लगातार इनडोर रहने से हो सकते हैं डायबिटिक
बरेली (ब्यूरो)। यदि आप भी गर्मी से राहत के लिए लगातार एसी में रहते हैं और इनडोर रहना आपकी आदत बन चुकी है तो सावधान हो जाइए, लगातार इस आदत का बना रहना आपके अंदर विटामिन डी का लेवल कम कर रहा है। इस वजह से लोगों में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ रहा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ। अजय मोहन अग्रवाल ने बताया कि विटामिन डी का उत्सर्जन धूप से होता है। जो लोग लगातार एसी या इनडोर रहते हैं, उनमें विटामिन डी का लेवल कम हो जाता है।
धूप से कितना उत्सर्जन
वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि प्रतिदिन सुबह या हफ्ते में कम से कम दो बार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच अगर पांच से 30 मिनट तक हाथ, चेहरे, पैर व पीठ पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो विटामिन डी-3 एब्जॉर्बेशन पर्याप्त मात्रा में हो जाता है। सूरज की धूप से होने वाले डी-3 के एब्जॉर्बेशन ठीक से हो, इसके लिए सबसे जरूरी है कि अपनी स्किन पर सन स्क्रीन लोशन का प्रयोग न करें।
टाइप-1 डायबिटीज का खतरा
डॉ। सौरभ गोयल ने बताया कि शरीर में विटामिन डी की वजह से टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। बताया कि विटामिन डी से ग्लूकोज टोलरेंस बढ़ती है। जबकि इसकी कमी होने से पैक्रिवाज से इंसुलिन का सेक्रिशन कम होता है। जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
श्री संत हॉस्पिटल के ओनर और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ। सौरभ गोयल ने बताया कि लगातार इंडोर और एसी में रहने से सिर्फ टाइप-1 डायबिटीज ही नहीं शरीर में कई और बीमारी भी घर कर जाती हैं। जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो उससे टाइप-1 डायबिटीज का खतरा तो बढ़ता ही है। साथ ही शुगर, मोटापा, हार्ट की प्रोब्लम, ब्लडप्रेशर की समस्या, हड्डियां कमजोर होना और कोलस्ट्रोल बढऩा आदि बीमारियां भी हो जाती हैं। महिलाओं में ज्यादा प्रभावित
डॉ। सौरभ गोयल ने बताया कि इंडोर या एसी में प्रतिदिन 12 से 14 घंटे रहने वाले लोगों में विटामिन डी की ज्यादा कमी होती है। इसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाएं जल्द और ज्यादा प्रभावित होती हैं। बताया कि स्क्रिन को धूप न मिलने पर अन्य कई त्वचा रोग भी होने की संभावना बनी रहती है। विटामिन डी के प्रकार
विटामिन डी-2 : एस्गोकैल्शिफेरोल
सबसे अच्छा सोर्स : मशरूम और खमीर से ज्यादा
विटामिन डी-3: कोलेकैल्शियफेरोल
सबसे अच्छा सोर्स : सूरज की किरणों और मछली से भी।
फैक्ट एंड फिगर
30 मिनट तक सूरज की रोशनी से पर्याप्त मात्रा में मिलता है विटामिन डी-3 एब्जॉर्बेशन
10 बजु सुबह से शाम चार बजे के बीच प्रतिदिन धूप लेने से नहीं रहता बीमारियों का खतरा
लगातार इनडोर या एसी में रहने से शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। क्योंकि विटामिन डी का उत्सर्जन सूरज की किरणों से होता है। जब विटामिन डी की कमी होगी तो शरीर में बीमारियां तो स्वयं ही बन जाएंगीं।
डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, वरिष्ठ परामर्शदाता जिला अस्पताल
12 से 14 घंटे प्रतिदिन इंडोर रहने से शरीर में विटामिन डी का लेवन कम हो जाता है। इससे शरीर में डायबिटीज टाइप-1, शुगर, मोटापा समेत कई बीमारियां घर कर जाती हैं। क्योंकि सूरज की रोशनी न मिलने से विटामिन डी का उत्सर्जन नहीं हो पाता है।
डॉ। सौरभ गोयल, ओनर, वरिष्ठ फिजिशियन श्रीसंत हॉस्पिटल