डीएम ने मांगी आरटीओ से आख्या
- डीएम ने आरटीओ को दिया 24 घंटे की मोहलत
- डेडलाइन के अंदर रिपोर्ट नहीं देने पर होगी कार्रवाई BAREILLY: आई नेक्स्ट में छपी 'दलाल चला रहे आरटीओ दफ्तर' नाम से खबर को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने आरटीओ से आख्या मांगी है। अगर आरटीओ द्वारा डेडलाइन के अंदर आख्या नहीं सौपी जाती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऑफिस के बाहर और अंदर चल रहे दलालों और फर्जी कर्मचारियों के नेक्सस को आई नेक्स्ट ने फ्राइडे को उजागर किया था। खबर के जरिए बताने का प्रयास किया गया था कि, आरटीओ ऑफिस के बाबू कैसे दलालों से साठगांठ कर लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। कैंपस के बाहर होने वाला यह खेल किस तरह से ऑफिस के अंदर तक पहुंच गया है इसका पर्दाफाश किया था। डीएम ने नाराजगी जाहिर कीसरकारी कर्मचारियों की जगह दलालों और फर्जी कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे काम के खुलासे के बाद डीएम संजय कुमार ने नाराजगी जाहिर करते हुए आरटीओ आरआर सोनी से आख्या मांगी है। डीएम ने यह बात साफ तौर पर कही है कि कैसे और किस आधार पर फर्जी कर्मचारी और दलाल ऑफिस के अंदर पहुंचकर ऑफिशियल वर्क कर रहे हैं। डीएम संजय कुमार ने आरटीओ आरआर सोनी को 24 घंटे का टाइम दिया है। किसी भी हाल में आरटीओ को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देनी है।
तो कमेटी गठित कर होगी जांच आख्या मांगे जाने के बाद भी अगर आरटीओ मामले की अनदेखी करते हैं तो इसे घोर लापरवाही मानी जाएगी। डेडलाइन खत्म होने के बाद भी रिपोर्ट ना सौंपने की स्थिति में कमेटी का गठन किया जाएगा। इस पूरे मामले की जांच कमेटी करेगी। जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और ऑफिसर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आख्या पर मची खलबली डीएम द्वारा आख्या मांगे जाने पर आरटीओ ऑफिस के ऑफिसर्स और कर्मचारियों बीच फ्राइडे को खलबली मच गई। विभाग के स्टाफ को इस बात का डर है कि वे कैसे शो करे कि बाबुओं के चेयर और सिस्टम के सामने बैठकर काम कर रहे लोग बाहरी नहीं थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि डीएम को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में आरटीओ साहब क्या बातें स्पष्ट करते हैं।आई नेक्स्ट में पब्लिश हुई खबर मैंने देखी। ऑफिस में इस तरह का काम होना गलत है। इस संबंध में मैंने आरटीओ से आख्या मांगी है। अगर वे आख्या नहीं सौंपते हैं तो कमेटी गठित कर कार्रवाई की जाएगी।
- संजय कुमार, डीएम मैंने समाचार पत्र के खबर को संज्ञान में लिया है। कुछ बाहरी व्यक्ति है जो बाबुओं की जगह काम कर रहे हैं। बाबुओं को ये हिदायत दे दी गई है कि वे पब्लिक का काम करें। अगर बाबुओं की सीट पर बैठकर कोई बाहरी व्यक्ति काम करते पाया जाता है तो संबंधित बाबू के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - आरआर सोनी, आरटीओ