29 वर्षो बाद दीपावली पर गुरुविकुंभादि योग का संयोग
- ज्योतिषाचार्यो के अनुसार व्यापारी वर्ग और विद्यार्थियों के लिए शुभ संयोग
- लक्ष्मी-गणेश पूजन का विशेष मुहूर्त मिथुन लग्न शाम 8:05 बजे से 11:03 बजे तक BAREILLY : दीपावली सुख-समृद्धि का त्योहार होता है। इस पर्व पर लोग गणेश-लक्ष्मी का पूजन कर कष्टों को दूर करने और समृद्धि की कामना करते हैं। इस बार दीपावली को 29 वर्षो बाद चरयोग चित्रा नक्षत्र पड़ने से 'गुरुविकुंभादि' का संयोग बन रहा है। जिससे जातकों के कार्य फलदायी और सिद्धिदायक रहने की संभावना है। देवगुरु वृहस्पति के शुभ दिन पर बन रहा यह संयोग व्यापारियों और विद्यार्थियों के लिए उत्तम रहेगा। दीपावली पर पड़ने वाले शुभ मुहूर्तज्योतिषाचार्यो के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या में श्री महालक्ष्मी पूजन का विधान है। इस वर्ष अमावस्या 23 अक्टूबर की मध्यरात्रि के बाद सुबह करीब 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। वहीं चरयोग योग सुबह 4 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। गुरुविकुंभादि का विशेष मुहूर्त समराहुकाल में दोपहर 1:30 बजे से 4 बजे तक रहेगा, जबकि योग का आंशिक प्रभाव दिनभर रहेगा। वहीं गणेश लक्ष्मी का पूजन मिथुन लग्न में शाम 8:05 बजे से 11:03 बजे के बीच अतिशुभ फलदायी रहेगा।
करें नए कार्यो की शुरुआतज्योतिषाचार्यो के अनुसार गुरुविकुंभादि योग का धनुलग्न में होने की वजह से व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी। नए कार्यो की शुरूआत और उद्योग धंधे से जुड़े सभी कार्य सिद्ध होंगे। व्यापारी को सुबह 10:39 बजे से 12:42 बजे तक धनुलग्न के बीच दुकान का पूजन और नए बिजनेस का शुभारंभ्ा करें।
छात्रों के लिए अतिश्ाुभ संयोग देव गुरु वृहस्पति ज्ञान दायक माने जाते हैं। जो पठन पाठन और लेखन क्षेत्र से जुडें़ हैं उनके लिए काफी शुभ संकेत है। छात्र और लेखन कार्य से जुड़े जातक कार्य की शुरुआत 'ऊं एकदन्त महाबुद्धि सर्व सौभाग्य दायक:, सर्वसिद्धि करो देव गौरी पुत्रौविनायक:' मंत्र का जाप कर करें। दीपक का स्थान दीपावली पर दीपक के रखने के स्थान का भी खास महत्व होता है। पूजन के उपरान्त पहला दीपक प्रवेश स्थान पर, दूसरा तुलसी के पास, तीसरा जलस्थान, चौथा रसोई और पांचवा शयन कक्ष्ा में रखना चाहिए। पूजन का सामान लक्ष्मी-गणेश के पूजन की थाली का विशेष महत्व है। थाली में रोली, खील, खिलौने, बतासे, कमलगट्टे, हल्दी, शरीफा, गणेश लक्ष्मी वस्त्र, फूल, पान, सुपारी और लौंग रखकर परिवार के संग पूजन करना चाहिए। वहीं एक दीपक पूरी रात प्रज्वलित रखना अति शुभकारक होता है। पूजन के लिए वस्त्र चयन मेष - सफेद वृष - नारंगी मिथुन - ग्रे कर्क - लेमन सिंह - नारंगीकन्या - मेंहदी
तुला - लाल वृश्चिक - मिश्रित धनु - पीला अथवा नारंगी मकर - हल्के रंग कुंभ - गाढे रंग मीन - इच्छानुसार - यह संयोग जातकों के लिए उत्तम है। इस दिन शुभ मुहूर्त में परिवार के साथ गणेश-लक्ष्मी का पूजन करना फलदायी रहेगा। पं। डॉ। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य - देव गुरू वृहस्पति के दिन समराहुकाल में गुरूविकुंभादियोग पठन, पाठन और लेखन के क्षेत्र से जुडे़ लोगों के लिए अतिशुभ फलदायी रहेगा। पं। राजेंद्र त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य