डेंगू से बढ़ गई कई दवाओं और अन्य सामानों की खपत
बरेली (ब्यूरो)। जिले में डेंगू के केसेस बढऩे के साथ कई दवाओं एवं अन्य सामान की डिमांड भी बढ़ गई है। इतना ही नहीं जिन दवाओं की डिमांड बिल्कुल न के बराबर हुआ करती थी, उस दवा की डिमांड अब 20 गुना तक बढ़ गई है। गनीमत है कि किसी दवा के रेट नहीं बढ़े हैं और सभी दवाएं आसानी से मेडिकल स्टोर्स पर भी उपलब्ध हैं। मेडिकल संचालकों की मानें तो इस समय प्लेटलेट्स की दवा की डिमांड अधिक आ रही है। इसके साथ ही फीवर की दवाएं लोग अधिक खरीद रहे हैं। हालांकि दवाएं डॉक्टर्स की सलाह से ही लेने की वे भी सलाह दे रहे हैं। वही जिले में थर्सडे को डेंगू के 13 नए केसेस और सामने आए। जिले में टोटल केसेस की संख्या 997 तक पहुंच गई है।
इसकी 20 गुना डिमांड
डेंगू या फीवर में जब प्लेटलेट्स गिरने लगती हैं तो इसको लेकर कई बार लोग चिंतित हो जाते हैं और वायरल फीवर को भी डेंगू के लक्षण समझ लेते हैं। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि वायरल फीवर में भी प्लेटलेट्स गिरती है। इसके लिए डॉक्टर्स टेबलेट भी लिखते हैं, जो पपीते के पत्तों के जूस से बनी हुई होती है। कुछ लोगों का मानना है कि पपीता के पत्तों का जूस, कीवी और नारियल पानी पीने से प्लेटलेट्स बढ़ जाती है। इसके लिए आजकल कैरिपिल दवा को डॉक्टर्स खूब लिख रहे हैं। सेरिका पपाया लीफ ऐक्सट्रैक्ट टैबलेट यानी ये दवा पपीते के पत्ते के रस से बनी है।
प्लेटलेट्स और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले सभी आइटम की डिमांड बढ़ी है। नारियल पानी विक्रेताओं की मानें तो पहले की अपेक्षा अब नारियल पानी की खपत 30 परसेंट तक बढ़ी है। नारियल पानी के रेट में भी इजाफा हुआ है। पहले जो नारियल पानी 30-40 रुपए का मिल रहा था, वह अब 60-70 रुपए प्रति नारियल तक बिक रहा है। पपीता पत्ता और गिलोय की मांग
फीवर के केसेस में भी अब प्लेटलेट्स गिरने के केसेस आ रहे हैं। इसको लेकर लोग अब पपीता पत्ता का जूस और गिलोय जूस भी पीकर प्लेटलेट्स बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि गिलोय और पपीता पत्ता का जूस पीने से प्लेटलेट्स बढ़ती है। इसीलिए लोगों ने अपने जानने वालों के यहां तक पपीता के पत्ते और गिलोय को नहीं छोड़ रहे हैं। यहां तक कि जंगल में खड़ी गिलोय तक को लोग तलाश रहे हैं।
कीबी ब्रोकली के दाम भी बढ़े
लोगों का मानना है कि ब्रोकली और कीवी का फल खाने से प्लेटलेट्स बढ़ जाती हैं। इसलिए ही इनके भी रेट में इजाफा हुआ है। कीवी जहां अभी तक प्रति पीस 30 रुपए मिल रही थी, वह अब 60-70 रुपए प्रति पीस मिल रही है। वहीं ब्रोकली के भी रेट में इजाफा हुआ है।
बकरी दूध की तलाश करने के लिए लोग गांव तक के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक कि बकरी का दूध पाने के लिए लोग सिफारिश और परिचतों को तलाश रहे हैं ताकि वह अपनों को जल्द स्वस्थ्य कर सकें। हालांकि बकरी के दूध की डिमांड बढऩे से अब 500-600 रुपए प्रति लीटर तक मिल रहा है।
वायरल इंफेक्शन कोई भी हो, इसमें प्लेटलेटस कम होती ही हंै। डेंगू में प्लेटलेट्स अधिक कम होती है ओर टाइफाइड में प्लेटलेट्स पर इफेक्ट कम होता है। अभी तक प्लेटलेट्स की डिमांड जहां 60-70 ही होती थी, वह अब 200 तक पहुंच गई और प्लाज्मा की डिमांड अभी तक जो 70 तक हुआ करती थी, वह अब 300 तक पहुंच रही है।
डॉ। जेपी सेठी, एसोसिएट डायरेक्टर, आईएमए ब्लड बैंक
फीवर की दवाओं सहित प्लेटलेट्स बढ़ाने जैसी दवाओं की डिमांड बढ़ी है। मेडिकल स्टोर्स पर सभी दवाएं हर जगह उपलब्ध हैं। दवाओं के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
दुर्गेश खटवानी, दवा व्यापारी
नावेद, नारियल विक्रेता