गलत मीटर रीडिंग करके बिजली विभाग मांग रहा कमीशन
केस वन
बिहारीपुर के रहने वाले अभिषेक कुमार गलत मीटर रीडिंग से परेशान है। पिछले कई दिनों से विभाग के चक्कर लगाने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। हर महीने बिल जमा करने के बाद भी पिछले महीने 5,000 से अधिक का बिल आ गया है। आरडीएफ बिल को ठीक करवाने के नाम पर कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग की जा रही है। केस टू सिविल लाइन के डॉ। आरबी मिश्रा पिछले एक साल से विभाग की हरकतों की वजह से परेशान है। बिजली के बिल गलत बताकर कर्मचारी 16,000 रुपए हर्जाना की बात करते है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि दस हजार रुपये दे दीजिए तो 16 हजार नहीं देने होंगे और आईडीएफ भी हट जाने की बात कर्मचारी करते है। इस बात की कंप्लेन डॉ। आरबी मिश्रा ने चीफ इंजीनियर से लेकर एसई तक कर चुके है। केस थ्रीवहीं इज्जतनगर के किशोर वर्मा बिजली विभाग की हरकतों से परेशान होकर कनेक्शन कटवाने तक की अर्जी लेकर घूम रहे है। थर्सडे को बिजली विभाग पहुंचे किशोर ने बताया कि, स्लिप पर क्या लिखा होता है इस बात की जानकारी विभाग और रीडिंग कंपनी को होती है। बिल जमा करने के नाम पर पहले बिल सही करवा कर आने को कहते हैं। दो दिन से विभाग के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं।
BAREILLY : इन केसों को पढ़कर आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि, बिजली विभाग कंज्यूमर्स को किसी तरह से परेशान कर रहा है। मीटर रीडिंग के नाम पर खुलेआम कंज्यूमर्स को लूटा जा रहा है। मीटर रीडिंग का काम देख रही साई कंपनी गलत रीडिंग का अंबार लगाती जा रही है। विभाग के मैक्सिमम कंज्यूमर्स रीडिंग डिफेक्टिव, एपीरियंस डिफेक्ट जैसे बिजली बिल की वजह से पैसे और समय बर्बाद कर रहे हैं। कई कंज्यूमर्स ने इस बात की लिखित शिकायत चीफ इंजीनियर, एसई, एक्सईएन से कर चुके है। इसके बाद भी समस्याओं से उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है। और शुरू हो जाती है परेशानीरीडिंग कंपनी की लापरवाही का ही नतीजा है कि, बिजली विभाग के ऑफिस जितने कंज्यूमर्स बिल जमा नहीं करने पहुंच रहे हैं उससे कहीं अधिक गलत मीटर रीडिंग को ठीक करवाने के लिए आ रहे हैं। फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड तीनों डिविजन की बात करें तो, हर रोज ख्00 से अधिक कंज्यूमर बिल सही करवाने के लिए पहुंच रहे है। मीटर रीडिंग गलत होने की बात कंज्यूमर को तब पता चलती है। जब वह बिजली बिल जमा करने के लिए बिल काउंटर पर पहुंचते है। गलत रीडिंग की बात कहकर कर्मचारी बिजली बिल भी जमा करने से मना कर देते हैं। यहीं से कंज्यूमर्स की परेशानियां शुरू हो जाती है। बिल ठीक करवाने के लिए जेई, एसडीओ, एक्सईएन और बाबू के यहां चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें समस्याओं से राहत नहीं मिल पाती हैं। जबकि सही नियम यह है कि, बिल गलत होने पर डिस्ट्रिब्यूशन का जेई रीडिंग को वैरीफाई करता है। फिर एसडीओ मार्क करता है। तत्पश्चात बिल को सही किया जाता है।
आईडीएफ बिल बनाने का कारण आईडीएफ बिल बनाने की मुख्य वजह मीटर में तकनीकी खराबी का होना है। डिस्प्ले न आना, रीडिंग दिखाई न पड़ना भी आईडीएफ बिल बनने का अहम कारण है। सूत्रों की मानें तो जानकारों के अभाव में जल्दबाजी और काम के दवाब के चलते आईडीएफ बिल बनने में इजाफा हो रहा है। मीटर खराब होने की स्थिति में आईडीएफ, रीडिंग डिफेक्टिव होने पर आईडीएफ व एपीरियंस डिफेक्ट होने पर एडीएफ बिल बनता है। इस प्रकार के बिल कंज्यूमर्स के सामने एक बड़ी समस्या पैदा कर रही है। नहीं होती जुर्माने की वसूलीबिजली विभाग की ओर से बिलिंग अनुबंध पत्र में इंस्टूमेंट डिफेक्टिव (आईडीएफ) बिल बनाने पर भ्00 से भ्,000 रुपए तक जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान किया गया है। दोषी कर्मचारियों पर यह जुर्माना सही मीटर रीडिंग होने के बाद भी आईडीएफ बिल बनाए जाने पर लिए जाने का प्रावधान है। महीने के अंत में बिलिंग का परसेंटेज बढ़ाए जाने के फेर में ऐसे बिलों में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है। लेकिन एजेंसी और विभाग के बीच सांठ- गांठ की वजह से किसी भी महीने में जुर्माना वसूल नहीं किया जाता है।
ताक पर रखे जाते है नियम रूल्स के अकॉर्डिग बिलिंग का काम कर रही एजेंसी को क्00 मीटर रीडर रखने का अधिकार है। एक मीटर रीडर से एक दिन में अधिकतम 70 बिल बनाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन इस टाइम एजेंसी के पास प्रर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। जिसकी वजह से एक मीटर रीडर से एक-एक दिन में क्भ्0 से अधिक बिल बनवा रही है। वेतन व कमीशन के आधार पर रखे गए मीटर रीडर पैसे के लालच में सही गलत रीडिंग धड़ल्ले से कर रहे है। यहीं नहीं रीडिंग करने वाले कर्मचारियों प्रॉपर ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है। जो गलत मीटर रीडिंग का सबसे बड़ा कारण बन रही है। । बॉक्सस्लीप पर लिखे इन बातों का ध्यान दें
एमयू - बिल सही है आईडीएफ - मीटर खराब है एडीएफ - मीटर खराब है आरडीएफ - गलत रीडिंग सीडीएफ - बिजली बिल क्ब् गुना अधिक दर्शाता है । गलत मीटर रीडिंग से परेशानी होती है। दोषी कर्मचारियों को काम से भी हटा दिया जाता है। मीटर रीडिंग गलत न हो इस बात का पूरा ध्यान दिया जा रहा है। नंदलाल, एक्सईएन, बिजली विभाग