- पिछले वर्ष बुजुर्ग और युवा वर्ग में हो रही थी कोरोना की पुष्टि

- हाल ही में संक्रमित मिले 73 केसेज में मासूम और किशोर भी शामिल

बरेली : बच्चों को वाहनों पर बैठाकर सड़कों पर सैर सपाटा करने वालों के लिए यह खबर काम की है। पिछले साल जहां मार्च से कोरोना ने कहर बरपाना शुरू किया था इस दौरान बुजुर्ग, युवाओं कोरोना संक्रमित अधिक मिल रहे थे। लेकिन अब जब दोबारा कोरोना के केसेज बढ़े हैं तो इनमें मासूम और किशोर भी इसकी जद में तेजी से आ रहे हैं। इसकी मेन वजह है कि पेरेंट्स ठीक प्रकार से बच्चों को कोरोना से बचाव की गाइड लाइन फॉलो नहीं करा रहे हैं।

ऐसे बढ़ रहे केस

कोरोना संक्रमण का असर जिले में तेजी से बढ़ने लगा है। फ्राईडे को पिछले साल दिसंबर महीने के बाद सर्वाधिक 73 कोविड पॉजिटिव जिले में सामने आए हैं। फरवरी महीने तक के केस में जहां अधिकांश मामलों में युवा या इससे ऊपर का उम्र वर्ग कोरोना संक्रमण का शिकार था। वहींए मार्च के आखिरी महीने और अप्रैल में भी कोविड.19 यानी सार्स.2 वायरस मासूमों और किशोरों को भी अपना शिकार बना रहा है। पिछले कुछ दिनों में ही दर्जन भर से ज्यादा बच्चे कोविड संक्त्रमण का शिकार हो चुके हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना संक्त्रमण के बदलते असर और एसिम्टोमेटिक केस होने की वजह से संक्त्रमण का असर बच्चों तक पहुंच रहा है।

तीन से छह साल से कम उम्र के कई बच्चे

पिछले छह दिनों में जिले में मिले कोरोना संक्त्रमितों के आंकड़ों पर नजर डालें तो तीन से छह साल की उम्र के दर्जन भर बच्चे संक्रमित मिले। इसके अलावा कई किशोर भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं।

एसिम्टोमेटिक होने की वजह से बढ़ रहे केस

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की वजह पूछने पर विशेषज्ञ कई वजह बताते हैं। सबसे खास वजह है कि कई मामलों में बच्चों के माता.पिता एसिम्टोमेटिक होते हैं। कोरोना संक्रमण के लक्षण न होने की वजह से वो लगातार मासूम के संपर्क में रहते हैं और इससे बच्चा भी संक्रमित हो जाता है।

बाहर से आने पर अब होती है लापरवाही विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर आने के बाद जब लाकडाउन हटाए तब भी लोग ज्यादा सावधानी बरतते थे। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलते थे। समय-समय पर सेनेटाइजेशन करते या हाथ धोते थे। वापस आने पर पहले बाहर की कपड़े और खुद को संक्रमित करते थे.लेकिन अब लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं।

बच्चों को बेहद जरूरी होने पर ही बाहर लेकर जाएं। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का ध्यान रखें.वहीं, खुद भी बाहर से आकर पहले पूर्व की तरह कोरोना बचाव की गाइड लाइन का पालन करें।

-डॉ रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी

Posted By: Inextlive