगवाने वालों की संख्या यहां न के बराबर है। शहर के दो पेड वैक्सीनेशन सेंटर्स पर अब तक इस एज ग्रुप के मात्र 1550 लोगों ने ही प्रिकॉशन डोज लगवाई है।
अप्रैल में ही 50 हजार से अधिक की प्रिकॉशन डोज ड्यू
कोरोना महामारी से बचाव में इसकी वैक्सीन का बड़ा रोल रहा। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता देखने के बाद लोगों ने इस वैक्सीन की अहमियत समझी और इससे वैक्सीनेशन में तेजी आई। इससे जिले में वैक्सीनेशन के फस्र्ट डोज का टारगेट 100 परसेंट से अधिक अचीव हो गया। इसके चलते ही कोरोना की तीसरी लहर अपना प्रभाव नहीं दिखा सकी। कोरोना का संक्रमण अभी पूरी तरह खत्म नहीं होने से सरकार ने वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज लगाने की व्यवस्था की है। यह डोज वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के नौ महीने बाद लग रही है। इस मानक के अनुसार अप्रैल में 18 से 44 वर्ष के 18,523 और 45 से 59 वर्ष के 33,169 लोगों की प्रिकॉशन डोज ड्यू हो गई। इस तरह 18 से 59 वर्ष के कुल 51,692 लोगों को अप्रैल में प्रिकॉशन डोज लगवा लेनी चाहिए थी, पर अधिकांश लोग इससे दूरी बनाए हुए हैं।
नौ महीने से बाद प्रिकॉशन डोज लगवाने वालों का आंकड़ा हर महीने बढ़ रहा है। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 में 18 से 59 वर्ष के 51,62 लोगों ने कोविड वैक्सीन की सेकेंड डोज लगवाई थी तो अगस्त में इनकी संख्या 96,566 हो गई। इनमें 18 से 44 वर्ष के 63030 लाभार्थी थे तो 45 से 5 वर्ष के 33536 लाभार्थी। इन लाभार्थियों की भी मई में प्रिकॉशन डोज ड्यू हो रही है।
386.25 रुपया फिक्स है प्रिकॉशन डोज की कास्ट
18 से 59 वर्ष के लाभार्थियों को लगने वाली प्रिकॉशन डोज के लिए सरकार की ओर से वैक्सीन की कास्ट निर्धारित की गई है। पेड वैक्सीनेशन सेंटर पर इन लाभार्थियों को प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए 386.25 रुपया पेड करना है। इसमें 150 रुपया सेंटर का सर्विस चार्ज है तो बाकी वैक्सीन डोज की कीमत है।
18 से 59 वर्ष के लाभार्थियों को प्रिकॉशन डोज लगाने की सुविधा वर्तमान में शहर के दो प्राइवेट हॉस्पिटल्स में उपलब्ध है। इनमें एक स्टेडियम रोड पर खुशलोक हॉस्पिटल है तो दूसरा रामपुर गार्डन में अतुल लतिका हॉस्पिटल। इन लाभार्थियों को निर्धारित रेट पर प्रिकॉशन डोज लगने की सुविधा 10 अप्रैल से शुरू हुई। तब से अतुल लतिका हॉस्पिटल में 1300 लोगों ने तो खुशलोक हॉस्पिटल में मात्र 250 लोगों ने यह डोज लगवाई है।
सरकारी सेंटर्स पर हेल्थ वर्कर परेशान
प्रिकॉशन डोज ड्यू होने पर कोविन पोर्टल पर अपलोड मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंच रहा है। इस मैसेज में प्रिकॉशन डोज के लिए प्राइवेट सेंटर्स पर जाने की जानकारी भी दी गई है। इसके बाद भी अधिकांश लोग सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही पहुंच रहे हैं। यहां वह लोग वैक्सीनेशन मुफ्त होने की बात करते हुए प्रिकॉशन डोज लगवाने को लेकर हेल्थ वर्कर्स से बहस करने लगते हैं। शहर में खासकर जिला अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर्स पर हर रोज कई ऐसे लोग पहुंचते हैं। यहां उनको समझाना हेल्थ वर्कर्स के लिए किसी से चुनौती से कम नहीं हो रहा है।