हर किसी की आंख में थे आंसू
एक्सीडेंट में एक ही परिवार के सात लोगों की बाद मौत बांके की छावनी में मातम
पूरे मोहल्ले में जुट गई लोगों की भीड़ BAREILLY: मेरे भाई को वापस लाओ, वो मेरी बात जरूर मानेगा, कोई तो रोको उसे, कहां ले जा रहे हो उसे, ना जाने कौन सी मनहूस घड़ी थी जो ये सब हो गया। कुछ ऐसी ही दिल दहला देने वाली आहों से बांके की छावनी मंडे को गूंजती रही। कोई आंख ऐसी नहीं थी, जिसमें आंसू ना हो। कोई गली तो कोई छत से खड़े होकर इस दर्द को झेल रहा था। इस मोहल्ले से एक ही परिवार के सात लोगों को अंतिम विदाई दी गई। संडे रात एक कार में मौजूद इन लोगों को ट्रक ने टक्कर मार दी थी। ट्रक ने लीं सात जानेंबांके की छावनी के रहने वाले प्रदीप यादव अपने परिवार के साथ रिश्तेदारी में पीलीभीत संडे की छुट्टी मनाने गए थे। रात में वह वापस लौट रहे थे कि तभी मयूर वन चेतना के पास ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार ट्रक में घुस गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी की मदद से कार को बाहर निकाला लेकिन तब तक प्रदीप समेत उनके परिवार के सात लोगों की जान जा चुकी थी। मरने वालों में प्रदीप यादव, उनके भाई रिंकू, पंकज, सूरजा देवी, सुमित, भोलू और शिवांग हैं। वहीं छोटी बच्ची निक्की की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
हर जगह लोग थे मौजूद एक साथ सात मौतों से परिवार में कोहराम मच गया। रात में ही डेड बॉडी पोस्टमार्टम हाउस पर भेज दी गई थीं। मामला गंभीर होने के चलते मंडे सुबह ही सभी डेडबॉडीज का पोस्टमार्टम किया गया। वहीं सुबह से ही घर के बाहर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई थी। दोपहर में जैसे ही डेडबॉडीज गाडि़यों में पहुंची तो लोगों का तांता लग गया। वहां पहुंचने वाले हर शख्स की आंख आंसू था। मोहल्ले के हर घर की छतों से लेकर पूरी गलियां तक भरी हुई थी। कोई भी इतनी बड़े हादसे का भरोसा नहीं कर पा रहा था। डेडबॉडीज को मोहल्ले से कई ऑटोज में ले जाया गया।