Bareilly: यूं तो क्राफ्ट फेयर में देश भर की कारीगरी के स्टॉल लगे हैं पर बरेली की पहचान जरी-जरदोजी और बांस-बेंत के फर्नीचर सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बने हुए हैं. इतना ही नहीं यहां लगे स्टॉल्स पर ऑर्डर्स भी बुक कराए जा रहे हैं. लोग फेयर में डिस्प्ले आइटम्स की जानकारी लेकर कारीगरों को हाथों-हाथ असाइनमेंट्स दे रहे हैं. फेयर में रात तक विजिटर्स की आवाजाही लगी रहती है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार दिन में 9 लाख का कारोबार हो चुका है. ट्यूजडे को फेयर के स्टेज पर कल्चरल प्रोग्राम्स भी ऑर्गनाइज किए जाएंगे.


यहां reasonable होंगे priceशॉप ओनर्स के मुताबिक फेयर के स्टॉल पर कस्टमर्स को जो आइटम जिस रेट पर मिलेगा, मार्केट में उस रेट पर मिल पाना मुश्किल है। मार्केट में जो भी आइटम्स सेल के लिए पहुंचते हैं, वो कारीगर के बाद बिचौलियों से होते हुए सेलर क ो मिलते हैं। इससे रेट्स में काफी इजाफा हो जाता है। क्राफ्ट फेयर में बांस के फर्नीचर का स्टॉल लगाने वाले मोहम्मद नदीम ने बताया कि यूं तो उनका काम सीबीगंज में होता है पर यहां स्टॉल लगाने की वजह से उन्हें एक ही दिन में 3-4 ऑर्डर्स मिल रहे हैं। साथ ही स्टॉल पर भी अच्छी सेल हो रही है।मिल रही है पहचान


क्राफ्ट फेयर में मंडे को भी अच्छी-खासी भीड़ हुई। लोग केवल खरीदारी ही नहीं बल्कि फूड स्टॉल पर भी जायके का मजा ले रहे हैं। जरी-जरदोजी का स्टॉल लगाने वाली शहाना ने बताया कि उनके पास तीन दिन में कुछ असाइनमेंट्स आ चुके हैं। क्राफ्ट फेयर में एक्सपोजर मिलने की वजह से ही उन्हें ये ऑर्डर्स मिल रहे हैं।

उनका कहना है कि इस तरह के फेयर लगने से बरेली की खासियत जरी-जरदोजी को अच्छा एक्सपोजर मिल रहा है। फेयर कोऑर्डिनेटर मुख्तार अंसारी ने बताया कि फेयर को बरेलियंस का अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। उम्मीद है कि आगे भी यह जारी रहेगा। अभी तक 9 लाख रुपए का कारोबार हो चुका है। इसी को देखते हुए फेयर में ट्यूजडे से 10 स्टॉल और बढ़ जाएंगे। दरअसल अब तक कानपुर में भी क्राफ्ट फेयर चल रहा था। अब वहां से कुछ और स्टॉल यहां आ जाएंगे।

Posted By: Inextlive