Bareilly: बच्चे को बोतल से दूध पिलाने पर उसके दातों का स्ट्रक्चर बिगड़ सकता है. कुछ केसेज में दांत टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं तो कभी-कभी दांत बाहर भी आ जाते हैं. वहीं अपर एंटिरियर टूथ्स में कैविटी के चांसेज भी बढ़ जाते हैं. बच्चों में इस तरह की प्रॉब्लम को मेडिकल लैग्वेज में नर्सिंग कैरिज कहते हैं. इस प्रॉब्लम से बचने के लिए बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग ही करानी चाहिए. बे्रस्ट फीडिंग पॉसिबल न हो तो बॉटल की जगह कप और स्पून का यूज करें.


Start करें brushingडॉक्टर्स सजेस्ट करते हैं कि बच्चों के मिल्क टूथ निकलने शुरू होने के साथ ही उनके दातों में ब्रशिंग शुरू कर देनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों के दांतों को सही शेप मिल जाता है। लेकिन इसमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि ब्रश हार्ड न हो। वहीं मसूड़ों को उंगली से मालिश भी कर सकते हैं। इससे दातों को मजबूती मिलती है। बच्चों को मिल्क फिडिंग बोतल से नहीं करानी चाहिए। बोतल से फीडिंग करवाने पर बच्चा जब मिल्क सक करता है तो जोर बाहर की तरफ होता है। इस वजह से दांत बाहर की ओर निकलने लगते हैं। कप या स्पून से फीडिंग करवाकर इस प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।Teeth हो जाते हैं irregular


डॉक्टर्स बताते हैं कि प्राइमरी टूथ 6 मंथ से 3 साल के अंदर निकल आने चाहिए। वहीं 6 से 12 साल तक मिक्स डेंटिशन निकलते हैं। इस टाइम में बच्चों में मिल्क और परमानेंट दोनों टाइप के टूथ्स होते हैं। अधिकतर केसेज में देखा गया है कि दूध के दांत पूरी तरह से गिर नहीं पाते हैं और दूसरी तरफ परमानेंट टूथ बाहर आने लगते हैं, जिससे बच्चों के दांत टेढे-मेढे हो जाते हैं। अगर दांत समय पर नहीं निकलते हैं या समय पर नहीं गिरते हैं तो बच्चों के दांतों की सूरत बिगड़ सकती है।कराएं dental check-upकुछ बच्चों में स्टार्टिंग से ही एबनॉर्मल हैबिट दिखने लगती है। मसलन अंगूठा चूसना, नेल बाइटिंग, लिप ट्रेप करना, जीब बाहर निकालना सरीखी समस्याएं समाने आती है। इससे बचने के लिए पेरेंट्स को समय-समय पर दांतों का चेकअप किसी डेंटिस्ट से करवाते रहना चाहिए। साथ ही बच्चों को मीठा, चाकलेट और केंडीज कम से कम खिलानी चाहिए। Permanent teeth निकलने में करें careबच्चों के दांतों से रिलेटेड एक और कॉमन प्राब्लम सामने आती है। दांतों का इररेगुलर निकलना। अक्सर यह देखा गया है कि पैरेंट्स अपने लाडले के पहले दांतों को लेकर काफी पजेसिव रहते है। बच्चों की मासूम मुस्कान को इररेगुलर टूथ बिगाड़ देते है। सीनियर डेंटल डॉक्टर बताते है कि मिल्क टूथ के गिरने और परमानेंट टूथ के निकलने के बीच अगर सही तालमेल न हो तो बच्चों में इररेगुलर टूथ की प्राब्लम सामने आती है। इस age group में निकलते हैं दांत-बच्चों में प्राइमरी टूथ 6 मंथ से 2.5 से 3 साल तक निकलते हैं। -बच्चों में मिक्स डेंटिशन 6 साल से 12 साल तक सामने आता है।  -अक्ल दाढ़ (विज्डम टूथ) 18 वर्ष से 21 वर्ष के बीच में निकलते हैं।

बच्चों के दांतों के मामले में काफी एलर्ट रहने की जरूरत होती है। मिल्क टूथ निकलने के साथ ही रेगुलर ब्रश और ज्यादा मीठी चीजों को एवॉयड करने से बच्चों के दांतों में कैविटी नहीं लगती है। -डॉ। जितेंद्र कुमार शाक्य,  डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive