मिलीभगत या अनदेखी
बरेली (ब्यूरो)। फायर डिपार्टमेंट की उदासीनता के चलते जिले बड़ी संख्या में होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल व अस्पताल बिना फायर एनओसी के संचालित हो रहे हैं। लखनऊ हादसे के बाद बरेली फायर डिपार्टमेंट की नींद टूटी तो मंगलवार को जिले में अभियान चलाकर 159 होटल, स्कूल व अस्पतालों में आग से बचाव के इंतजाम परखे। जांच में सामने आया कि 92 संस्थान बिना एनओसी संचालित हो रहे हैं। विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
इनसेट
नोटिस जारी कर भूल जाता है विभाग
कुछ माह पहले डीडीपुरम स्थिल लूथरा टावर में शॉट सर्किट की वजह से भीषण आग लगी थी। हादसे में करीब 35 लोगों की जान जाते-जाते बची। जांच में सामने आया था कि लूथरा टावर ओनर के पास फायर विभाग की एनओसी भी नहीं थी। इसके बाद फायर डिपार्टमेंट की ओर से लूथरा टावर के ओनर को नोटिस तो जारी किया गया। लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसके कुछ ही दिनों बाद बिहारीपुर में आबादी में बने टैंट के गोदाम में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। उसे भी विभाग की ओर से नोटिस तो जारी किया गया। लेकिन आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई। टैंट का गोदाम अभी भी बिना फायर एनओसी संचालित है। जबकि नियम यह है कि आबादी क्षेत्र में कमर्शियल एक्टीविटी नहीं कर सकते हैं।
डीडीपुरम स्थित लूथरा टावर में आग की घटना के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने कैंपेन चलाया था। स्टिंग के दौरान सामने आया था कि कई नामी हॉस्पिटलों व संस्थानों के फायर एनओसी ही नहीं थी। विभागीय अधिकारियों ने उन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन आज तक उन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। अब इसे विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत कहें या लापरवाही। फैक्ट एंड फिगर
159 होटल, अस्पताल व स्कूल्स में पूरे जिले में की छापामारी
92 संस्थान बिना फायर एनओसी के हो रहे संचालित
वर्जन
जिन संस्थानों में फायर सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन पाया गया है। उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नोटिस पीरियड के बाद भी संस्थानों में फायर सेफ्टी को लेकर सुधार नहीं किया तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रमोहन शर्मा, सीएफओ