संक्रमितों की बेपरवाही से देखभाल, खतरे में तीमारदार
केस नंबर : 1
कोरोना वार्ड के गेट तक गए, हुए संक्रमित करीब पंद्रह दिन पहले शहर के एक नामी शख्स ने चौकी चौराहा के पास स्थित कोविड अस्पताल में अपने कोरोना पॉजिटिव वृद्ध पिता को भर्ती कराया। उनकी तीमारदारी के लिए महज दो से तीन बार कोरोना वार्ड के गेट तक ही गए। वहीं, वृद्ध मां भी महज एक दिन ही वार्ड के पास तक पहुंची। लेकिन संक्रमण ने दोनों के फेफड़ों को ऐसा जकड़ा कि आज मां-बेटे भी कोरोना संक्रमित हैं और एक निजी अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है। केस नंबर : 2 तीमारदारी में पहुंचे, अब खुद आइसीयू मेंवहीं सरकारी कोविड अस्पताल में एक तीमारदार ऑक्सीजन की कमी की वजह से लगातार मरीज के वार्ड तक जा रहे थे। इस दौरान मुंह पर केवल अंगोछा रहता था। अभी तक उनके संक्रमित मरीज की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई। लेकिन तीमारदारी के दौरान एहतियात न बरतने से अब वह खुद पॉजिटिव हैं। स्टाफ ने बताया कि कई बार मरीज को खुद खाना खिलाते थे, मना करते लेकिन माने नहीं। वायरल लोड भी शरीर में इतना बढ़ गया कि तीमारदार बतौर कोरोना संक्रमित आइसीयू में भर्ती हैं।
बरेली : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन बेहद जरूरी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोविड अस्पताल में संक्रमितों को लेकर आने वाले या फिर देखभाल के लिए मौजूद तीमारदारों के भी संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि संक्रमित स्वजन की देखभाल करते समय अधिकांश तीमारदार अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। यही वजह है कि तीमारदार खुद संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि तीमारदार अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखें, जिससे किसी और को उनकी देखभाल करने के लिए परेशानी व खतरा न उठाना पड़े।
गोद में उठाकर लाने में खतरा संक्रमितों की तेजी से बढ़ी संख्या की वजह से कई बार तीमारदारों को अस्पताल के गेट पर स्वास्थ्यकर्मी या स्ट्रेचर नहीं मिलता है। ऐसे में कई बार संक्रमित को गोद में उठाकर तीमारदार ले जाते हैं। जानकार बताते हैं कि ऐसी स्थिति में संक्रमण का खतरा 90 फीसद तक बढ़ जाता है। वजह, इस दौरान संक्रमित का मुंह आपके चेहरे के बेहद नजदीक होता है। वहीं शारीरिक संपर्क भी अधिकतम रहता है। ऐसे में जरा सी चूक संक्रमित कर सकती है।अस्पताल के अंदर 80 फीसद डर चूंकि हवा में भी संक्रमण होने की बात विशेषज्ञ कह चुके हैं। अब चूंकि ऑक्सीजन की कमी के बाद से अधिकांश तीमारदार संक्रमितों के आसपास ही रहते हैं। इस दौरान बहुत कम लोग ही डबल मास्क या हाथ में ग्लब्ज पहनते हैं। ऐसे में संक्रमित क्षेत्र में होने की वजह से खुद भी संक्रमित होने का खतरा 80 फीसद तक बढ़ जाता है। खाना खिलाने या संक्रमित के वार्ड में रहने पर भी इतना ही खतरा रहता है।
संक्रमितों के तीमारदारों को अस्पताल परिसर में रहने के दौरान संक्रमित क्षेत्र से यथासंभव दूरी रखनी चाहिए। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का यथासंभव पालन करें। किसी वजह से संक्रमित क्षेत्र में आएं तो डबल मास्क के साथ चेहरा फेसशील्ड से ढकें। हाथ में दस्ताने हों। यहां से निकलने के बाद खुद को सैनिटाइज करें। - डॉ। एसके गर्ग, सीएमओ