'शीला' व 'मुन्नी' की धूम
शोले बम से मचेगा 'गदर'यह दीपावली हर कदम कुछ खास लेकर आई है। बरेली की पटाखा मार्केट में एक से बढ़कर एक पटाखों की लंबी रेंज को बरेलियंस भी हाथों-हाथ ले रहे हैं। गदर, बेताब और शोले बम के धमाके की गूंज दीपावली को धमाकेदार बनाएगी। तो करीना चकरी नाच-नाचकर सबका दिल बहलाएगी। अनारकली डिस्को न जाकर अनार के सितारों से आपके घर में रोशनी करेगी। रस्सी पर रेलगाड़ीरस्सी पर चलने वाली धूम रेलगाड़ी सबको पीछे छोडऩे का तैयार है। इसके अलावा भूचाल बम, सोनी बारात, वाइट विच, वंडर बीज, क्रेकलिंग वार, पैराशूट जैसी आतिशबाजियां भी बच्चों को खूब पसंद आ रही हैं। ये सभी स्काई शॉट की कैटेगरी के पटाखे हैं। शॉपकीपर्स बताते हैं कि बच्चों को सबसे ज्यादा रानी कलर फुल फुलझड़ी भा रही है। Pocket पर भी नहीं है भारी
बड़े-बड़े नामों वाले ये पटाखे पॉकेट पर भी ज्यादा भारी नहीं हैं। से काफी वाजिब कीमतों पर उपलब्ध हैं। हालांकि दुकानदार मान रहे हैं कि पिछली बार की तुलना में इस बार पटाखों की कीमतों में 10 से 15 परसेंट का उछाल आया है। ऐसा रॉ मैटेरियल के कॉस्टली होने के चलते हुआ है। वहीं धनतेरस के बाद अचानक पटाखा मार्केट में आए कंज्यूमर्स की बाढ़ ने व्यवसायियों में उत्साह भर दिया है।
यहां लगी है market * राजकीय इंटर कॉलेज मैदान * तिलक इंटर कॉलेज मैदान * रामलीला मैदान, हार्टमैन कॉलेज* रूहेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने तुलसीनगर का मैदान * मनोहर भूषण इंटर कॉलेज का मैदान* सुभाषनगर रेलवे स्कूल का ग्राउंड* सदर बाजार में चर्च के बाहर* बीआई बाजार के तिकोनिया पार्क* सीबी गंज में आईटीआर की खाली पड़ी जमीन* इज्जतनगर शिव पार्वती मंदिर के पास Cracker market में नहीं fallow हो रहे rules प्रशासन भले नियमों के पालन का दंभ भर रहा हो मगर असलियत ये है कि दीपावली से ठीक पहले सिटी की पटाखा मार्केट में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सैकड़ों किलो बारूद बिना सुरक्षा मानकों के बरेलियंस के बीच है। पटाखा मार्केट में शॉप लगाने से लेकर उनके रख रखाव तक पर एडमिनिस्ट्रेशन ने नियम जारी कर रखे हैं। मगर कहीं भी इनका पालन होता दिख नहीं रहा है। Standard के according gap नहीं
पटाखों की मार्केट लगाने वाले व्यवसायियों को एडमिनिस्ट्रेशन ने इस बात की स्पष्ट इंस्ट्रक्शंस दे रखी है कि खुले मैदान में लगने वाली दुकानों के बीच कम से कम 3 मीटर का डिस्टेंस होना चाहिए। मगर राजकीय कॉलेज के मैदान में लगी दुकानों एक दूसरे से सटाकर लगाई गई है। वहीं एक नियम यह भी है कि दुकानों पर टीन शेड होना चाहिए। मगर यहां दुकानों कपड़े की कनातों से बनाई गई है। जाहिर है कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में चंद मिनटों में ही बाजार आग का गोला बन जाएगा। Fire extinguisher भी नहीं सुरक्षा कारणों से हर दुकान पर दो बाल्टी रेत, दो बाल्टियां पानी की और फायर एक्सटिंग्विशर होना जरूरी होता है। दुकानों पर रेत की बाल्टियां तो मिली मगर कहीं भी पानी की बाल्टियां नहीं रखी गई है। वहीं केवल कुछ दुकानों पर ही फायर एक्सटिंग्विशर रखा गया है। खासकर राजकीय कॉलेज के मैदान में लगी पटाखा मार्केट में तो कोई भी रूल्स फॉलो नही हो रहा है। वहीं इलेक्ट्रिक वायर्स को ओपन न छोडऩे का रूल है ताकि शॉर्ट सर्किट न हो सके। मगर यहां तो इलेक्ट्रिक वायर भी ओपन छोड़ दिए गए हैं। ये हैं नियम * हर दुकान पर 2 फायर एक्सटिंग्विशर होने चाहिए। * रेत की दो बाल्टियां होनी चाहिए। * हर दुकान पर पानी की दो बाल्टियां होनी चाहिए।* दो दुकानों के बीच का डिस्टेंस 3 मीटर होना चहिए।* बिना टिन शेड के दुकाने न हो।
* इलेक्ट्रिक वायर ओपन नहीं होने चाहिए।* हेलोजन लाइट के यूज पर बैन होगा।