नगर निगम एरिया की कॉलोनीज में अब बारिश से जलभराव नहीं होगा. नाला सफाई के लिए आयोग ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दे दी है. आचार संहिता के कारण अभी तक नाला सफाई की टेंडर प्रक्रिया फंसी हुई थी. फस्र्ट फेज में २९ बड़े नालों में से १३ नालों के लिए टेंडर निकाला गया है. करीब दो करोड़ रुपए से सभी बड़े नालों की सफाई होगी.

बरेली (ब्यूरो)। नगर निगम एरिया की कॉलोनीज में अब बारिश से जलभराव नहीं होगा। नाला सफाई के लिए आयोग ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दे दी है। आचार संहिता के कारण अभी तक नाला सफाई की टेंडर प्रक्रिया फंसी हुई थी। फस्र्ट फेज में २९ बड़े नालों में से १३ नालों के लिए टेंडर निकाला गया है। करीब दो करोड़ रुपए से सभी बड़े नालों की सफाई होगी।

रहेगा चैलेंज
बीते वर्ष बड़े नालों का टेंडर नहीं होने के चलते निगम ने खुद के दम पर सफाई कराई थी। इससे वर्षा के दौरान कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। इस वर्ष भी किरकिरी न हो इसको लेकर निगम ने नाला सफाई का टेंडर निकालने की तैयारी के बीच १६ मार्च को आचार संहिता को लागू हो गई। इससे टेंडर प्रक्रिया थम गई। इस पर निर्वाचन आयोग से अनुमति का इंतजार किया जा रहा था। अनुमति मिलने के बाद निगम ने शुक्रवार से १६ नालों की सफाई शुरू कर दी। मुख्य अभियंता पुनीत कुमार ओझा ने बताया कि १३ नालों का टेंडर आमंत्रित किया गया है। २३ मई को इन नालों का टेक्निकल खुलेगा। शहर में २२९ छोटे-बड़े नाले हैं। माना जा रहा है कि मानसूनी वर्षा के आगमन में महज कुछ ही समय बचे होने के बाद निगम की लिए सफाई किसी चुनौती से कम नहीं होगी।

यहां होती है परेशानी
शहर में वर्षा के दौरान सबसे अधिक परेशानी हजियापुर, संजयनगर, इंग्लिशगंज, छोटी विहार, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ क्षेत्र में होती है। इन वार्ड के कई मुहल्लों में वर्षा के दौरान लोगों के घरों तक पानी घुस जाता है। इसके लिए नालों पर किए गए अतिक्रमण भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। जिसे हटाने के लिए निगम यदा-कदा अभियान चलाकर खानापूर्ति करता रहता है। इस वर्ष भी नाला सफाई पर करीब दो करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।


निर्वाचन आयोग से अनुमति मिलने के बाद नालों की सफाई को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। वर्षा से पहले सभी नाले-नालियों की तली झाड़ सफाई के निर्देश दिए गए हैं।
-निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive