कबके बिछड़े मिले हम आज यहां..
- एसआई ने मिलाया एडवोकेट पति पत्नी को
- अपहरण के केस में जा चुके थे दो लोग जेल BAREILLY: कहते हैं घर उजाड़ना तो आसान है, लेकिन घर बसाना बहुत मुश्किल है, लेकिन यहां एक एसआई ने उजड़े घर को बसाने में अहम भूमिका निभाई है। वाइफ हसबैंड को फिर से एक कर दिया है। अगर हर पुलिसकर्मी इसी तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाता रहा तो न जाने कितने घर उजड़ने से बच जाएगा और न जाने कितने बच्चों की जिंदगी बर्बाद होने से बच जाएगी। केस सुलझाने में आई अड़चनेंइस मामले को सुलझाना पुलिस के लिए आसान नहीं था। केस की शिकायत आईजी व डीआईजी से भी की गई। एसएसपी ने केस को सुलझाने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। उनके इस प्रयास को पूरा किया प्रेमनगर के एसआई जेके तोमर ने। तोमर ने सबसे पहले केस में विरोधियों को दूर किया और पति-पत्नी को एक कर दिया। अब दोनों अपने बच्चों के साथ किराए का कमरा लेकर वानखाना में रहने लगे हैं। एसएसपी ने केस को सुलझाने पर एसआई को धन्यवाद दिया। उन्होंने एसआई तोमर की तरह ही सभी पुलिसकर्मियों को अच्छा वर्क करने के लिए कहा है।
अपहरण का केस दर्जहिना कौसर मोहल्ला मौला नगर प्रेमनगर में रहती थी। हिना ने एमए तक पढ़ाई की है और वह प्राइवेट जॉब करती थी। उनकी शादी वर्ष ख्0क्0 में लभेड़ा निवासी मुदस्जिर रजा खां से हुई थी। मुदस्जिर पेशे से एडवोकेट हैं। उनके दो बच्चे हैं। दोनों की लाइफ अच्छी तरीके से चल रही थी, लेकिन अचानक एक दिन उनके बीच में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया। हिना ने अपने पति के खिलाफ प्रेमनगर थाना में दहेज मांगने की एफआईआर दर्ज करा दी। यही नहीं उसने कोर्ट में भी भरण पोषण का केस कर दिया। हिना ने क्9 फरवरी ख्0क्ब् को प्रेमनगर थाना में अपने बच्चों के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई। हिना ने आरोप लगाया कि उसके बच्चों को उसका पति व ससुराल वाले जबरन उठाकर ले गए हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में हिना की सास और ननद जेल भी चली गई।
तीन दिन लगातार हुई मीटिंगकई दिनों तक कार्रवाई ना होने पर हिना ने मामले की शिकायत सीनियर पुलिस अधिकारियों से कर दी। वे शिकायत लेकर करीब पांच बार एसएसपी के पास पहुंच चुकी हैं। यही नहीं आईजी व डीआईजी से शिकायत पर दोनों ने एसएसपी को केस सॉल्व करने के निर्देश दिए। उसके बार-बार पहुंचने पर एसएसपी ने केस की जांच प्रेमनगर के एसआई जेके तोमर को सौंप दी। एसआई जेके तोमर ने सबसे पहले मामले से जुड़े दोनों पक्षों से बात की। बात करने पर पता चला कि दोनों पक्षों में कुछ ऐसे विरोधी हैं, जो दोनों की सुलह नहीं होने देना चाहते हैं। उन्होंने सबसे पहले दोनों ओर के विरोधियों को केस से दूर रहने की सख्त हिदायत दी। उसके बाद पक्ष में रहे कुछ लोगों को साथ लेकर पति-पत्नी के बीच लगातार तीन दिन तक मीटिंग कराई। मीटिंग में दोनों को समझाया गया कि किस तरह से झगड़ा करने से उन दोनों के साथ-साथ बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। इस तरह दोनों साथ रहने को राजी हो गए। दोनों ने निर्णय लिया कि वो अपने परिवार से अलग रहेंगे। अब दोनों ने सुर्खा वानखाना में अलग कमरा लेकर अपने बच्चों के साथ रहना शुरू कर दिया है।