- लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर हो चुके हैं स्टूडेंट्स

- फ्री ऑनलाइन क्लासेज का झांसा देकर पेरेंट्स के बैंक अकाउंट्स ठग कर रहे खाली

बरेली। इस कोरोना महामारी ने सिर्फ दूध दही और सब्जी ही नहीं, बल्कि शिक्षा की भी ऑनलाइन मार्केटिंग शुरू करा दी है। स्कूल कॉलेज से लेकर कोचिंग तक हर संस्थान महज छह इंच के स्मार्टफोन तक सिमट कर रह गया है। ऐसे में छात्रों के अभिभावकों के बैंक अकाउंट्स पर भी साइबर ठगी का खतरा गहराता जा रहा है। कहीं ऑनलाइन कोर्स की बिक्री तो कहीं फ्री क्लासेज के नाम पर साइबर ठग छात्रों को झांसे में लेकर फ्रॉड कर रहे हैं। इतना ही नहीं जागरूक अभिभावकों को बाईपास कर उनसे बात करने की जगह ठग बच्चों को ही अपनी बातों ने फंसाकर ठगी को अंजाम देते हैं। ऐसे में अब अभिभावकों को ऑनलाइन पेरेंटिंग कंट्रोल के साथ ही बच्चों की बातचीत पर भी नजर रखने और सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले कुछ ही दिनों में ऐसे कई मामले सामने भी आ चुके हैं।

पेरेंट्स को करते हैं बाईपास

पिछले कुछ दिनों में जिले में सामने आए मामलों में देखने को मिला है कि साइबर ठग फोन करने के बाद खुद को छात्र के स्कूल का ही टीचर बताकर उनसे बात करवाने को कहते हैं। स्कूल टीचर के नाम पर भरोसा कर पेरेंट्स बच्चे को फोन दे देते हैं और फिर निश्चिंत हो जाते हैं। इसी मौके का फायदा उठाकर ठग बच्चों को अपनी बातों में फंसाते हैं और उन्हें फ्री ऑनलाइन क्लासेज उपलब्ध कराने का ऑफर देते हैं। फिर क्लास ज्वाइन करने के लिए व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजते हैं। लेकिन वह लिंक दरअसल ठगी के लिए होता है। मासूम बच्चे जैसे ही लिंक पर क्लिक करते हैं, साइबर ठगों को उनके अभिभावक के बैंक अकाउंट से रुपए उड़ने का रास्ता मिल जाता है।

कम उम्र के छात्रों को बना रहे निशाना

ठगी के मामलों की जांच के दौरान पुलिस के सामने आया है कि ठग ऑनलाइन पेमेंट करने पर ही जोर देते हैं। वह दिल्ली मुंबई में अपने ऑफिस की गूगल पर बनाई एक फेक लोकेशन भेजकर अभिभावकों को संतुष्ट करते हैं और फिर सौदा करते हैं। ऑनलाइन बिकने वाले ज्यादातर कोर्सेज पीडीएफ फॉर्मेट में होते हैं। ऐसे में ठग रुपए लेने के बाद फेक पीडीएफ भेज देते हैं और फिर संपर्क तोड़ देते हैं। वहीं अन्य मामलों में ठग पीडीएफ का लिंक भेजने का दावा करते हैं, जिस पर क्लिक करते ही लोगों के बैंक अकाउंट्स से रुपए कटना शुरू हो जाते हैं। यह भी सामने आया है की ठग कम उम्र के छात्रों को ही अपना निशाना बना रहे हैं, जिससे कि वह जल्दी उनकी बातों में आ जाएं और उनका कहा मान लें।

कुछ मामले।

स्पीकर पर बात कराई तो बचे शिकार होने से

फरीदपुर के मिर्धान मोहल्ले के रहने वाले जोगिंदर ने बताया की संडे को उनके पास एक फोन आया था। दूसरी तरफ से बात कर रहे युवक ने खुद को उनके पांचवी में पढ़ने वाले बेटे का स्कूल टीचर बताया और उससे बात कराने को कहा। इस पर उन्होंने बेटे से बात तो कराई लेकिन फोन उन्होंने स्पीकर पर डाल दिया। उनके मुताबिक युवक ने बेटे को फ्री ऑनलाइन क्लासेज देने का दावा किया। बेटे ने नादानी में हामी भर दी तो युवक ने व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजने की बात कही। इस पर उन्हें शक हुआ तो उन्होंने फोन बच्चे से लेकर युवक से सवाल जवाब करना शुरू कर दिया। इसके बाद खुद को फंसता देख युवक ने फोन काट दिया। इस पूरे प्रकरण की शिकायत पीडि़त ने साइबर सेल में भी की है।

गूगल पे से लिंक नहीं था अकाउंट

इज्जतनगर क्षेत्र के रहने वाले प्रदीप ने बताया कि उनका बेटा नैतिक एक निजी स्कूल में कक्षा सात का छात्र है। करीब दो हफ्ते पहले उनके नंबर पर एक युवक का फोन आया, जिसने खुद को बेटे का स्कूल टीचर बताया। इस पर उन्होंने बेटे से बात करवा दी। उनके मुताबिक थोड़ी ही देर में उनके मोबाइल पर गूगल पे एक्सेस डिनाइड के मैसेज आने लगे। उन्होंने देखा तो पता चला कि किसी ने उनके खाते से रुपए निकालने की कोशिश की है। उन्होंने बेटे से बात की तो सामने आया कि युवक ने बेटे को फ्री ऑनलाइन क्लासेज दिलवाने के बहाने उससे एक लिंक पर क्लिक करवाया था। जोकि पेमेंट एक्सेस का लिंक था। उनके मुताबिक मोबाइल में गूगल पे से बैंक अकाउंट लिंक न होने की वजह से वह ठगी का शिकार होने से बच गए।

ये बरतें सावधानी

- बच्चों को मोबाइल देने के बाद उसमें पेरेंटिंग कंट्रोल जरूर ऑन कर दें, जिससे कि वह किसी अनवांटेड वेब एड्रेस पर ना जा सकें

- जिस मोबाइल को बच्चों को इस्तेमाल करने को दिया जाए, उसमें ध्यान रखें की कोई पेमेंट एप्लीकेशन ना हो

- फ्री ऑफर्स की तरफ अट्रैक्ट होने से पहले क्रॉस चेक जरूर कर लें

- अंजान लोगों से बच्चों की बात कराते वक्त उनकी कन्वर्सेशन पर जरूर ध्यान दें, जिससे कि कोई उन्हे गुमराह ना कर सके

साइबर फ्रॉड को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर भी ठगी के कई मामले सामने आए हैं। साइबर सेल सभी मामलों की गहनता से जांच कर रही है। लोगों को भी बच्चों की एक्टिविटीज पर ध्यान देने की जरूरत है।

रोहित सिंह सजवान, एसएसपी

Posted By: Inextlive