Careless Kanpur Zoo
आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने शावकों के टिश्यू की जांच के बाद इसकी रिपोर्ट कानपुर जू को सौंप दी है। शावकों के टिश्यू समय पर और सही अवस्था में न मिल पाने की वजह से आईवीआरआई के वैज्ञानिक मौत की सटीक वजह नहीं जान सके। जो टिश्यू उन्हें भेजे गए थे उनकी जांच से किडनी फेल होना मौत की वजह मानी जा रही है।
जांच के लिए sufficient tissue नहीं आए zoo से
कानपुर जू में 30 मई, 2011 को दो शावकों का जन्म हुआ था। इनमें से एक शावक की मौत 2 अक्टूबर और दूसरे शावक की मौत 15 नवम्बर, 2011 को गया था। जू ने इन शावकों के टिश्यू आईवीआरआई को भेजी थी। आईवीआरआई सूत्रों के अनुसार आईवीआरआई को कानपुर से एक टिश्यू 13 अक्टूबर को और दूसरे शावक का टिश्यू 16 नवम्बर को भेजा गया था। जांच के दौरान दोनों ही शावकों के किडनी खराब होने की बात सामने आई है। सांप काटे जाने की बात स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आईवीआरआई को शावकों की पूरी बॉडी नहीं भेजी गई थी।अब तक 42 tissue आए
इससे पहले भी कानपुर जू में कई जानवरों की मौत हो चुकी है और सभी के टिश्यू आईवीआरआई को भेजा गया था। इसमें से 4 अक्टूबर 2010 को दो एशियाई शेर के टिश्यू भी आईवीआरआई में भेजे गए थे। चौकाने वाली बात तो 2009 को सामने आई थी जब कानपुर जू की ओर से 16 सितम्बर को एक साथ 14 जानवरों का टिश्यू आईवीआरआई को सौंपा गया था। अब तक कानपुर जू से 42 जानवरों के टिश्यू आईवीआरआई को भेजे जा चुके हैं। हाल में मृत पाए गए दो शावकों की मौत किडनी फेल होने की बात सामने आ जाने के बाद अब कानपुर जू के लेवल से जांच का दायरा ये बन गया है कि आखिर इनकी किडनी में ही प्रॉब्लम क्यों आई?कानपुर जू से भेजे गए टिश्यू29 मई, 2009 को 4 एनिमल टिश्यू25 जुलाई, 2009 को 8 एनिमल टिश्यू10 सितम्बर, 2009 को 2 टिश्यू16 सितम्बर, 2009 को 14 टिश्यू13 जनवरी, 2010 को 1 टिश्यू10 मई, 2010 को 1 टिश्यू4 अक्टूबर, 2010 को 2 टिश्यू12 नवम्बर, 2010 को 2 टिश्यू17 अगस्त, 2011 को 6 एनिमल टिश्यू13 अक्टूबर, 2011 को 1 टिश्यू16 नवम्बर, 2011 को 1 एनिमल टिश्यूसोर्स के अनुसार, रिपोर्ट में मौत की वजह यदि बैक्टीरिया है तो उसके नाम का उल्लेख जरूर किया जाता है। यह पोस्ट मार्टम रिपोर्ट लिखने का एक बेसिक रूल है।
किडनी संक्रमण की तीन वजहआईवीआरआई सोर्स के मुताबिक, जू में रखे कार्नीवोरस एनिमल्स की किडनी संक्रमण की तीन वजह हो सकती है।संक्रमित मांस खाने से : हो सकता है कि जू में संक्रमित जानवर का मीट सप्लाई कर दिया गया हो।मां से संक्रमण : बाघिन को किडनी का कोई संक्रमण हो तो उससे शावकों के भी संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन बाघिन त्रुशा हेल्दी है।जंगली बिल्ली से इंफेक्शन : जंगली बिल्लियां कूड़े और इधर-उधर घूमती रहती हैं। शावकों के बाड़े में भी आ जाती है। इनसे भीसंक्रमण हो सकता है लेकिन इसकी संभावना कम ही है।'बेनियर्चके 1947Ó बुक के मुताबिक जू में ज्यादातार जानवरों में ऐसा देखा जाता है कि एनिमल की बॉडी में विटामिन बी की ज्यादा मात्रा का हो जाना या फिर बहुत से विटामिन की एक साथ कमी हो जाने की बात सामने आती है। इससे उनमें बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम शुरू हो जाती है, जो उनकी किडनी को डैमेज कर देती है।-फैयाज खुदसर, वन्य जीव वैज्ञानिक