करोड़ों के बकाएदार, निगम गैरजिम्मेदार
नगर निगम पर 753 करदाताओं का 22 करोड़ से ज्यादा बकाया
ज्यादातर कॉमर्शियल करदाता, एक चौथाई पर 10-40 लाख बकाया मार्च के 23 दिन में 23 करोड़ की टैक्स वसूली बनी बड़ी चुनौती BAREILLY: नगर निगम के खजाने का सबसे अहम सोर्स मानी जाने वाली टैक्स वसूली बड़े बकाएदारों की चौखट पर दम तोड़ गई है। हर साल शासन से मिले टैक्स वसूली के टारगेट में पिछड़ने का रिकार्ड बनाने वाले नगर निगम के जिम्मेदारों ने इस बार भी खजाना आधा खाली रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शहर में निगम के 7भ्0 से ज्यादा ऐसे करदाता हैं, जिन पर करीब ख्फ् करोड़ रुपए बकाया है। मार्च खत्म होने में तीन हफ्ते का समय रह गया है। लेकिन निगम ऐसे दबंग बकाएदारों से वसूली की कवायद तो दूर उन्हें बिल जारी करने में भी फिसड्डी साबित हुआ है। साल पूरा, वसूली आधी भी नहींनिगम साल ख्0क्ब्-क्भ् के टैक्स वसूली टारगेट में आधा पड़ाव भी नहीं तय कर पाया है। शासन की ओर से निगम को साल ख्0क्ब्-क्भ् के लिए ब्9.म् करोड़ रुपए की टैक्स वसूली का टारगेट दिया गया था। लेकिन वित्तीय वर्ष के क्क् महीने बीतने के बाद तक निगम करीब ख्फ् करोड़ रुपए ही जुटा सका है। वसूली की नाकामी की हद इसी से अंाकी जा सकती है कि जिम्मेदार अधिकारी भी इसका सटीक आंकड़ा नहीं बता पाते। मार्च खत्म होने में तीन हफ्ते रह गए हैं, लेकिन अधिकारियों के पास बकाया टैक्स वसूली के लिए न तो कोई रणनीति है, और न ही इसे कड़ाई से लागू करने का तरीका।
हर बकाएदार पर लाखों का टैक्स शहर के जिन 7भ्फ् करदाताओ से निगम टैक्स वसूलने में फिसड्डी रहा उनमें ज्यादातर कॉमर्शियल टैक्स करदाता हैं। इनमें शहर के व्यापारी और शोरूम व होटल ओनर्स शामिल हैं। वहीं कुछ सरकारी विभाग भी हैं, जिन पर निगम की टैक्स अदायगी लंबे समय से लटकी पड़ी है। जिन पर एक लाख से ऊपर की टैक्स वसूली होनी है। इन 7भ्फ् करदाताओं में भी एक चौथाई से ज्यादा ऐसे करदाता हैं, जिन पर तो क्0 लाख से ब्0 लाख रुपए तक का टैक्स बकाया है। जिनसे इस बार भी वसूली की कवायद सपना ही ि1दख रही। गलत बिल पर घूसखोरी तेजनिगम की ओर से इन बड़े दबंग करदाताओं से सिर्फ टैक्स वसूली में ही नक्कारापन नहीं दिखाया गया, बल्कि टैक्स के बिल जारी किए जाने में भी जबरदस्त लापरवाही बरती गई। ज्यादातर को टैक्स के बिल ही जारी नहीं किए जा सके। जिन्हे जारी भी किए गए, उनमें भी कई में खामियां मिली। बिल में गलती होने के चलते कई करदाताओं ने इसे सही कराने के लिए निगम के चक्कर लगाए तो उनसे जेब गर्म करने के बदले में आधा टैक्स किए जाने का खेल शुरू हो गया। मामले बढ़े तो शिकायतें भी आने लगी। बार बार आ रही वसूली की इन शिकायतों पर नगर आयुक्त तक ने चिंता जाहिर कर टैक्स सुपरिंटेंडेंट्स को मामलों की जांच सौंप दी।
नहीं चलाया गया काेई अभियान जिन बड़े बकाएदारों से वसूली कर खाली खजाना भरकर निगम के जिम्मेदार सरकार से अपनी पीठ थपथपा सकते थे, उन्हीं के खिलाफ वसूली का कोई अभियान नहीं शुरू कराया गया। जानकारों के मुताबिक इन 7भ्फ् बड़े करदाताओं के खिलाफ योजना के तहत वसूली की कवायद शुरू की जानी चाहिए थी। उन्हें समय रहते बकाए बिल देने के साथ ही एकमुश्त अदायगी पर ब्याज में छूट दिए जाने की भी कोशिश, निगम का खजाना भरने में मदद करती। लेकिन न तो छूट के ऑफर से ही बकाया टैक्स वसूला गया और न ही कड़ाई से टैक्स वसूली की हिम्मत निगम के जिम्मेदार खुद में पैदा कर सकें। ख्फ् दिन में ख्फ् करोड़ की चुनौतीलाखों के टैक्स अदायगी के ऐसे करदाताओं के खिलाफ अधिकारियों की सुस्त कवायद ने निगम की परेशानी बढ़ा दी है। मार्च खत्म होने में महज ख्फ् दिन बाकी है, वहीं सरकार की ओर से दिए गए वसूली के टारगेट में करीब ख्फ् करोड़ रुपए तो इन्हीं 7भ्फ् करदाताओं के ऊपर बकाया है। जो अधिकारी व स्टाफ क्क् महीने में ख्फ् करोड़ की टैक्स वसूली न कर सके, वे महज ख्फ् दिन में इन बड़े बकाएदारों से ख्फ् करोड़ रुपए कैसे वसूलेंगे, इसका जवाब खुद आला अफसरान व निगम के मुखिया तलाश रहे।
तो शासन में बढ़ती साख, िमलता फायदा समय रहते अगर नगर निगम इन बड़े बकाएदारों से टैक्स वसूली कर लेता और सरकारी की ओर से दिए गए टारगेट को हासिल कर लेता तो इसका फायदा मिलता। जानकारों के मुताबिक शासन की ओर से बरेली नगर निगम के जिम्मेदारों को शाबाशी मिलने के अलावा कुल वसूली का ख् फीसदी बतौर इंसेटिव्स मिलता। इसके अलावा हर साल शासन की ओर से राज्य वित्त आयोग, तेरहवें वित्त आयोग और अवस्थापना निधि में मिलने वाली रकम में बेहतर परफॉर्मेस के आधार पर इजाफा होने की उम्मीद भी बढ़ती। मेयर लेंगे अधिकारियों से सूचीशहर के इन बड़े बकाएदारों से ख्ख् करोड़ से ज्यादा की वसूली न होने पर मेयर डॉ। आईएस तोमर ने कड़ी नाराजगी जताई है। टैक्स वसूली की कवायद में बाकी नगर निगम के मुकाबले पिछड़ने की फजीहत से बचने को मेयर ने मंडे को टैक्स से जुडे़ सभी अधिकारियों की शाम ब् बजे अहम बैठक बुलाई है। बैठक में उपनगर आयुक्त, दोनों सहायक नगर आयुक्त व टैक्स सुपरिंटेंडेंट्स से बकाएदारों की सूची मांगी जाएगी। साथ ही मार्च खत्म होने से पहले इनके खिलाफ वसूली के अभियान की दशा-दिशा तय की जाएगी।
----------------------- जोन वाइस बड़े 7भ्फ् बकाएदार जोन क् - 78 जोन ख् - ब्क्7 जोन फ् - म्ब् जोन ब् - क्9ब् ---------------------- टैक्स वसूली की प्रोसेस बेहद धीमी रही। जिन बड़े बकाएदारों से करोड़ों की वसूली होनी है, उनसे ढिलाही बरता जाना अफसोस जनक है। मंडे को अधिकारियों की टैक्स पर बैठक बुलाई है। इसमें बड़े बकाएदारों की सूची मांगी जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर टैक्स दरों को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनाई गई, उसका खमियाजा भुगतना पड़ा। इसी के चलते वसूली की रफ्तार धीमी रही। कैम्प के जरिए बडे़ बकाएदारों से वसूली की कवायद तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त