तुक्के पे तुक्का ने तुक्कु को बना दिया राजा
- विंडरमेयर थिएटर फेस्ट में सैटरडे को प्ले 'तुक्के पे तुक्का' का हुआ मंचन
- किस्मत का कुछ यूं हुआ कनेक्शन की अनपढ़ को मिला राजा का पद BAREILLY: विंडरमेयर थिएटर फेस्ट के आखिरी दिन कलाकारों ने दर्शकों को हास्य रस की फुहारों से सराबोर कर दिया। 'तुक्के पे तुक्का' प्ले में किस्मत कनेक्शन का कुछ ऐसा तालमेल दिखाया कि एक अनपढ़ राजा बन जाता है। सैटरडे को हंसते खिलखिलाते चेहरों संग 9वें दयादृष्टि रंगविनायक विंडरमेयर थिएटर फेस्ट का समापन हुआ। भोपाल के रंगविदूषक थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने बंशी कौल द्वारा निर्देशित और यु बाओरूई द्वारा लिखित प्ले 'तुक्के पे तुक्का' का शानदार मंचन किया। मुस्कुराते रहे दर्शक9वें विंडरमेयर थिएटर फेस्ट में सैटरडे को प्रस्तुत प्ले यु बाओरूई द्वारा लिखित चीनी लोककथा की 'थ्री प्रमोशन इन सक्सेस' का हिंदी रूपांतरण 'तुक्के पे तुक्का' का मंचन किया गया। कहानी की शुरुआत जागीरदार के अनपढ़ बेटे तुक्कु का एग्जाम में शामिल होने के तुक्के से होती है। अनपढ़ होने के बाद भी नवाब को तुक्कु की हाजिरजवाबी पसंद आ गई। वहीं एग्जामनर्स ने उसे नवाब का करीबी समझकर एग्जाम में पास कर दिया। दूसरा तुक्का उसका नवाब की सालगिरह मनाने से होता है। जहां तुक्कु से नफरत करने वाले बूढ़े अफसर ने उसकी धज्जियां उड़ाने के लिए कसीदा लिखा। लेकिन किस्मत के धनी तुक्कु को यहां भी शह मिली। उसी दौरान राज्य पर हमला हुआ। नए नवाब के हाथ वह कसीदा लगा। कसीदा पढ़कर नए नवाब ने तुक्कु को राजा का दुश्मन समझा और उसे सल्तनत सौंप दी। इन्हीं तुक्कों के बीच संवादों और कलाकारों की बेहतरीन से कुछ ऐसे जुमले उभरते रहे कि दर्शक हंसकर लोटपोट हो गए।