कोविड की तीसरी लहर के लिए बरेली की रणनीति को पीएम ने सराहा
-तीन निजी मेडिकल कॉलेज, सरकारी जिला अस्पताल और 150 बाल रोग विशेषज्ञों को तीन चरणों में जोड़ रहे
-बच्चों के लिए पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट और ऑक्सीजन बेड तैयार करवा रहा प्रशासन बरेली : देश के दस राज्यों के 54 जिलों की वर्चुअल मीटिंग में शामिल बरेली के डीएम नितीश कुमार ने सिर्फ छह मिनट में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए तीसरी लहर में बच्चों की कोविड संक्रमण से सुरक्षा की रणनीति रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीब दो घंटे चली वर्चुअल बैठक में नितीश कुमार ने कहा कि कोविड तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई गई है। इसलिए लहर आने से पहले बरेली में तीन चरणों में तैयारी की योजना पर काम हो रहा है। तीन चरणों में चल रही तैयारीपहले चरण में तीन निजी मेडिकल कॉलेज (एसआरएमएस, राजश्री और रोहिलखंड मेडिकल) में 90 ऑक्सीजन बेड और 30 बेड की पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) तैयार की जा रही है। दूसरे चरण में सरकारी जिला अस्पताल में 30 बेड पीआइसीयू तैयार होगी। तीसरे चरण में बरेली के 150 बाल रोग विशेषज्ञों के संस्थानों में पीआइसीयू तैयार की जाएगी। गाइनीकोलॉजिस्ट की भूमिका गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अहम होती है। इसलिए तीसरे चरण में उन्हें भी शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में सिर्फ बरेली के जिलाधिकारी से बात की। पूरी प्ला¨नग सुनने के बाद उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिए हुए अभिनव प्रयोग और सुझावों की रिपोर्ट पीएमओ को भेजी जाए। यह पूरे देश में लागू की जाएगी।
जीवन रक्षक दवांए, उपकरण उपलब्ध होंगे डीएम ने कहा कि बच्चों पर संक्रमण हावी होने के वक्त ऑक्सीजन की भरपूर उपलब्धता होगी। बच्चों के लिए विशेषज्ञ स्टाफ, जीवन रक्षक दवाएं और उपकरण चौबीस घंटे तैयार होंगे। कोविड से बचाव के लिए सभी केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता होगी। बच्चों की जीवन रक्षा के लिए चिकित्सीय सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी। पोस्ट कोविड संक्रमण से निपट रहे उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस और फेफड़ों के संक्रमण की परेशानी है। अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों को मेडिकली फिट करने का प्रयास है। पोस्ट कोविड मरीज भी तेजी से ठीक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भी शामिल रहे, बात जिलाधिकारी से हुईवर्चुअल बैठक में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड और पुंडुचेरी राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 जिलाधिकारी शामिल हुए। हालांकि मुख्यमंत्री से दो घंटे में कोई बातचीत नहीं हुई। प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से ही बात की। उत्तर प्रदेश से लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ जिले शामिल थे। वर्चुअल बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने डीएम बरेली को अच्छे प्रस्तुतीकरण के लिए बधाई दी।
=============== साइड स्टोरी 'मेरा गांव मेरा अभियान' से गांव में नियंत्रित हुआ संक्रमण -1193 ग्राम पंचायत की निगरानी समितियां सीधे इंटीग्रेटेड कमांड कोविड सेंटर से जुड़ीबरेली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वर्चुअल बैठक में डीएम नितीश कुमार ने गांव में संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए 'मेरा गांव मेरा अभियान' की चर्चा की। इसमें 1193 ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी समिति सक्रिय की। सभी निगरानी समिति इंटीग्रेटेड कमांड कोविड सेंटर से सीधे जुड़ी रहीं। 144 न्याय पंचायत पर सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। गांव को सुरक्षित करने के लिए 'मेरा गांव मेरा अभियान' टैग लाइन दी गई। गांव में सक्रिय आशा लक्षण वाले मरीजों का रेपिड रेस्पॉन्स टीम (आरआरटी) से समन्वय करके सैंप¨लग करवाती हैं। व्यवस्था एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों जांच की रखी गई। इंटीग्रेटेड कमांड कोविड सेंटर रीयल टाइम ट्रैक सभी मरीजों को करता रहा। डॉक्टर फोन करके मेडिकल हिस्ट्री, ऑक्सीजन स्तर और लक्षणों पर काम करते रहे। स्क्री¨नग के बाद होम आइसोलेशन और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने बताया कि आशा और एएनएम को सिर्फ ऑक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर दिए ही नहीं गए, बल्कि प्रशिक्षण देकर सही इस्तेमाल भी बताया गया। संक्रमित या लक्षण मिलने पर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाती है।
======================== साइड स्टोरी संक्रमण दर अप्रैल में पीक पर 22 फीसद रही, आज 2.5 फीसद -बरेली में एक सरकारी अस्पताल, तीन निजी मेडिकल कॉलेज समेत 20 कोविड अस्पताल तैयार किए गए -एंबुलेंस, डॉक्टर इंटीग्रेटेड कमांड कोविड कंट्रोल सेंटर से जुड़े रहे बरेली : डीएम नितीश कुमार ने कहा कि बरेली में अप्रैल में कोविड संक्रमण पीक पर 38 फीसद की दर को छुआ। जबकि औसत दर 22 फीसद रही। अब संक्रमण की दर 2.5 फीसद है। कोविड रिकवरी रेट पहले 78 फीसद था। आज सही होने वाले मरीज 92 फीसद हैं। इसके लिए माइक्रो लेवल मैनेजमेंट में 372 निगरानी समिति ने शहर में वार्ड वार काम किया।बरेली में एक सरकारी अस्पताल, तीन निजी मेडिकल कॉलेज समेत 20 कोविड अस्पताल तैयार किए गए। एंबुलेंस, डॉक्टर इंटीग्रेटेड कमांड कोविड कंट्रोल सेंटर से जुड़े रहे। मरीजों की अस्पतालों में भर्ती सुनिश्चित कराई गई। होम आइसोलेशन में संक्रमितों के लिए डेडीकेटेड डॉक्टर संपर्क में रहे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें कोविड अस्पताल प्रतिदिन शिफ्ट किया जाता रहा। मरीजों की सुविधा के लिए वेब पोर्टल विकसित किया गया। जोकि ऑक्सीजन बेड, आइसीयू और वेंटीलेटर के लिए रियल टाइम ट्रैक करता था। कोविड अस्पतालों में मरीजों की भर्ती, ऑक्सीजन उपलब्धता के लिए मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई।
ऑक्सीजन उत्पादकता में आत्मनिर्भरता की तरफ बरेली ऑक्सीजन किल्लत के वक्त उत्पान प्लांट, डिस्ट्रिब्यूटर और रिफ¨लग प्लांट से समन्वय करते हुए मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्धता बढ़ाई। अब बरेली ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। ऑक्सीजन के पांच प्लांट तैयार हो रहे है। इसमें इफको का ऑक्सीजन प्लांट 30 मई तक शुरू हो जाएगा। रेमडिसिवर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य और नगर निगम के अधिकारियों के ग्रुप तैयार किए गए।