जिला अस्पताल में डेंगू रोकथाम की व्यवस्थाओं में पैबंद
बरेली(ब्यूरो)। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भले ही डेंगू के खिलाफ जंग को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी जुदा है। संडे को जिला अस्पताल के डेंगू-मलेरिया वार्ड में जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम पहुंची तो व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। यहां डेंगू-मलेरिया वॉर्ड में पेशेंट्स को साबुत मच्छरदानी भी नसीब नहीं हो रही है। साथ ही यहां के बाथरूम चोक होने से पूरे वॉर्ड में दुर्गंध फैली हुई थी। डेंगू की मार से पहले से परेशान पेशेंट्स इतनी अव्यवस्था में आखिर कैसे ठीक होंगे।
रात भर काटते हैैं मच्छर
डेंगू पेशेंट्स के इलाज के लिए जिला अस्पताल में 14 बेड का वार्ड बनाया गया है। यहां एडमिट 13 पेशेंट्स में अधिकांश की मच्छरदानी जगह-जगह से फटी हुई थी। साथ ही पेशेंट्स को बाथरूम में सीवर चोक होने के कारण दूसरे वॉर्ड में जाना पड़ रहा था। मच्छरदानी में अत्याधिक छेद होने को लेकर पेशेंट्स ने बताया कि मच्छरदानी काफी जगह से फट गई है। इसमें छोटे-छोटे छेद हो गए हैैं। इसमें रात में मच्छर आने की संभावना बनी रहती है। इसलिए इसमें गांठ लगा दी गई हैं।
दुर्गंध से परेशान तीमारदार
डेंगू वॉर्ड में एडमिट पेशेंट्स ने बताया कि डेंगू के कारण पहले ही अत्याधिक कमजोरी महसूस हो रही है। ऊपर से यहां बाथरूम करने के लिए भी दूसरे वॉर्ड में जाना पड़ रहा है। डेंगू वार्ड के बाथरूम से इतनी अधिक दुर्गंध आती है कि यहां सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। दुर्गंंध के कारण वॉर्ड में पेेशेंट्स व तीमारदारों को काफी परेशानी हो रही है। वहां तैनात महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि सफाईकर्मी से इसे साफ करने के लिए कहा गया है।
महिला की संदिग्ध बुखार से मौत
मीरगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ। अमित कुमार ने बताया कि ठिरिया खुर्द गांव निवासी 39 वर्षीय रूपवती जांच में एनएस वन पॉजिटिव आईं थी। उसके बाद उसे सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हालत में सुधार न होते देख परिजन महिला को निजी अस्पताल में ले गए थे, जहां संडे को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बता दें कि मीरगंज डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित है और यहां डेंगू से हुरहुरी ग्राम प्रधान पति की हाल में ही मौत हुई थी। साथ ही संदिग्ध बुखार से पैगानगरी गांव में युवक की मौत हो गई थी। ठिरिया खुर्द ग्राम प्रधान हरीश कुमार ने बताया कि रूपवती का चार-पांच दिन सीएचसी पर इलाज कराया गया, सुधार न होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। इसके बाद निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत से परिवार में कोहराम मच गया, महिला पति व पांच बच्चों के साथ गांव में रहती थी। एसीएमओ डॉ। हरपाल ने बताया कि जिले में संडे को एनएस1 कार्ड से 38 लोगों की जांच की गई, इसमें 12 लोग पॉजिटिव आए। वहीं 12 लोगों का एलाइजा टेस्ट किया गया, जिसकी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई हैैं। जिले में डेंगू केसेस की संख्या 116 हो गई है। वहीं मीरगंज में महिला की डेंगू से मौत हुई है, एनएस1 कार्ड में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
सीवर लाइन की व्यवस्था दुरूस्त नहीं होने के कारण सीवर चोक हो रहा है। डेंगू वॉर्ड के बाथरूम को ठीक कराने के लिए कहा गया है। मच्छरदानी पेशेंट्स की लापरवाही के कारण डैमेज हो रही हैैं। फिर भी अगर डैमेज हैैं तो उसे दिखावाया जाएगा।
डॉ। मेघ सिंह, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल