-- आरोपी के खिलाफ 2,000 रुपए जुर्माना और 1,000 रुपए केस की सुनवाई पर हुए खर्च की भरपाई का आदेश

BAREILLY : अमूमन डॉक्टर पेशेंट का मर्ज पता करने के लिए एक्सरे की जांच लिखते हैं, लेकिन यह मामला कुछ अलग है। दरअसल इस मामले में कंज्यूमर खुद डॉक्टर और जांचकर्ता की भूमिका में नजर आ रहा है। आखिरकार कंज्यूमर गुटखे की बीमारी का पता लगने में कामयाब रहा। दरअसल कंज्यूमरफोरम ने एक अनोखे केस की सुनवाई में पीडि़त के पक्ष में फैसला सुनाया है। मामला बारादरी थाना अंतर्गत गंगापुर का है। पिछले तीन साल से 'गुटखे' को लेकर एक मामला कंज्यूमर फोरम सेकेंड में चल रहा था। केस दायर करने से पहले पीडि़त ने गुटखे का एक्सरे भी कराया। आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद फोरम ने जजमेंट देते हुए आरोपी के खिलाफ ख्,000 रुपए जुर्माना और क्,000 रुपए केस की सुनवाई पर हुए खर्च की भरपाई का आदेश दिया। अगर आरोपी जुर्माना का पैसा डेटलाइन के अंदर पीडि़त को नहीं देता है, तो क्0 परसेंट के हिसाब से आरोपी को वार्षिक ब्याज भी पीडि़त को भुगतान करना होगा।

लखनऊ लैब में हुई जांच

गंगापुर का रहने वाले भीम चौरसिया ने अपने एरिया के ही ओमप्रकाश किराना मर्चेट से क्भ् फरवरी ख्0क्क् को तंबाकू के कुछ पाउच खरीदा। भीम ने जब तंबाकू का सेवन करने की सोची, तो उसे यह आभास हुआ की तंबाकू में कोई लोहे की नुकीली चीज है, जिसको देखते हुए बाकी बचे हुए पाउच का उसने एक्सरे कराया। खाद्य विश्लेषक यूपी लखनऊ लैब में हुए जांच के बाद यह पुष्टि हुई की तंबाकू में एक इंच लंबा लोहे की नुकीली कील और 0.ब् सेमी गोलाई के लोहे की धातु है।

क्0 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति

पीडि़त द्वारा कंज्यूमर फोरम में मर्चेट के खिलाफ क्0 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति का केस दायर किया गया था, जिसमें मर्चेट ओनर ओमप्रकाश बारादरी और महाबीर ट्रेडर्स, प्रबंधक व प्रभारी सतपाल इंडस्ट्रियल इस्टेट एडीनगर त्रिपुरा, प्रबंधक व प्रभारी धर्मपाल, सतपाल एनसीआर नोएडा के खिलाफ वाद दायर किया गया था। केस की सुनवाई के दौरान दोनों पार्टियों की ओर से अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, लेकिन तीन साल तक चले इस केस और पीडि़त द्वारा दायर किए गए साक्ष्य में विपक्षी ओमप्रकाश को छोड़कर बाकी तीन आरोपियों पर आरोप सिद्ध नहीं हो सका।

फोरम का आदेश

फोरम ने अपने जजमेंट में कहा कि खाद्य विश्लेषण लखनऊ की रिपोर्ट संख्या 7क्7ब् दिनांक क्फ् फरवरी ख्0क्ब् को सौंपी गई रिपोर्ट में यह पूरी तरह से सिद्ध होता है कि तंबाकू में लोहे की धातु है, जो व्यक्ति के हेल्थ के लिए डेंजरस है। विपक्षी संख्या एक ने ग्राहक सेवा में घोर लापरवाही व असावधानी बरती है। अत: फोरम विपक्षी संख्या एक ओमप्रकाश को पीडि़त पक्ष को दो हजार रुपए मेंटल व फिजिकली हैरेसमेंट और केस की सुनवाई पर खर्च हुए एक हजार रुपए एक महीने के अंदर दें। वहीं विपक्षी संख्या ख्,फ् और ब् पर दर्ज केस को खारिज किया जाता है।

ऐसे कई मामले

सिटी में फ‌र्स्ट व सेंकेंड दो कंज्यूमर फोरम है। जहां पर केसेज की संख्या फ्00 से भी अधिक है। फोरम में मैक्सिमम मामले इंश्योरेंस, मेडिकल, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट, वाहन और जनरल स्टोर से रिलेटेड होते है। फोरम में डेली दो से तीन नए मामले दर्ज हो रहे हैं।

कार्रवाई का प्रावधान

कंज्यूमर्स अपने राइट्स का इस्तेमाल कर कंज्यूमर फोरम में कंप्लेन दर्ज करा सकता है। जहां पर प्रोडक्ट की प्राइज, कंज्यूमर्स के मेंटली, फिजिकली हैरेसमेंट और केस की सुनवाई में खर्च होने वाले पैसे बतौर जुर्माना शॉप ओनर पर लगाया जा सकता है। पैकेज कम्यूनिटी रूल्स के अकॉर्डिग जिस कंपनी का प्रोडक्ट होता है। उनके खिलाफ नोटिस भेजा जाता है। रूल्स के तहत क्0 से भ्0 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। अगर घटतौली का मामला सामने आता, तो शॉप ओनर के खिलाफ बाट-माप अधिनियम ख्009 धारा फ्0 के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत ख्भ् हजार से क् लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

फोरम में आने वाले मामले

- इंश्योरेंस से जुड़े मामले फ्0 परसेंट।

- मेडिकल से जुड़े मामले ख्0 परसेंट।

- इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से जुड़े मामले - क्0 परसेंट।

- वाहन से संबंधित - ख्0 परसेंट।

- अन्य मामले - ख्0 परसेंट।

फोरम में केस दर्ज कराने का प्रोसेज

- कंज्यूमर्स साबित होने की स्थिति में केस दर्ज करा सकते है।

- जिस सिटी के फोरम में कंप्लेन दर्ज कराना है। मैटर वहां का होना चाहिए।

- कंप्लेन से जुड़ा डॉक्यूमेंट एक एडवोकेट, एक खुद के पास, एक फोरम में और एक पार्टीज जो बनती है। सहित चार सेट में होना चाहिए।

- फोरम का मिनिमम क्00 व मैक्सिमम भ्00 रुपए है।

कितने मनी पर कहा होगी दर्ज हाेगी कंप्लेन

- 0 से ख्0 लाख रुपए तक डिस्ट्रिक्ट कमीशन।

- ख्0 लाख से क् करोड़ रुपए तक स्टेट कमीशन।

- क् करोड़ रुपए से अधिक नेशनल कमीशन।

कंज्यूमर्स के राइट्स

- किसी प्रोडक्ट के मैनुफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट पर ध्यान दे।

- प्रोडक्ट का प्राइज व वेट क्या है।

- संदेह होने पर प्रोडक्ट को तौल कर देख सकते हैं।

- प्रोडक्ट की क्वालिटी की अच्छे से जांच कर लेनी चाहिए।

- जहां तक हो सके ब्रांडेड और जान पहचान वाले शॉप पर ही खरीदारी करें।

- शॉपकीपर से पक्की स्लीप लेना न भूले।

जांच रिपोर्ट में तंबाकू के अंदर लोहे की धातु मिला है। केस की सुनवाई के दौरान पीडि़त द्वारा दर्ज मामला सही पाया गया, जिसको देखते हुए विपक्षी के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है।

बालेंदु सिंह, अध्यक्ष, कंज्यूमर फोरम

Posted By: Inextlive