-इमरजेंसी वार्ड में स्वीपर वसूल रहा मरीजों से 100-100 रुपए

-पहले भी दागी रहा घूसखोरी के मामले में, स्टाफ भी परेशान

-सीएमएस ने हटाया, मेल सर्जिकल वार्ड में किया अटैच्ड

इमरजेंसी वार्ड में स्वीपर वसूल रहा मरीजों से क्00-क्00 रुपए

-पहले भी दागी रहा घूसखोरी के मामले में, स्टाफ भी परेशान

-सीएमएस ने हटाया, मेल सर्जिकल वार्ड में किया अटैच्ड

BAREILLY: BAREILLY: यूं तो सरकार की मंशा और योजना जनता को मुफ्त इलाज व दवा देने की रही है। लेकिन सरकार की इसी योजना को अंजाम देने में जुटाए गए सरकारी मुलाजिम मुफ्त इलाज के लिए रिश्वत बतौर कीमत वसूल रहे हैं। बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भी मरीजों से मुफ्त इलाज के बदले यह 'कीमत' खुलकर वसूली जा रही है। ट्यूजडे को एक बार फिर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों से इलाज और साफ सफाई के लिए रिश्वत मांगी गई। वार्ड में तैनात एक स्वीपर ने खुलेआम मरीजों से इलाज दिलाने को रुपए लिए। सीएमएस से कंप्लेन पर स्वीपर को तलब किया गया और कार्रवाई के नाम पर उसे उसे अन्य वार्ड में अटैच कर दिया गया।

वसूले क्00-क्00 रुपए

इमरजेंसी वार्ड में स्वीपर के पद पर तैनात राजेन्द्र एडमिट मरीजों परिजनों से इलाज दिलाने के लिए क्00-क्00 रुपए ले रहा था। स्वीपर मरीजों की फाइल पर लिखी दवा व इंजेक्शन लगवाने और साफ सफाई के नाम पर खुलकर पैसे लिए। परेशान मरीजों ने जल्द इलाज मिलने व मरीज के आस पास सफाई कराने की मजबूरी में उसे पैसे भी दिए। जिन मरीजों के तीमारदारों ने पैसे देने से इंकार किया उन पर स्वीपर ने दबाव बनाया और काम न होने की ध्ामकी दी।

दागी रहा है स्वीपर

आरोपी स्वीपर राजेन्द्र पहले भी मरीजों से पैसे वसूलने के मामले में दागी रहा है। इमरजेंसी वार्ड में रहने के दौरान मरीजों से पैसे वसूलने के आरोपों में दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई भी हुई। लेकिन हटाए जाने के कुछ महीनों बाद ही इमरजेंसी वार्ड में स्वीपर की फिर से ड्यूटी लगा दी गई। ट्यूजडे को डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ के इमरजेंसी वार्ड में मौजूदगी के दौरान स्वीपर ने पैसे वसूले। स्वीपर की दंबगई के चलते बाकी स्टाफ भी खुलकर विरोध नही कर पाता।

पुराना है घूसखोरी का घुन

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मरीजों से रिश्वत लेने का रिवाज पुराना है। बकायदा जिम्मेदारों की नाक के नीचे घूसखोरी का यह घुन फन फूल रहा, लेकिन इस पर नकेल नहीं कसी जा रही। कुछ महीनों पहले ही शिक्षामित्रों से हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने को लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के कर्मचारी ख्00-फ्00 रुपए वसूलते हुए कैमरे में पकड़े गए। वहीं फीमेल हॉस्पिटल के पैथोलोजी में जांच कराने को महिलाओं से भ्0 रुपए तक घूस वसूली जाती है। सीएमएस से लेकर डीएम तक ने इन मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन कोई कवायद कामयाब न हो सकी।

लगे हैं दलाली के दाग

हॉस्पिटल में मरीजों से पैसे वसूलने को लेकर सफाई कर्मचारी से लेकर डॉक्टर्स तक के दामन में दाग लगे हैं। कई डॉक्टर्स के ऊपर पैसे लेकर इलाज व ऑपरेशन करने के आरोप लगे हैं। वहीं कई डॉक्टर्स को बाहर की दवा लिखवाने के मामले में आला अफसरान से डांट फटकार तो पड़ चुकी है। एक रोड हादसे के दौरान हॉस्पिटल में मरीजों से मिलने आए राज्यमंत्री भगवत सरन गंगवार ने तो इलाज व सुविधाओं का हाल देख नाराजगी जताई। मंत्री जी ने तो हॉस्पिटल को दलालों का अड्डा तक कहा और अधिकारियों को फटकारा।

यूं अटक जाती है कार्रवाई

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सफाई कर्मचारियों, वार्ड ब्वाय और बाबुओं पर अक्सर घूसखोरी के आरोप लगे हैं। कई मामलों में आरोप सही पाए जाने के बाद भी कार्रवाई कुछ दिनों के सस्पेंशन के तौर पर ही की जाती है। जिन थोड़े बहुत पुराने मामलों में कार्रवाई की भी गई, उसमें कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पर दबाव ही डाला। मरीजों को इलाज में दिक्कतें होने से हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन अक्सर कर्मचारियों की मांगों के आगे घुटने टेक देता। इससे घूसखोर कर्मचारियों के हौसले बुलंद बने हुए हैं।

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पति रफीक खान कई दिनों से पैर में तकलीफ के चलते परेशान हैं। इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया है। इंजेक्शन लगाने और सफाई कराने के लिए क्00 रुपए मांगे। पति की तकलीफ को देखते हुए मैने दे दिए। पर न तो इंजेक्शन ही लगाया न ही परेशानी सुन रहे। - बिलकिस, फतेहगंज

बीवी को इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया। लेकिन एडमिट कराते ही वार्ड का स्वीपर क्00 रुपए मांगने लगा। नहीं देने पर पेशेंट का कार्ड नहीं दे रहा। दवा व इंजेक्शन लगने पर भी रोक लगा रहा। किससे कंप्लेन करें पता नहीं। - रिजवान, मलूकपुर

बीवी लीलावती को एडमिट कराया है। स्वीपर ने आकर इलाज के लिए क्00 रुपए मांगे। मना किया तो दबाव बनाया। मजबूरी में दे दिए। बिना पैसे दिए बात ही नहंीं सुनी जा रही। स्टाफ नर्स मदद कर रही। सरकार से इसकी शिकायत करूंगा। माखनलाल, चौबारी

कोई सफाई कर्मचारी अगर मरीजों से पैसा लेता है, या फिर शराब पीकर ड्यूटी करता है तो उनके साथ संगठन खड़ा नहीं होगा। राजेन्द्र के खिलाफ पहले भी कई शिकायते मिली हैं। उसे कई बार चेतावनी दी गई लेकिन वह नहीं मान रहा। -राधेश्याम, प्रेसीडेंट, फोर्थ क्लास यूनियन

स्वीपर के खिलाफ मरीजों से पैसे लेने की शिकायत मिलते ही कार्रवाई की गई है। आरोपी स्वीपर से जवाब तलब कर उसे मेल सर्जिकल वार्ड में अटैच कर दिया गया है। बड़ी कार्रवाई करने पर हम भी मजबूर हो जाते हैं। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस

Posted By: Inextlive