Bareilly: ये अनुज के प्यार की दास्तां है. फोन पर स्टार्ट हुई बातचीत कब प्यार में बदल गई दो जवां दिलों को इसका अहसास ही नहीं हो सका. समय के साथ इनकी फीलिंग स्ट्रांग होती गई और एक दूजे के बिन जिंदगी बेमानी सी लगने लगी. पर शायद किस्मत में मिलना मंजूर नहीं था एक दिन ऐसा आया जब प्यार भरे दो दिल बिछड़ गए. इस जुदाई का दर्द अनुज को सालता रहा. आज भी अनुज अपने प्यार की तलाश जारी रखे हैं बस तरीका जुदा है. साफ्टवेयर इंजीनियर अनुज ने अपने प्यार के साथ गुजारे लम्हे को नॉवेल की शक्ल दी है. इस उम्मीद के साथ कि उसका प्यार जहां भी हो नॉवेल पढ़ यह अहसास हो कि अनुज के दिल में आज भी प्यार का तूफान उमड़ रहा है.


खुद की love storyअनुज तिवारी बरेली के सुभाष नगर के निवासी हैं। फिलहाल सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई में सेटल हैं। अनुज ने अपनी लव लाइफ को एक बुक की शक्ल दी है। सिटी के बुक लवर्स के लिए 'जर्नी ऑफ टू हाट्र्स- विल बी चेरिश्ड फॉरएवरÓ नामक की इस नॉवेल की ओपनिंग फ्राइडे को की जाएगी। अनुज ने बताया कि यह उनकी खुद की लव स्टोरी है। नॉवेल की शक्ल देने के लिए गर्ल की पहचान को छिपाते हुए स्टोरी के 20 परसेंट पार्ट में फिक्शन का पुट दिया गया है। वैसे वो नई दिल्ली में भी सितम्बर में नॉवेल की ओपनिंग कर चुके हैं। दावा है कि नॉवेल की 15,000 कॉपीज बिक चुकी हैं और बेस्ट सेलर्स में शुमार कर ली गई है।Diary से बनी novel
अनुज की इस रोमांटिक नॉवेल को पढ़ेंगे तो कई फिल्मों का ताना-बाना अपने आसपास पाएंगे। उन खुशनुमा दिनों के पलों को संजोने के लिए अनुज ने हर बातों को अपने डायरी में समेट लिया था। ब्रेकअप के बाद डायरी के पन्नों ने नॉवेल का चोला पहना, जैसे की 'बागबांÓ में दर्शाया गया है। यही नहीं 'सिर्फ तुमÓ फिल्म की तरह बिलव्ड से 10 महीने तक फोन से संपर्क में थे। दस महीने के बाद दोनों ने एक दूसरे से नई दिल्ली में मिलने का फैसला किया। अब इंतजार है कि उसकी बिलव्ड नॉवेल पढ़ मिलने जरूर आएगी, यह 'हम तुमÓ फिल्म के क्लाइमैक्स जैसा है।हर दिल को छूती है यह स्टोरीअनुज का कहना है कि यह नॉवेल हर उस शख्स के दिल की कहानी कहती है जो प्यार के लिए धड़कता है। कैसे एक आम लड़का गलती से किसी लड़की से बात करता है। बातें लंबी होती चली जाती हैं और एकदूसरे के प्रति पजेसिव होने लगते हैं। यही पजेसिवनेस प्यार में बदल जाती है, जिसका उनको अंदाजा ही नहीं लगता। लेकिन फिर अचानक एक दिन ऐसा समय आता है जब लगता है कि सबकुछ खत्म हो गया। इतने समय के बाद आज भी उसकी कमी उतनी ही खलती है।

Report by: Abhishek Singh

Posted By: Inextlive