देवशक्ति संयोग से पूरी होंगी अभिलाषाएं
- 57 वर्षो बाद बन रहे देव शक्ति योग से सकल मनोकामना होगी पूर्ण
BAREILLY: चैत्र नवरात्र की शुरुआत ही लोगों के लिए लाभप्रद था। इसी योग में संयोग से एक और कड़ी के जुड़ने से यह मंगलमय है। भ्7 वर्षो बाद समय का पहिया एक बार फिर घूम कर खास दिनपर आ टिका है। जो बना रहा है मनोकामनाओं को पूर्ण करने का योग। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो इस नवरात्रि के उद्यापन और भगवान राम के जन्म के मौके पर 'देव शक्ति योग' बन रहा है। ऐसे में दो से ज्यादा संयोग एक साथ पड़ने से ये रामनवमी विशेष फलदायी है। ये शुभ संकेत लोगों की सकल मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इस योग का राजनैतिक, व्यवसायिक और शिक्षा के क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर प्रभाव दिखाई देने की संभावना है। मंगल और शनि की टकराहटचैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि मां शक्ति की आराधना के साथ प्रभु राम के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। भ्7 वर्षो बाद वार, समय और ग्रह नक्षत्रों के योग के अनुसार नवमी, राम जी का जन्मदिन का संयोग बना रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित हर्षित ने बताया कि इस दिन मां शक्ति और भगवान राम का मिलन हो रहा है। दोनों ही शक्तियां कष्टों को नष्ट करने वाली हैं।
शक्तिदेव के प्रभाव ज्योतिषाचार्य पं। राजेंद्र त्रिपाठी के अनुसार यह दिन लोगों में उत्साह और उमंग की वृद्धि करने वाला है। वहीं, नवरात्रि के आखिरी दिन को नवम् सिद्धिदात्री दिवस यानि सभी सिद्धियों को सिद्ध करने वाला दिन भी माना जाता है। इस खास दिन भगवान राम और मां की आराधना से भक्तों की सिद्धियों में ऐश्वर्य, धन, आयु की वृद्धि होगी। राशियों में मेष, तुला, वृश्चिक, मकर, राशि वालों का आधिपत्य स्वामी मंगल व मित्र होने से जातकों के लिए यह योग बड़ा ही शुभकारी रहेगा। रामनवमी के मौके पर पूजन विधि शक्तिदेव योग पर विभिन्न राशियों के जातक राम का पूजन राशिनुकूल पुष्प से करें। पंडित संजय सिंह के अनुसार यह पूजन विशेष फलदायी हेागा। इसमें मेष, लाल पुष्पों से, वृष सफेद पुष्पों से, मिथुन पीले, कर्क विल्वपत्र, सिंह लाल, कन्या विल्वपत्र, तुला सफेद, वृश्चिक पारिजात, धनु गुलाब, मकर दूर्वा, कुंभ सफेद और मीन पीले पुष्प से पूजन करें। इससे जातकों को परिवार और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।