बिजली विभाग व डिश कंपनियों का 'करंट अकाउंट'
- कार्रवाई नहीं जेब भरने में लगे हैं ऑफिसर्स
- 30 हजार से अधिक घरों में है कनेक्शन BAREILLY: गोपाल कृष्ण शर्मा एक मार्च को छत पर किसी काम से गए थे। इस दौरान वह डिश के वायर में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर झुलस गए। मौके पर पहुंचे छोटे भाई पुलकित ने बमुश्किल गोपाल को बचाया। भाई को बचाने के दौरान पुलकित भी झुलस गया। आनन-फानन में परिजनों ने ट्रीटमेंट के लिए उन्हें एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया। अगले ही दिन गोपाल की शादी थी। इस घटना ने गोपाल के घरवालों को अंदर से डरा दिया। हजारों घरों पर मंडरा रहा खतरासिटी में दो कंपनियों ने डिश केबल का जाल बिछाया है, जिनमें से एक कंपनी ब् मंथ की है, तो दूसरी छह साल पुरानी है। एक अनुमान के मुताबिक इन कंपनियों ने पूरे शहर में फ्0 हजार से अधिक लोगों को कनेक्शन दे रखा है। कनेक्शन देने में माहिर ये डिश कंपनियां लोगों की जान खतरे में डाल कर अपनी जेबें गर्म करने में लगी हैं।
डिश से दौड़ रहा करंटडिश वायर में करंट दौड़ने का रीजन तार का कटा होना है। महीनों पहले बिछाए गए केबल वायर कई जगह से कट जाते हैं। इस फॉल्ट को डिश कंपनियां सही नहीं करवाती है, जिसके कारण कटे हुए केबल के टच में आने से लोगों को झटका लगता है। इस खेल में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट भी कम जिम्मेदार नहीं है। श्यामगंज, सिविल लाइन, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, राजेंद्र नगर, रामपुर गार्डेन सहित सिटी का ऐसा कोई एरिया नहीं है। जहां डिश का जाल ना बिछा हो।
बिजली विभाग की मिलीभगत इस खेल में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट भी कम जिम्मेदार नहीं है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डिश कंपनियां इलेक्ट्रिक पोल यूज करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट को मोटी रकम देती है। पैसे का यह खेल लाखों में है। ऑफिसर्स पोल वाइज डिश कंपनियों से कमीशन लेते है। मसलन जितने पोल वायर उस हिसाब से केबल कंपनियों को इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट को कमीशन देना पड़ता है। बोर्ड के मनाही के बाद भीपावर कॉर्पोरेशन ने इलेक्ट्रिक पोल पर डिश केबल लगाने पर सख्त पाबंदी लगा रखी है। बावजूद इसके ऑफिसर्स कार्रवाई करने पर कोताही बरत रहे है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक एक भी पोल से डिश केबल नहीं हटा है। जबकि बोर्ड ने ऐसा होने पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दे रखा है। ऑफिसर्स के लापरवाही का खामियाजा डिश कनेक्शन होल्डर्स को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा नहीं है हम लोग अपनी व्यवस्था करते है। पिछले म् साल से हम लोग काम कर रहे हैं। अंडर ग्राउंड भी डिश केबल बिछाने का काम होता है। हरिंदर सिंह, ओनर, डिश कंपनी जिस एरिया में पोल पर डिश केबल लगे हैं, उनकी जांच कर डिश केबल ऑपरेटर पर कार्रवाई की जाएगी। नंदलाल, एक्सईएन, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट