रेप विक्टिम्स के लिए इमरजेंसी वॉर्ड में शुरू हुई सुविधा

BAREILLY: रेप विक्टिम्स के बेहतर इलाज के लिए क्राइसिस सेंटर्स बनाए जाने की कवायद सैटरडे को शुरू हो गई। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैटरडे को क्राइसिस सेंटर के तौर पर एक नए वॉर्ड की शुरुआत कर दी गई है। इमरजेंसी वॉर्ड में ही सालों से बंद कमरों पर पड़े ताले खोलकर क्राइसिस सेंटर का रूप दे दिया गया है। इसके बाद पूरे डिविजन से आने वाले रेप केसेज में विक्टिम्स को प्राइवेसी के साथ ही बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा। सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देशों के बाद शासन की ओर से सभी डिविजन को इस संबंध में इंफॉर्म कर क्राइसिस सेंटर्स शुरू किए जाने के आदेश दिए गए थे। क्राइसिस सेंटर बनाने का मकसद रेप की शिकार महिलाओं को इलाज के दौरान होने वाले फिजिकल और मेंटल प्रॉब्लम्स से दूर रखना है।

सेंटर को िमले फ्0 बेड

सैटरडे को सीएमएस डॉ। आरसी डिमरी की अगुवाई में इमरजेंसी वॉर्ड में क्राइसिस सेंटर की शुरुआत की गई। फरवरी में ही सूबे के सभी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में क्राइसिस सेंटर्स बनाए जाने के लिए डायरेक्ट्रेट की ओर से सभी हेल्थ डिविजन को लेटर भेजे गए थे। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में बनाए गए क्राइसिस सेंटर में फ्0 बेड की व्यवस्था की गई है। क्राइसिस सेंटर में रेप विक्टिम्स और मेडिकल स्टाफ के अलावा किसी और को आने की परमिशन नहीं होगी। वहीं क्राइसिस सेंटर में रेप विक्टिम्स के लिए ट्रेंड स्टाफ की भी सुविधा होनी है। हॉस्पिटल में हालांकि क्राइसिस सेंटर्स के पैरामीटर्स के हिसाब से पूरी फैसिलिटी अवेलेबल नहीं है, लेकिन डॉक्टर्स ने इसे जल्द ही अपग्रेड किए जाने का भरोसा दिया है।

Posted By: Inextlive